वैदिक घड़ी के बाद अब विक्रमादित्य वैदिक एप:उज्जैन में अमित शाह करेंगे लॉन्च; 189 भाषाओं में जान सकेंगे ग्रह-नक्षत्र और मुहूर्त

उज्जैन में वैदिक घड़ी के बाद अब विक्रमादित्य वैदिक एप लॉन्च होने जा रहा है। जिसमें न सिर्फ समय देखने को मिलेगा बल्कि सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त सहित पंचांग की दूसरी बारीकियां जैसे शुभ अवसर मांगलिक अवसर, काल के बारे में भी जान सकेंगे। इस एप का लोकार्पण देश के गृह मंत्री अमित शाह के हाथों किया जाना प्रस्तावित है। एप को गुजरात और यूपी की टीमों ने मिलकर बनाया है, जिसे एंड्रॉइड और IOS वर्जन पर भी चलाया जा सकेगा। खास बात ये है कि एप पूरी तरह नि:शुल्क होगा। जिसमें दुनिया की करीब 189 भाषाएं रहेंगी। एप का ट्रायल रन गूगल प्ले स्टोर पर शोध पीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने बताया कि विक्रमादित्य एप मिनी पंचांग की तरह होगा। जिसमें पंचांग में मिलने वाले सारी जानकारी उपलब्ध होगी। अभी एप का ट्रायल रन चल रहा है। जल्द इसे पूरा कर इसमें नए अपडेट के साथ अप्रैल में इसे लाॅन्च कर दिया जाएगा। मुहूर्त के मतभेद कम नहीं कर पाएगा एप पंचांगों में होने वाले मतभेद को लेकर श्री राम तिवारी ने बताया कि पंचांग का मतभेद वास्तव में है ही नहीं क्योंकि भारतीय कालगणना की परंपरा को पिछले 200-300 सालों में उज्जैन से अलग-अलग देशों जैसे ग्रीन विच ले जाया गया। ऐसे ही देश में अलग-अलग शहरों में रहने वाले ज्योतिषियों ने अपने समय अनुसार गणना शुरू कर दी, इसलिए मतभेद है। उज्जैन के कालगणना केंद्र को ध्वस्त कर दिया गया। जिसके बाद स्वतंत्र पंचांग तैयार हो गए, इसलिए अलग-अलग लोगों ने अपने हिसाब से पंचांग देखना शुरू हो गया इसलिए मतभेद हो गए। काल गणना पर आधारित विश्व की पहली घड़ी एक साल पहले 29 फरवरी 2024 को उज्जैन में पीएम नरेंद्र मोदी ने विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का लोकार्पण किया था। भारतीय काल गणना पर आधारित यह विश्व की पहली घड़ी है जिसे वैदिक काल गणना के समस्त घटकों को समवेत कर बनाया गया है। इस घड़ी में भारतीय पंचांग समाहित रहेगा। विक्रम संवत मास, ग्रह स्थिति, योग, भद्रा स्थिति, चंद्र स्थिति, पर्व, शुभाशुभ मुहूर्त, घटी, नक्षत्र, जयंती, व्रत, त्योहार, चौघड़िया, सूर्य ग्रहण, चंद्र ग्रहण, आकाशस्थ, ग्रह, नक्षत्र, ग्रहों का परिभ्रमण इसमें स्वाभाविक रूप से समाहित होंगे। विक्रमादित्य वैदिक घड़ी वैदिक आधार है। इसका मापन डोंगला स्थित वेधशाला को आधार बनाकर किया गया है। विक्रमादित्य वैदिक घड़ी के ग्राफिक्स में सभी ज्योतिर्लिंग, नवग्रह, नक्षत्र, सूर्योदय, सूर्यास्त आदि समाहित हैं। देश और दुनिया में बलपूर्वक आरोपित ग्रीनविच मीन टाइम ग्रेगोरियन कैलेंडर की दूरभिसंधि से अंतरराष्ट्रीय समय की गणना में कोई व्यवधान न करते हुए विक्रमादित्य वैदिक घड़ी भारतीय काल गणना की परंपरा के पुनर्स्थापना का छोटा सा प्रयास है। यह खबर भी पढ़ें... उज्जैन में शंख बजाकर नववर्ष का शुभारंभ गुड़ी पड़वा पर्व को हिंदुओं का नव वर्ष माना जाता है। मान्यता है कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर सृष्टि की उत्पत्ति हुई थी इसलिए इसे हिंदुओं के नव वर्ष की तरह मनाते हैं। उज्जैन में चैत्र प्रतिपदा से विक्रम संवत (वर्ष) की शुरुआत हुई। पूरी खबर यहां पढ़ें...

Mar 31, 2025 - 06:34
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वैदिक घड़ी के बाद अब विक्रमादित्य वैदिक एप:उज्जैन में अमित शाह करेंगे लॉन्च; 189 भाषाओं में जान सकेंगे ग्रह-नक्षत्र और मुहूर्त

वैदिक घड़ी के बाद अब विक्रमादित्य वैदिक एप: उज्जैन में अमित शाह करेंगे लॉन्च; 189 भाषाओं में जान सकेंगे ग्रह-नक्षत्र और मुहूर्त

Kharchaa Pani

लेखिका: सिया मेहता और नीतू शुक्ला, टीम नेतानागरी

प्रस्तावना

उज्जैन शहर में एक नवाचार के रूप में विक्रमादित्य वैदिक एप का लॉन्च होने जा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस एप को उज्जैन में लॉन्च करेंगे, जिससे लोग 189 भाषाओं में ग्रह-नक्षत्र और मुहूर्त की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। वैदिक घड़ी के बाद, यह एप लोगों के बीच वैदिक ज्ञान और भारतीय संस्कृति को और भी व्याप्त करने में सहायक होगा।

एप के विशेषताएँ

विक्रमादित्य वैदिक एप की विशेषता यह है कि यह न केवल सरलता से ग्रह-नक्षत्रों की जानकारी प्रदान करता है, बल्कि यह बहुत ही सरल भाषा में तैयार किया गया है। एप में यूजर्स को उनकी भाषा में जानकारी मिलेगी, जिससे हर कोई इसे आसानी से समझ सकेगा। यह एप न केवल ज्योतिष ज्ञान को दर्शाता है, बल्कि यह दुनिया भर में भारतीय संस्कृति का प्रचार भी करेगा।

ग्रह-नक्षत्र और मुहूर्त का महत्व

भारत में ज्योतिष का एक महत्वपूर्ण स्थान है। ग्रह-नक्षत्रों और मुहूर्त का ज्ञान व्यक्तिगत जीवन के निर्णयों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस एप के माध्यम से, लोग अपने दैनिक जीवन में ज्योतिषीय ज्ञान को लागू कर सकेंगे, जिससे उनके निर्णय और भी बेहतर हो सकेंगे। यह एप विशेषकर उन लोगों के लिए उपयोगी होगा जो धार्मिक कार्यों या महत्वाकांक्षाओं को पूरा करना चाहते हैं।

देश में ज्योतिष विज्ञान का बढ़ता प्रभाव

विक्रमादित्य वैदिक एप का लॉन्च एक ऐसे समय में हो रहा है जब ज्योतिष विज्ञान की मांग बढ़ती जा रही है। अधिक से अधिक लोग अपनी जिदंगी के निर्णय लेने में ज्योतिषीय सलाह लेने को प्राथमिकता दे रहे हैं। यह एप इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होने जा रहा है, जहां भारतीय लोग अपनी परंपरा और संस्कृति को नई तकनीक के माध्यम से आत्मसात कर सकेंगे।

समापन विचार

उज्जैन में अमित शाह द्वारा लॉन्च होने वाला विक्रमादित्य वैदिक एप भारतीय संस्कृति को नई ऊँचाइयों पर ले जाने का एक जरिया है। इसमें योग्यता और सुविधा का एक सही संतुलन स्थापित किया गया है, जिससे यह भारतीय जड़ों के प्रति जागरूकता और प्रेम बढ़ाने में सहायक होगा।

इस एप के माध्यम से, हम भविष्य में तकनीकी प्रगति के साथ अपने सांस्कृतिक धरोहर को बनाए रखने का प्रयास करते रहेंगे। इस लॉन्च को देखने के लिए हमें 189 भाषाओं में ज्योतिषीय ज्ञान का एक नया युग शुरू करने की उम्मीद है।

अधिक जानकारी के लिए, खार्चा पानी पर जाएं।

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