तहव्वुर वॉयस सैंपल ले सकती है NIA:मुंबई हमले के दौरान निर्देश दे रहा था या नहीं, पता लगाने राणा की आवाज मैच की जाएगी
2008 मुंबई आतंकी हमले का आरोपी तहव्वुर राणा के वॉयस सैंपल लिए जा सकते हैं। मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) इससे पता लगाएगी कि क्या तहव्वुर नवंबर 2008 के हमलों के दौरान फोन पर निर्देश (इंस्ट्रक्शन) दे रहा था। वॉयस सैंपल लेने के लिए तहव्वुर की सहमति जरूरी होगी। वह मना करता है, तो NIA इसके लिए कोर्ट जा सकती है। सैंपल नहीं देने की जानकारी चार्जशीट में दर्ज की जाएगी। परमिशन मिली तो सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी के एक्सपर्ट NIA हेडक्वार्टर आएंगे और सैंपल लेंगे। तहव्वुर राणा से NIA रविवार को तीसरे दिन पूछताछ करेगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शनिवार को दूसरे दिन तहव्वुर ने पूछताछ में बताया कि वह ग्लोबल टेररिस्ट साजिद मीर से लगातार संपर्क में था, जो 26/11 हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता है। 10 अप्रैल को तहव्वुर को स्पेशल विमान से अमेरिका से भारत लाया गया था। इसके बाद उसे दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने राणा को 18 दिन की NIA कस्टडी में भेजा है। कस्टडी के दौरान NIA रोजाना राणा से पूछताछ की एक डायरी तैयार करेगी। आखिरी दौर की पूछताछ के बाद डिस्क्लोजर स्टेटमेंट में उसे रिकॉर्ड पर लिया जाएगा। यह केस डायरी का हिस्सा होता है। दूसरे दिन पूछताछ की 2 मुख्य बातें... 10 अप्रैल को स्पेशल विमान से अमेरिका से भारत लाया गया 64 साल के राणा को 10 अप्रैल को स्पेशल विमान से अमेरिका से भारत लाया गया था। देर रात पटियाला हाउस कोर्ट के स्पेशल NIA जज चंद्रजीत सिंह ने बंद कमरे में मामले की सुनवाई की और रात 2 बजे फैसला सुनाते हुए NIA को उसकी कस्टडी दी। बुधवार रात राणा की पहली तस्वीर भी सामने आई, जिसमें नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) के अधिकारी उसे पकड़े हुए नजर आए। कल यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने एक और तस्वीर जारी की। इसमें अमेरिकी मार्शल उसे NIA के अफसरों को सौंप रहे हैं। तहव्वुर के प्रत्यर्पण की तीन तस्वीरें, जंजीरों में बंधा दिखा... आतंकी राणा- सुसाइड वॉच पर राणा को NIA मुख्यालय, लोधी रोड में हाई-सिक्योरिटी ग्राउंड फ्लोर की 14x14 फीट की सेल में रखा गया है। वह सुसाइड वॉच पर है और उस पर 24 घंटे गार्ड्स और सीसीटीवी से निगरानी रखी जा रही है। उसे केवल सॉफ्ट टिप पेन ही दिया गया है, जिससे वह खुद को नुकसान न पहुंचा सके। तहव्वुर को दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखा जाएगा राणा को दिल्ली की तिहाड़ जेल में हाई सिक्योरिटी वार्ड में रखा जाएगा। हालांकि, उसे कब और किस वार्ड में रखा जाएगा, इसका जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है। जांच एजेंसी NIA और खुफिया एजेंसी RAW की एक जॉइंट टीम बुधवार को राणा को लेकर अमेरिका से रवाना हुई थी। गुरुवार शाम करीब 6:30 बजे राणा को लेकर अमेरिकी गल्फस्ट्रीम G550 विमान दिल्ली के पालम टेक्निकल एयरपोर्ट पर लैंड हुआ था। जहां उसका मेडिकल चेकअप हुआ, इसके बाद उसे सीधे NIA हेडक्वार्टर ले जाया गया। NIA की तरफ से कोर्ट में पेश दलील NIA की तरफ से वकील दयान कृष्णन ने पक्ष रखा, जबकि राणा की तरफ से वकील पीयूष सचदेवा ने मामले की पैरवी की। राणा को कोर्ट में पेश करने तक की पूरी टाइमलाइन अमेरिका बोला- आतंक से निपटने के लिए भारत के साथ काम जारी रखेंगे तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को लेकर अमेरिका ने कहा कि वह भारत के साथ मिलकर आतंकवाद की वैश्विक समस्या से निपटने के लिए काम करना जारी रखेगा। अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा कि अमेरिका ने हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने के भारत की कोशिशों का लगातार समर्थन किया है। ब्रूस ने कहा कि अब राणा भारत के कब्जे में है और 26/11 हमलों में शामिल होने के लिए उसे मुकदमा का सामना करना पड़ेगा। हमें इस प्रत्यर्पण पर गर्व है। मुंबई हमले में 166 आम लोग और 9 आतंकी मारे गए थे 26 नवंबर 2008 को मुंबई में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने हमले किए। ये हमले चार दिनों तक चले। इन हमलों में कुल 175 लोग मारे गए, जिनमें 9 हमलावर भी शामिल थे और 300 से अधिक लोग घायल हुए थे। तहव्वुर राणा को अमेरिका के शिकागो में अक्टूबर 2009 में FBI ने गिरफ्तार किया था। उस पर मुंबई के 26/11 और कोपेनहेगन में आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए जरूरी सामान मुहैया कराने का आरोप था। मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हेडली की गवाही के आधार पर तहव्वुर राणा को 2013 में आतंकी संगठन लश्कर से रिश्ते रखने और डेनिश अखबार पर हमले की साजिश के आरोप में 14 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। राणा पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर रहा, कनाडाई नागरिक पाकिस्तान ने राणा से पल्ला झाड़ा पाकिस्तान ने गुरुवार को तहव्वुर राणा से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि वह कनाडा का नागरिक है। पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने एक सवाल के जवाब में कहा कि तहव्वुर राणा ने पिछले दो दशकों से अपने पाकिस्तानी दस्तावेजों को रिन्यू नहीं कराया है। उसके पास कनाडा की नागरिकता है। गौरतलब है कि पाकिस्तान अपने उन नागरिकों को दोहरी नागरिकता रखने की अनुमति देता है जो कनाडा में जाकर बस गए हैं। अमेरिका बोला- पीड़ितों को न्याय देने की दिशा में जरूरी कदम अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट ने कहा कि मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण पीड़ितों को न्याय देने की दिशा में जरूरी कदम है। डिपार्टमेंट के प्रवक्ता ने कहा- राणा का प्रत्यर्पण मुंबई हमलों में मारे गए 6 अमेरिकियों और कई अन्य पीड़ितों को न्याय देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। अक्टूबर 2009 में गिरफ्तार हुआ था राणा अमेरिका के शिकागो में अक्टूबर 2009 में FBI ने ओ'हेयर एयरपोर्ट से तहव्वुर राणा को गिरफ्तार किया था। उस पर मुंबई और कोपेनहेगन में आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए जरूरी सामान मुहैया कराने का आरोप था। हेडली की गवाही के आधार पर राणा को 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। 2011 में राणा को दानिश न्यूजपेपर मॉर्गेनाविसेन जाइलैंड्स-पोस्टेन पर हमले की साजिश रचने का दोषी पाया गया था।

तहव्वुर वॉयस सैंपल ले सकती है NIA: मुंबई हमले के दौरान निर्देश दे रहा था या नहीं, पता लगाने राणा की आवाज मैच की जाएगी
खर्चा पानी
लेखक: सुषमा शर्मा, टीम नेतानागरी
परिचय
मुंबई हमले के संदर्भ में स्थितियों की गहन जांच जारी है। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) अब आतंकवादी तहव्वुर राणा की आवाज़ का सैंपल लेकर यह पता लगाने की कोशिश करेगा कि क्या वह हमले के दौरान निर्देश दे रहा था या नहीं। इस प्रक्रिया में, उनके voice samples का एनालिसिस किया जाएगा।
तहव्वुर राणा: भूमिका और संदर्भ
तहव्वुर राणा एक प्रमुख संदिग्ध है, जो मुंबई हमले के मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वह लश्कर-ए-Taiba से जुड़ा हुआ है और इसे भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा चिन्हित किया गया है। यह महत्वपूर्ण है कि हम यह जानने का प्रयास करें कि राणा ने हमले के दौरान क्या निर्देश दिए थे।
NIA की रणनीति
NIA अब तहव्वुर की आवाज़ के सैंपल लेगी ताकि वे उसकी आवाज़ से जुड़ी विभिन्न रिकॉर्डिंग्स का मिलान कर सकें। इस प्रक्रिया में, वह अपनी प्राथमिकता से विभिन्न स्रोतों से बताए गए निर्देशों का विश्लेषण करेगी। यह जांच यह सुनिश्चित करने के लिए भी आवश्यक है कि राणा के संबंधित कार्यों की वैधता को समझा जा सके।
आवाज मैचिंग प्रक्रिया
आवाज में पहचान का यह प्रक्रिया अत्यंत महत्वपूर्ण है। NIA वॉयस फीचरों जैसे कि उच्चारण, टोन, और स्वर की बारीकी से जांच करेगा। इसके परिणामों के माध्यम से, एजेंसी यह निर्धारित कर सकेगी कि क्या राणा ने किसी प्रकार की संचार में संलग्नता रखी थी।
आपराधिक जांच की अहमियत
ऐसा कोई भी सबूत जो राणा की भूमिका को स्पष्ट करता है, वह कानून प्रवर्तन की कार्रवाई के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। जांच में सही जानकारी प्राप्त करने से, मुंबई हमले के संदर्भ में चर्चा की जा रही सच्चाइयों को उजागर किया जा सकता है। इससे न्यायालयीन प्रक्रिया को भी समर्थन मिलेगा।
निष्कर्ष
तहव्वुर राणा की आवाज़ के सैंपल के माध्यम से जांच प्रक्रिया को तेज़ करने का प्रयास NIA की सही दिशा में एक कदम है। यह स्पष्ट हो गया है कि किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों में संलग्न व्यक्तियों की पहचान करना उनके खिलाफ कार्रवाई में मदद करेगा। हम इस जांच के परिणामों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इसके साथ ही, आवश्यक जानकारी इकट्ठा करने के लिए उच्चतम मानकों को बनाए रखना बेहद आवश्यक है।
फिर भी, हमें यह याद रखना चाहिए कि सुरक्षा और न्याय व्यवस्था के सभी पहलुओं को संतुलित रूप से संभालना चाहिए। हम आशा करते हैं कि यह जांच एक सकारात्मक परिणाम की ओर बढ़ेगी।
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