बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला; सुप्रीम कोर्ट ने CBI जांच रोकी:कहा- कैबिनेट के फैसले न्यायिक जांच के अधीन नहीं, ममता बोलीं- हम आदेश से बंधे हैं

सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के स्कूल भर्ती घोटाले मामले में CBI जांच पर रोक लगा दिया है। मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने स्कूल कर्मचारियों के लिए अतिरिक्त पदों को बढ़ाने को लेकर पश्चिम बंगाल कैबिनेट के फैसले की CBI जांच का आदेश दिया था। मंगलवार को चीफ जस्टिज संजीव खन्ना की अगुवाई वाली पीठ ने कहा, ' कैबिनेट के निर्णय की जांच CBI को सौंपना उचित नहीं था।' पीठ ने संवैधानिक योजनाओं का हवाला देते हुए कहा कि कैबिनेट के फैसले न्यायिक जांच के अधीन नहीं हैं। हालांकि, पीठ ने 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति की जांच जारी रहने की बात कही है। सुप्रीम कोर्ट ने 3 अप्रैल को 25,000 से ज्यादा शिक्षकों और गैर-शिक्षकों नियुक्तियों को अवैध करार देते हुए कर्मचारियों को बर्खास्त किया था। वहीं, सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन शिक्षकों और स्टाफ से मुलाकात की थी, जिनकी भर्ती सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दी है। ममता बनर्जी ने कहा कि हम कोर्ट के आदेश से बंधे हुए हैं। यह फैसला उन कैंडिडेट्स के लिए अन्याय है, जो काबिल शिक्षक थे। उन्होंने कहा, 'आप लोग यह मत समझिए कि हमने फैसले को स्वीकार कर लिया है। हम पत्थरदिल नहीं हैं। मुझे ऐसा कहने के लिए जेल भी डाल सकते हैं, लेकिन मुझे फर्क नहीं पड़ता है।'। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पश्चिम बंगाल BJP ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे और जेल भेजने की मांग की है। भाजपा बोली- मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जिम्मेदारी निभाने में फेल राज्य भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने एक्स पर पोस्ट कर कहा था - 'शिक्षक भर्ती में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की पूरी जिम्मेदारी राज्य की विफल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ममता बनर्जी के शासन में कैसे पश्चिम बंगाल में शिक्षित बेरोजगार युवाओं की योग्यता को पैसे के बदले बेचा गया!' भाजपा बोली- पिछले आदेश को स्वीकार किया होता तो 19 हजार शिक्षकों की नौकरी नहीं जाती पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने पूरे मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को दोषी ठहराया है। विधानसभा के बाहर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा- कई मौके मिलने के बावजूद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की मांगी गई सूची नहीं दी। राज्य सरकार के पास अभी भी एक मौका है। 15 अप्रैल तक सूची जमा कर सकते हैं। ऐसा न होने पर हम 21 अप्रैल को एक लाख लोगों के साथ नबन्ना तक मार्च करेंगे। यह एक गैर-राजनीतिक, लोगों का आंदोलन होगा। उन्होंने कहा- वे बंगाल की CM नहीं सिर्फ TMC की नेता हैं। असली CM सभी बर्खास्त शिक्षकों से मिलता, न कि मुट्ठी भर शिक्षकों से। उन्होंने दावा किया कि ममता ने सिर्फ 7 हजार शिक्षकों से मुलाकात की। उनमें कई TMC कार्यकर्ता थे। वहीं, भाजपा सांसद और कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने कहा- सरकार ने अगर पिछले आदेश को स्वीकार कर लिया होता तो 19 हजार शिक्षकों की नौकरी नहीं जाती। सुवेंदु बोले थे- ममता मुख्य आरोपी, उन्हें जेल जाना होगा भाजपा लगातार इस मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे और उन्हें जेल भेजने की मांग कर रही है। पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने सोमवार को भाजपा विधायकों के साथ मिलकर ममता सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान अधिकारी ने कहा- ममता बनर्जी को जेल जाना होगा। वह मुख्य आरोपी हैं। उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी ने नौकरियों के बदले 700 करोड़ रुपए की रिश्वत ली है। इधर, भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने भी कोलकाता में सीएम ममता बनर्जी के विरोध में प्रदर्शन किया। वहीं, केंद्रीय मंत्री और पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने दावा किया कि ममता बनर्जी शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में जेल जाने वाली दूसरी मुख्यमंत्री होंगी। हरियाणा के चार बार मुख्यमंत्री रहे दिवंगत ओम प्रकाश चौटाला ऐसे ही एक मामले में 2013 में जेल गए थे। ममता बोलीं थी- व्यक्तिगत तौर पर फैसला स्वीकार नहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ममता ने कहा था- वह व्यक्तिगत रूप से सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार नहीं करती हैं, लेकिन उनकी सरकार इसे लागू करेगी और चयन प्रक्रिया को फिर से दोहराएगी। उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या विपक्षी भाजपा और सीपीएम चाहते हैं कि बंगाल की शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो जाए। उन्होंने कहा था, 'इस देश के नागरिक के रूप में, मेरे पास हर अधिकार है और मैं जजों के प्रति सम्मान के साथ इस फैसले को स्वीकार नहीं कर सकती। मैं मानवीय दृष्टिकोण से अपनी राय व्यक्त कर रही हूं। गलत सूचना न दें या भ्रम पैदा न करें। सरकार फैसले को स्वीकार करती है। स्कूल सेवा आयोग से भर्ती प्रक्रिया को फिर से शुरू करने के लिए कहा है।' दो पॉइंट में पूरा मामला समझें... ---------------------------- मामले से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... ममता बोलीं- काबिल टीचर्स के लिए कोर्ट का फैसला अन्यायपूर्ण:​​​​​मत समझिए हमने इसे स्वीकार किया, यह कहने के लिए जेल भेज सकते हैं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को उन शिक्षकों और स्टाफ से मुलाकात की, जिनकी भर्ती सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दी है। ममता बनर्जी ने कहा कि हम कोर्ट के आदेश से बंधे हुए हैं। यह फैसला उन कैंडिडेट्स के लिए अन्याय है, जो काबिल शिक्षक थे। पूरी खबर पढ़ें...

Apr 8, 2025 - 13:34
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बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला; सुप्रीम कोर्ट ने CBI जांच रोकी:कहा- कैबिनेट के फैसले न्यायिक जांच के अधीन नहीं, ममता बोलीं- हम आदेश से बंधे हैं

बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला; सुप्रीम कोर्ट ने CBI जांच रोकी: कहा- कैबिनेट के फैसले न्यायिक जांच के अधीन नहीं, ममता बोलीं- हम आदेश से बंधे हैं

Kharchaa Pani द्वारा लिखित, टीम नेता नगरि

भारत के पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाला एक बार फिर से चर्चा का विषय बन गया है। सुप्रीम कोर्ट ने CBI द्वारा इस मामले में चल रही जांच पर रोक लगाते हुए कहा है कि कैबिनेट के फैसले न्यायिक जांच के अधीन नहीं आते। यह निर्णय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ है, जिन्होंने इस मौके पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश उन सभी मामलों को नई दिशा देने वाला है जिनमें शिक्षक भर्ती में धांधली के आरोप लगाए गए थे। न्यायालय ने स्पष्ट कहा कि सरकारी नीतियों और निर्णयों को अदालत के माध्यम से चुनौती नहीं दी जा सकती। इसके परिणामस्वरूप, CBI की जांच को रोकना अपरिहार्य हो गया है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है, "हम अदालत के आदेश के तहत बंधे हैं।" उन्होंने यह भी बताया कि उनका प्रशासन हमेशा पारदर्शिता की तरफ बल देता रहा है, और इस स्थिति में सभी प्रक्रियाओं का प्रभावी रूप से पालन किया जाएगा।

घोटाले की पृष्ठभूमि

बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले के तार पिछले कुछ वर्षों से जुड़े हुए हैं, जहां पर आरोप है कि कई फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से योग्यताओं को छुपाया गया। जांच में काफी संख्या में दस्तावेजों का खुलासा हुआ है, जिनमें भर्ती प्रक्रिया की नियमों का उल्लंघन करने के सबूत मिलते हैं।

अब जब CBI की जांच पर रोक लग गई है, तो यह प्रश्न उठता है कि आगे क्या होगा। क्या इस घोटाले में शामिल लोगों को वास्तव में न्याय का सामना करना पड़ेगा? इस पर सबकी नज़रें लगी हुई हैं।

आगे की राह

इस निर्णय के बाद, अब सही कार्रवाई को सुनिश्चित करना आवश्यक है। शिक्षा के क्षेत्र में हो रही इस तरह की धांधली से न केवल युवा शिक्षकों का भविष्य प्रभावित होता है, बल्कि यह पूरे शिक्षा तंत्र को भी कमजोर करता है। लोगों की उम्मीदें हैं कि राज्य सरकार और न्यायपालिका इस मुद्दे को गंभीरता से लेंगी।

निष्कर्ष

बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला एक संवेदनशील मुद्दा है, जिसकी गूंज अब सुप्रीम कोर्ट में भी सुनाई दे रही है। लोगों को इस बात की उम्मीद है कि आगे कोई न कोई ठोस कदम उठाया जाएगा जिससे इस तरह के घोटालों का पुनरावृत्ति न हो। ममता बनर्जी ने इस मामले में अपनी स्पष्टता रखी है, और अब देखना यह है कि कितना प्रभावी उनका प्रशासन इस मामले में आगे बढ़ेगा।

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