पाकिस्तान में तापमान 49% डिग्री तक पहुंच सकता है:50 डिग्री पर जान का खतरा; समय से पहले चल रही हीट वेव्स
भारत और पाकिस्तान के कई शहर इस वक्त भीषण गर्मी से जूझ रहे हैं। पाकिस्तान के मौसम विभाग ने 14-18 अप्रैल के बीच देश के कई हिस्सों में सामान्य से 8 डिग्री सेल्सियस ज्यादा गर्मी पड़ने की आशंका जताई है। बलूचिस्तान प्रांत में तो अधिकतम तापमान 49 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। तापमान के 50 डिग्री पहुंचने से इंसान को जान का खतरा हो सकता है। बलूचिस्तान के डेरा मुराद जमाली शहर में रहने वाले अयूब खोसा ने CNN को बताया कि इस बार गर्मी से लोग बेहाल हैं। यहां दिन में 16 घंटे बिजली कटौती हो रही है, इस वजह से गर्मी काटना और भी मुश्किल हो गया है। भारत-पाकिस्तान में समय से पहले चल रही हैं हीट वेव्स भारत में भी गर्मी से लोगों के हाल बेहाल हैं। मौसम विभाग ने देश के कुछ हिस्सों में लोगों को सामान्य से अधिक गर्म दिनों के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी है। राजधानी दिल्ली में इस महीने में तापमान तीन बार 40 डिग्री पार कर चुका है, जो सामान्य से 5 डिग्री ज्यादा है। मौसम विभाग के मुताबिक, सोमवार को राजस्थान के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान 44 डिग्री तक पहुंच गया। आम तौर पर दोनों देशों में मई और जून में हीट वेव्स चलती हैं, लेकिन इस साल हीट वेव्स का मौसम समय से पहले आ गया है और इसके लंबे समय तक चलने की आशंका है। थार महिला संस्थान की अनीता सोनी ने बताया कि इस साल गर्मी पहले के मुकाबले बहुत ज्यादा है। जब मजदूर या किसान बाहर निकलते हैं, तो तुरंत डिहाइड्रेशन होने लगता है, लोगों को अक्सर उल्टी जैसा महसूस होता है, वे बीमार पड़ जाते हैं या उन्हें चक्कर आने लगता है। किसान बालू लाल ने बताया कि इस गर्मी में काम करने से लोग बीमार पड़ रहे हैं। जब मैं बाहर निकलता हूं तो मुझे लगता है कि लोग गर्मी से जल जाएंगे। हमें कमाई की भी चिंता है, हमारे पास जाने के लिए और कोई जगह नहीं है। 2050 तक भारत में इंसानी क्षमता से परे होगा तापमान एक्सपर्ट्स का कहना है कि हाल के दशकों में भारत और पाकिस्तान में बहुत तेज गर्मी की वजह से हजारों लोग मारे गए हैं। जलवायु विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि 2050 तक भारत में तापमान इंसानी शरीर की क्षमताओं को पार कर जाएगा। हीट वेव्स से प्रेग्नेंट महिलाओं और अजन्मे बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा रहता है। तेजी गर्मी की वजह से गर्भावस्था में अचानक कमी और समय से पहले बच्चे पैदा होने की समस्या होती है।" गर्मियों में, 80% बच्चे मौसम की वजह से श्वसन संबंधी समस्याओं के साथ समय से पहले पैदा होते हैं। हम प्रेग्नेंसी के वक्त हाई ब्लड प्रेशर में भी बढ़ोतरी भी देखते हैं, जिससे प्रीक्लेम्पसिया हो सकता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक तेज गर्मी की वजह से भोजन की कमी और सूखे से लेकर बर्फ पिघलने से अचानक बाढ़ तक के खतरे हो सकते हैं। ज्यादा तापमान की वजह से फसलें समय से पहले पकने लगती हैं और उपज घट जाती है। तेज गर्मी की वजह से फसल चक्र गड़बड़ा रहा पर्यावरण कार्यकर्ता तोफिक पाशा के मुताबिक बहुत ज्यादा टेम्प्रेचर की वजह फल और फूल समय पर नहीं खिलते हैं या फिर गिर जाते हैं। कीटों का हमला होता है, वे फसल को नष्ट कर देते हैं। कभी-कभी बहुत ज्यादा गर्मी की वजह से फसल चक्र गड़बड़ा जाता है और फसल उत्पादन बहुत कम होता है। पाकिस्तान में पिछले कुछ सालों में हीट वेव्स की वजह से बिजली की मांग बढ़ गई थी, जिससे कोयले की कमी हो गई थी और लाखों लोगों को बिना बिजली के रहना पड़ा था। एनर्जी बचाने के लिए ट्रेनें रद्द कर दी गई थीं और स्कूलों को जबरन बंद कर दिया गया था, जिससे पढ़ाई का नुकसान हुआ था। 2024 में गर्मी से 3700 से ज्यादा लोगों की मौत हुई 2024 में जलवायु परिवर्तन के कारण दुनियाभर में भीषण गर्मी के दिनों में 41 दिन की बढ़ोत्तरी हुई थी। वर्ल्ड वेदर एट्रीब्यूशन की प्रमुख डॉ. फ्रेडरिके ऑटो का कहना था कि 2024 अब तक का सबसे गर्म साल रहा था। इस दौरान करीब 3700 से ज्यादा लोगों की जान गई थी। उन्होंने बताया था कि दुनियाभर में लाखों लोगों को गर्मी और उससे जुड़ी बीमारियों के कारण विस्थापित होना पड़ा था। जलवायु परिवर्तन के चलते बाढ़, तूफान और सूखे की समस्या से भी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा था।

पाकिस्तान में तापमान 49% डिग्री तक पहुंच सकता है: 50 डिग्री पर जान का खतरा; समय से पहले चल रही हीट वेव्स
Kharchaa Pani
लेखक: स्नेहा मार्गी, प्रियंका शर्मा, टीम नेपाल नागरी
तापमान की बढ़ती लहरें
पाकिस्तान के मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि देश के कई हिस्सों में तापमान 49 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। ऐसी गर्मी में 50 डिग्री सेल्सियस पर स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है। मौसम में यह बदलाव, समय से पहले चल रही हीट वेव्स के कारण हो रहा है, जो कई क्षेत्रों को प्रभावित कर रहा है।
सामाजिक और स्वास्थ्य पर प्रभाव
गर्मी बढ़ने से खासकर वृद्ध और बच्चों के लिए स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ने की संभावना है। यह स्थिति उन लोगों के लिए और भी गंभीर हो सकती है जिनका पहले से ही कोई स्वास्थ्य संबंधी मुद्दा है। ताजा रिपोर्टों के अनुसार, अत्यधिक गर्मी के कारण अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ने की संभावना है। कई मामलों में यह देखा गया है कि हीट वेव्स से संबंधित बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है।
पाकिस्तान में हीट वेव्स के कारण
विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन और शहरीकरण के कारण प्लेव्स की संख्या में वृद्धि हो रही है। कई अध्ययन बताते हैं कि जलवायु परिवर्तन के कारण अतीत की तुलना में गर्म हवाओं की संख्या में वृद्धि हुई है। इसके अलावा, पाकिस्तान के कुछ क्षेत्रों में ज़मीन के तापमान में तेजी से वृद्धि भी हो रही है जो इस चक्र को और बढ़ा रही है।
कोरोना के बाद के मुद्दे
कोरोना महामारी के बाद से, तापमान में ऐसे चरम परिवर्तन ने लोगों के मन में भय का माहौल बना दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर समय के साथ ढंग से कदम नहीं उठाए गए तो स्थिति और भी खराब हो सकती है।
क्या करें?
इसके साथ ही, लोग गर्मी से बचने के लिए खुद को सावधान रखें जैसे कि बाहर निकलते समय ढीले कपड़े पहनना, पर्याप्त पानी पीना और धूप से बचने के लिए छाता या टोपी का उपयोग करना। सरकार को भी समय रहते प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि लोगों की जान की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
निष्कर्ष
पाकिस्तान में तापमान में यह अत्यधिक वृद्धि एक गंभीर चिंता का विषय है। इससे न केवल स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है, बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक समस्याओं को भी जन्म दे सकता है। इसलिए, हमें सतर्क रहना होगा और उपायों को समय पर लागू करना होगा।
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