निकाय मतदाताओं को पंचायत सूची से हटाने की कांग्रेस की मांग, माहरा बोले- सरकार के प्रति जनता का विश्वास डगमगाया
कांग्रेस ने पंचायत चुनावों में ग्राम पंचायत सदस्य पदों के लिए पदों के सापेक्ष काफी... The post निकाय मतदाताओं को पंचायत सूची से हटाने की कांग्रेस की मांग, माहरा बोले- सरकार के प्रति जनता का विश्वास डगमगाया first appeared on Newz Studio.

निकाय मतदाताओं को पंचायत सूची से हटाने की कांग्रेस की मांग, माहरा बोले- सरकार के प्रति जनता का विश्वास डगमगाया
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कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में पंचायत चुनावों में ग्राम पंचायत सदस्य पदों के लिए नामांकन को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा है कि यह तथ्य दर्शाता है कि सरकार की कार्यप्रणाली के प्रति आम जन में उदासीनता बढ़ रही है और पंचायत चुनावों के प्रति जनता का विश्वास डगमगाया है।
कांग्रेस का आरोप
माहरा ने आरोप लगाया कि सरकार ने जानबूझकर एक साजिश के तहत पंचायतों में प्रशासक नियुक्त किए, जिससे निकाय चुनावों और पंचायत चुनावों में बड़ा अंतर उत्पन्न हो सके। उन्होंने कहा कि यह कदम भाजपा द्वारा निकाय मतदाताओं के माध्यम से त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था को प्रभावित करने के प्रयास का हिस्सा है।
कांग्रेस ने यह भी मांग किया है कि नगर निकाय चुनावों की मतदाता सूची में शामिल व्यक्तियों के नाम पंचायत मतदाता सूची से हटा दिए जाएं। माहरा का कहना है कि यदि कोई व्यक्ति निकाय चुनाव की मतदाता सूची में नामित है, तो उसे ग्राम सभा में नामांकित नहीं होने दिया जाना चाहिए। इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग के 2019 के आदेश को लागू करने की मांग भी की गई है।
ग्राम पंचायतों की स्थिति
माहरा ने आगे बताया कि ग्राम पंचायत सदस्य पदों पर कम नामांकन होने की स्थिति में अनेक पद रिक्त रह सकते हैं, जिससे संवैधानिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। यह एक गंभीर विषय है, और यदि यह समस्या आगे बढ़ी तो ग्राम सभाओं का गठन बाधित हो सकता है।
आम जनता की धारणाएं
कांग्रेस के इस मांग के पीछे जुड़ी गंभीरता का आकलन करते हुए, विशेषज्ञों का मानना है कि यदि जनता का विश्वास सरकार पर डगमगाता है, तो इसका प्रतिकूल असर चुनावों पर पड़ सकता है। इससे न केवल चुनावी प्रक्रिया में बाधा आएगी, बल्कि यह लोकतांत्रिक प्रणाली की नींव को भी कमजोर कर सकता है।
राजनीतिक विश्लेषक यह भी कहते हैं कि इस मुद्दे को लेकर सरकार को फौरन नीतिगत बदलाव करने की आवश्यकता है, ताकि लोगों का विश्वास पुनः स्थापित किया जा सके। ऐसे में, जनता को सीधे संवाद का अवसर प्रदान करने से स्थिति को सुधारने में मदद हो सकती है।
निष्कर्ष
कांग्रेस की यह मांग न केवल वर्तमान राजनीति का एक महत्वपूर्ण आयाम है, बल्कि यह भारतीय लोकतंत्र को अधिक स्थिर रखने का प्रयास भी है। इस मसले पर उचित ध्यान और कार्रवाई की आवश्यकता है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस मुद्दे को किस प्रकार संबोधित करेगी।
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