प्रमुख धार्मिक स्थलों में भीड़ प्रबंधन को सर्वेक्षण करेंगे विशेषज्ञ, दोनों मंडलों में आयुक्त होंगे नोडल अधिकारी
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प्रमुख धार्मिक स्थलों में भीड़ प्रबंधन को सर्वेक्षण करेंगे विशेषज्ञ, दोनों मंडलों में आयुक्त होंगे नोडल अधिकारी
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हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर मार्ग पर हाल ही में हुई भगदड़ की घटना के पश्चात, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रमुख धार्मिक स्थलों पर भीड़ प्रबंधन के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है। राज्य सरकार ने इस संदर्भ में विशेषज्ञों की एक टीम का गठन किया है, जो विभिन्न मंदिरों का सर्वेक्षण करेगी। इस प्रक्रिया में आयोग का भूमिका नोडल अधिकारियों के रूप में होगी, जो दो मंडलों में कार्य करेंगे।
भीड़ प्रबंधन की ज़रूरत
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि राज्य में वे सभी धार्मिक स्थल चिन्हित किए जाएंगे, जहां महत्वपूर्ण अवसरों पर भारी भीड़ लगने की संभावना होती है। उन्होंने भीड़ प्रबंधन को लेकर विशेषज्ञों के सर्वेक्षण के निर्देश दिए, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। राज्य सरकार का यह कदम धार्मिक स्थलों पर भीड़ के कारण होने वाली संभावित भगदड़ को रोकने का एक प्रयास है।
सर्वेक्षण प्रक्रिया
विशेषज्ञों की टीम प्रमुख मंदिरों, जैसे मनसा देवी, चंडी देवी, नीलकंठ, कैंचीधाम और पूर्णागिरी, का सर्वेक्षण करेगी। इस सर्वेक्षण में भीड़ प्रबंधन, निकासी योजना, और अन्य तकनीकी पहलुओं की गहन जानकारी इकट्ठा की जाएगी। प्रशासन इस अवलोकन के आधार पर एक समग्र कार्य योजना तैयार करेगा, जिसमें हर धार्मिक स्थल के लिए विशिष्ट मार्ग और सर्कुलेशन प्लान बनाने पर बल दिया जाएगा।
सुरक्षा और तकनीकी व्यवस्थाएं
मुख्य सचिव ने सुझाया कि धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा के लिए तकनीकी उपायों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। जब भीड़ बढ़ने की संभावना हो, तो श्रद्धालुओं को पूर्व निर्धारित स्थलों पर रोका जाना चहिए। इसके अलावा, उन्होंने रास्तों पर अवैध कब्जों को हटाने के लिए अभियान चलाने का भी निर्देश दिया ताकि आने-जाने में कोई दिक्कत न हो।
सभी का योगदान आवश्यक
इस विशेष प्रक्रिया में स्थानीय प्रशासन और हितधारकों का सहयोग भी आवश्यक होगा। विशेषज्ञों की टीम स्थानीय स्तर पर सभी के सहयोग से अनुसंधान और सर्वेक्षण को आगे बढ़ाएगी। इससे न केवल भीड़ प्रबंधन के प्रभावी उपाय मिलेगें बल्कि इससे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।
आगामी चरण में, यह आवश्यक होगा कि अधिकारियों और विशेषज्ञों के संगठित प्रयासों से हरिद्वार और पूरे राज्य के धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा का मानक उठ सके।
संक्षेप में
मुख्यमंत्री की इस पहल का उद्देश्य धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करना और भविष्य में ऐसी किसी भी भगदड़ की संभावना को खत्म करना है। विशेषज्ञों के सर्वेक्षण के परिणामों को देखने के बाद ही आगे के कदम उठाए जाएंगे।
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