नेशनल हेराल्ड केस, ED ने पहली चार्जशीट दाखिल की:सोनिया, राहुल और पित्रोदा पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप; कांग्रेस बोली- मोदी, शाह धमका रहे
प्रवर्तन निदेशालय ED ने कांग्रेस के नेशनल हेराल्ड अखबार और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) से जुडे मनी लॉन्ड्रिंग केस में मंगलवार को पहली चार्जशीट दाखिल कर दी। इसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे के नाम शामिल हैं। मामले की सुनवाई 25 अप्रैल को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में होगी। कोर्ट ने ED से मामले की केस डायरी भी मांगी है। 2012 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सोनिया, राहुल और उनकी सहयोगी कंपनियों से जुड़े लोगों के खिलाफ इस मामले की शिकायत की थी। 12 अप्रैल 2025 को जांच के दौरान कुर्क संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई की गई। ED ने दिल्ली, लखनऊ और मुंबई में 661 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियों को कब्जे में लेने के लिए नोटिस जारी किया था। इससे पहले, मंगलवार को ही सांसद प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा प्रवर्तन निदेशालय (ED) के ऑफिस पहुंचे। जहां उनसे गुरुग्राम के शिकोहपुर लैंड घोटाले में पूछताछ हुई। कांग्रेस बोली- यह बदले की राजनीति कांग्रेस ने इसे बदले की राजनीति बताया। जयराम रमेश ने लिखा, 'नेशनल हेराल्ड की संपत्ति जब्त करना कानून के शासन का मुखौटा पहने हुए राज्य प्रायोजित अपराध है। सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करना प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की ओर से बदले की राजनीति और धमकी के अलावा कुछ नहीं है। हालांकि, कांग्रेस और उसका नेतृत्व चुप नहीं रहेगा। सत्यमेव जयते।' शुक्रवार को दिल्ली के हेराल्ड हाउस (5A, बहादुर शाह जफर मार्ग), मुंबई के बांद्रा (ईस्ट) और लखनऊ के विशेश्वर नाथ रोड स्थित AJL की बिल्डिंग पर नोटिस चिपकाए गए थे। 661 करोड़ की इन अचल संपत्तियों के अलावा AJL के 90.2 करोड़ रुपए के शेयरों को ED ने नवंबर 2023 में अपराध की आय को सुरक्षित करने और आरोपी को इसे नष्ट करने से रोकने के लिए कुर्क किया था। सोनिया-राहुल से घंटों हुई थी पूछताछ जून 2022 में नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी से 5 दिनों में 50 घंटे पूछताछ हुई थी। फिर 21 जुलाई 2022 में नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी से 3 दिन में 12 घंटे सवाल हुए थे। इस दौरान उनसे 100 से ज्यादा सवाल किए गए। ईडी ने राहुल गांधी से भी जून में पांच दिनों में 50 घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की थी। नेशनल हेराल्ड केस क्या है? BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में एक याचिका दाखिल करते हुए सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के ही मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीज, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे पर घाटे में चल रहे नेशनल हेराल्ड अखबार को धोखाधड़ी और पैसों की हेराफेरी के जरिए हड़पने का आरोप लगाया था। आरोप के मुताबिक, कांग्रेसी नेताओं ने नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों पर कब्जे के लिए यंग इंडियन लिमिटेड ऑर्गेनाइजेशन बनाया और उसके जरिए नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करने वाली एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (AJL) का अवैध अधिग्रहण कर लिया। स्वामी का आरोप था कि ऐसा दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ रुपए की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया था। स्वामी ने 2000 करोड़ रुपए की कंपनी को केवल 50 लाख रुपए में खरीदे जाने को लेकर सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत केस से जुड़े कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की थी। जून 2014 ने कोर्ट ने सोनिया, राहुल समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया। अगस्त 2014 में ED ने इस मामले में एक्शन लेते हुए मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। दिसंबर 2015 में दिल्ली के पटियाला कोर्ट ने सोनिया, राहुल समेत सभी आरोपियों को जमानत दे दी। ED की चार्जशीट- सोनिया गांधी आरोपी नंबर एक, राहुल आरोपी नंबर दो राहुल गांधी से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... राहुल 6 दिन में दूसरी बार गुजरात पहुंचे, जिलाध्यक्ष चुनने का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च किया राहुल गांधी मंगलवार को दो दिवसीय दौरे पर गुजरात पहुंचे। वे दोपहर करीब 3 बजे अहमदाबाद कांग्रेस कार्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने 41 जिला और महानगर अध्यक्ष अहमदाबाद में पर्यवेक्षकों के साथ बैठक की। इस मीटिंग में 5 सदस्यों की टीम बनाई गई है, जो 45 दिनों में आलाकमान को अपनी रिपोर्ट देगी। इसके बाद जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी। पढ़ें पूरी खबर...

नेशनल हेराल्ड केस, ED ने पहली चार्जशीट दाखिल की: सोनिया, राहुल और पित्रोदा पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप; कांग्रेस बोली- मोदी, शाह धमका रहे
Kharchaa Pani
लेखिका: निधि शर्मा, टीम नेतानागरी
परिचय
नेशनल हेराल्ड केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हाल ही में अपनी पहली चार्जशीट पेश की है। इस चार्जशीट में कांग्रेस पार्टी की प्रमुख सोनिया गांधी, उनके बेटे राहुल गांधी और वरिष्ठ नेता मैनक पित्रोदा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इस घटना ने राजनीतिक वातावरण में खलबली मचा दी है और जवाबी कार्रवाई में कांग्रेस पार्टी ने केंद्र की मोदी सरकार को निशाने पर लिया है।
सालों बाद की गई कार्रवाई
यह मामला बहुत पुराना है, जिसमें नेशनल हेराल्ड अखबार और उसके संपत्ति विवाद की जड़ें हैं। कांग्रेस नेतृत्व के मुताबिक, यह कार्रवाई राजनीतिक प्रतिशोध के तहत की गई है। ED की चार्जशीट में कहा गया है कि आरोपियों ने हेराल्ड के माध्यम से अवैध धन को सफेद करने का प्रयास किया है। इस पर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि मोदी और शाह के नेतृत्व में केंद्र सरकार विपक्ष को डराने का प्रयास कर रही है।
चार्जशीट में मुख्य आरोप
चार्जशीट के अनुसार, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने कंपनी से धन निकासी की थी, जिसे बाद में मनी लॉन्ड्रिंग का हिस्सा बताया गया है। मैनक पित्रोदा पर भी गंभीर आरोप हैं कि उन्होंने इस मामले में संलिप्तता दिखाई थी। इनमें से प्रत्येक नेता पर आरोप है कि उन्होंने पैसे के लेन-देन को छुपाने के लिए कई कंपनियों का सहारा लिया था।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
कांग्रेस पार्टी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि यह एक षड्यंत्र है जो राजनीतिक प्रतिशोध के रूप में देखा जा रहा है। पार्टी के प्रवक्ता ने कहा, “मोदी सरकार अपने राजनीतिक विरोधियों को कमजोर करने के लिए इस प्रकार की कार्रवाई कर रही है। हमें इस षड्यंत्र का मुकाबला करना है।”
भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार का अभियान
इस मामले में सरकार के प्रवक्ताओं का कहना है कि यह भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी प्रतिबद्धता है और सभी को कानून के दायरे में रहकर जवाब देना होगा। उन्होंने आरोप लगाया है कि कांग्रेस नेता कानूनी प्रक्रिया को अपना हथियार बना रहे हैं।
निष्कर्ष
नेशनल हेराल्ड केस में ED की चार्जशीट ने भारतीय राजनीति में एक बार फिर हलचल पैदा कर दी है। यह राजनीतिक एकता और भ्रष्टाचार के भंडाफोड़ के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण हो सकता है। आगामी चुनावों में इन घटनाओं का प्रभाव कितना पड़ेगा, यह देखना होगा। लेकिन यह स्पष्ट है कि राजनीतिक बहसें और आरोप-प्रत्यारोप का यह सिलसिला आगे बढ़ेगा।
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