भारत ने वक्फ कानून पर पाकिस्तानी बयानबाजी को खारिज किया:कहा- उसके बयान बेफिजूल, दूसरों को उपदेश देने की जगह अपना रिकॉर्ड देखे
भारत ने पाकिस्तान की तरफ से वक्फ कानून को लेकर की गई बयानबाजी को सिरे से खारिज कर दिया है। भारत ने कहा कि पाकिस्तान को दूसरों को उपदेश देने की जगह खुद के यहां अल्पसंख्यकों पर किए जा रहे अत्याचार के रिकॉर्ड को देख ले। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पाकिस्तान के बयान को बेफिजूल और निराधार बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि पड़ोसी देश के पास भारत के आंतरिक मामले पर बयानबाजी करने का कोई अधिकार नहीं है। जायसवाल ने कहा- जब अल्पसंख्यकों के अधिकारों के रक्षा की बात आती है तो पाकिस्तान को दूसरों को उपदेश देने के बजाय अपने खुद के खराब रिकॉर्ड पर गौर करना चाहिए। पाकिस्तानी अखबारों ने वक्फ बिल को मुसलमानों के खिलाफ बताया था भारत में वक्फ कानून को लेकर जारी विवाद के बीच कई पाकिस्तानी अखबारों ने इस बिल को भारतीय मुसलमानों के खिलाफ बताया था। द नेशन ने लिखा था कि वक्फ बोर्ड मुस्लिम मामलों की देखरेख में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भाजपा सरकार को वक्फ बोर्ड का यह सीमित स्वशासन स्वीकार नहीं है। वहीं पाकिस्तानी सेना समर्थक अखबार डॉन ने भाजपा सरकार पर भूमि हड़पने को वैध बनाने का आरोप लगाया। इसका कहना था कि इस बिल के जरिए सरकार का मकसद अपने करीबी बिजनेसमैन को फायदा पहुंचाना है 5 अप्रैल को लागू हुआ था वक्फ कानून वक्फ संशोधन बिल (अब कानून) 2 अप्रैल को लोकसभा और 3 अप्रैल को राज्यसभा में 12-12 घंटे की चर्चा के बाद पास हुआ था। इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बिल को 5 अप्रैल की देर रात मंजूरी दी। सरकार ने नए कानून को लेकर गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। कानून को लागू करने की तारीख को लेकर केंद्र सरकार अलग नोटिफिकेशन जारी करेगी। बिल पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था- कानून का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों में हो रहे पक्षपात, दुरुपयोग और अतिक्रमण को रोकना है। बिल को राज्यसभा में 128 सदस्यों ने समर्थन दिया था, 95 ने विरोध किया। लोकसभा में यह बिल 2 अप्रैल की आधी रात पारित हुआ था। इस दौरान 288 सांसदों ने समर्थन में और 232 ने विरोध में वोट डाला था। -------------------------------- यह खबर भी पढ़ें... वक्फ कानून पर बंगाल में हिंसा:धुलियान से 500 लोगों का पलायन, मालदा के स्कूल में शरण ली; आरोप- घर जलाए, पानी में जहर मिलाया वक्फ कानून के विरोध में शनिवार को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद, नॉर्थ 24 परगना, हुगली और मालदा जिलों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए। गाड़ियां जलाईं, दुकानों-घरों में तोड़फोड़ कर लूट भी की गई। अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है। 15 पुलिसकर्मी घायल हैं। 150 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। यहां पढ़ें पूरी खबर...

भारत ने वक्फ कानून पर पाकिस्तानी बयानबाजी को खारिज किया
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भारत ने पाकिस्तान की टिप्पणी को दिया करारा जवाब
हाल ही में, भारत ने पाकिस्तान द्वारा वक्फ कानून पर की गई टिप्पणी को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के बयान को 'बेफिजूल' करार देते हुए कहा कि उन्हें दूसरों को उपदेश देने से पहले अपने रिकॉर्ड पर नज़र डालनी चाहिए। यह घटना न केवल भारत-पाक संबंधों में तनाव को पैदा करती है, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर भी प्रकाश डालती है।
क्या है वक्फ कानून?
वक्फ कानून का उद्देश्य धार्मिक स्थल और समुदाय की संपत्ति को संरक्षित करना है। भारत में यह कानून इस बात को सुनिश्चित करता है कि वक्फ संपत्तियाँ सही ढंग से प्रबंधित की जाएं और उनसे होने वाली आय का उपयोग समुदाय के उत्थान के लिए किया जाए। पाकिस्तान की टिप्पणियों ने भारत की अवशेष वक्फ सुधारों पर सवाल उठाया था, जो कि भारत की आंतरिक नीति है।
पाकिस्तान का बयान और भारत की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान ने भारत के वक्फ कानून में सुधार को 'धार्मिक कट्टरता' का एक उदाहरण बताया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान को अपनी आंतरिक स्थितियों की जांच करनी चाहिए। वे खुद के मानवाधिकारों के हनन और अल्पसंख्यक समुदायों के प्रति भेदभाव के मुद्दे को नजरअंदाज कर रहे हैं।
भारत का दृष्टिकोण
भारत ने हमेशा कहा है कि इसे किसी भी तरह की विदेश नीति या धार्मिक प्रश्नों में किसी और देश से उपदेश की आवश्यकता नहीं है। भारत का वक्फ कानून उस धार्मिक स्वतंत्रता और समानता की दिशा में एक कदम है जिसे सरकार ने अपनाया है। इसके अतिरिक्त, भारत ने पाकिस्तान के स्थायी मुद्दों, जैसे कि आतंकवाद और भीतरूखेताओं को भी स्पष्ट किया।
क्यों महत्वपूर्ण है यह मामला?
इस कानूनी मुद्दे पर चर्चा केवल भारत और पाकिस्तान के लिए नहीं, बल्कि समस्त दक्षिण एशिया के महत्व का एक प्रतीक है। धार्मिक कानूनों और उनके प्रशासन के मुद्दों पर दो देशों के बीच में विवादित विचारों की एक लंबी श्रृंखला है।
निष्कर्ष
इस मुद्दे पर भारत की स्पष्टता और पाकिस्तान की बयानबाजी के बीच एक बड़ा संदेश स्थापित होता है। भारत ने दिखाया है कि उसे अपमानजनक टिप्पणियों से विचलित नहीं किया जा सकता है और वह अपने कानूनों और नीतियों के प्रति प्रतिबद्ध है। भविष्य में, इस प्रकार के वाद-विवाद बहुपक्षीय वार्ता और समझौतों की आवश्यकता को भी दर्शाते हैं।
कम शब्दों में कहें तो, भारत ने पाकिस्तान की बेबुनियाद बयानबाजी को खारिज कर दिया है और अपनी स्थिति को स्पष्ट किया है।
Keywords
India, Pakistan, Waqf law, Foreign Ministry, Human Rights, Religious Freedom, South Asia, Bilateral Relations, Terrorism, Humanitarian IssuesWhat's Your Reaction?






