कठुआ एनकाउंटर- रुई गांव में दिखे 3 आतंकी, सेना पहुंची:घर में घुसकर खाना मांगा, बच्चे को किडनैप किया, बच्चा पहाड़ी से कूदकर चंगुल से छूटा
जम्मू के कठुआ जिले में 4 दिन से चल रहा ऑपरेशन साफियान रविवार को रुका रहा। इसका फायदा उठाते हुए जंगलों में छिपे 3 आतंकी जुथाना के रुई गांव में देखे गए। रविवार शाम करीब 7:45 बजे काले कपड़े पहने ये तीनों एक घर में घुसे। जहां उन्होंने खाना-पानी मांगा। खाने के बाद वे घर में मौजूद एक 13 साल के बच्चे को अपने साथ ले गए। हालांकि बच्चा पहाड़ी से कूदकर भागने में कामयाब रहा। संदिग्ध गतिविधि की खबर मिलते ही सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर लिया है। अंधेरे की वजह से सर्चिंग नहीं हो सकी। सुबह होने आतंकियों की तलाश की जाएगी। एक दिन पहले पुलिस ने कहा था कि आतंकी 10 किमी के दायरे में जाखोले की ऊंची पहाड़ियों में ही छिपे हैं, यहां घने जंगल और गुफाएं भी हैं। पांचों आतंकी स्थानीय लोगों की मदद से 4 दिन से टिके हुए हैं। हथियार देखकर भाग गए घर के पुरुष मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जब तीनों आतंकी रुई गांव पहुंचे तो वे करतार सिंह नाम के एक शख्स के घर में घुसे। हथियारबंद लोगों को देखकर परिवार के पुरुष सदस्य एक बुजुर्ग महिला और 13 साल के लड़के को छोड़कर भाग गए। इसके बाद आतंकियों ने खाना खाया और बच्चे को पकड़कर अपने साथ ले गए। हालांकि बच्चा उनके चंगुल से छूटकर भागने में कामयाब रहा। 28 मार्च को एनकाउंटर में मारे गए थे 2 आतंकी, 4 जवान भी शहीद 28 मार्च को कठुआ एनकाउंटर के दौरान 2 आतंकी मारे जा गए थे। हालांकि इसी दौरान ऑपरेशन ग्रुप (SOG) के जवान तारिक अहमद, जसवंत सिंह, जगबीर सिंह और बलविंदर सिंह की गोली लगने से मौत हो गई थी। घायल DSP धीरज सिंह समेत तीन जवानों का इलाज जारी है। सूत्रों के मुताबिक, सुरक्षाबलों को करीब 5 आतंकवादियों के छिपे होने की खबर मिली थी। ये आतंकी जैश-ए-मोहम्मद के प्रॉक्सी संगठन पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट से जुड़े हैं। केंद्रीय मंत्री ने शहीदों के परिवार को सांसद निधि से मदद की घोषणा की केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने रविवार को दो शहीद पुलिसकर्मियों जसवंत सिंह और बलविंदर सिंह के परिवारों से मुलाकात की और उन्हें सरकारी नौकरी देने की घोषणा की। दोनों शहीद उनके संसदीय क्षेत्र जम्मू के रहने वाले थे। जितेंद्र ने सांसद निधि से सभी परिवार को 70 लाख रुपए तक की मदद और एक स्मारक द्वार बनाने की भी घोषणा की। सरकारी नौकरी SRO प्रावधानों के तहत मिलेगी। उन्होंने कहा, 'शहीदों के बलिदान को श्रद्धांजलि देने के लिए सरकारी स्कूलों का नाम बदलकर शहीदों के नाम पर रखने का भी प्रस्ताव किया जाएगा।' सिंह मुठभेड़ के समय ओडिशा में थे, जिसमें उनके संसदीय क्षेत्र के दो पुलिसकर्मी मारे गए थे। पुलिस बोली- आतंकियों ने हथियार नहीं लूटे, अफवाहों पर ध्यान न दें जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शनिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के सुदूर जंगली इलाके में दो दिनों तक चली मुठभेड़ के दौरान आतंकवादियों ने कोई हथियार नहीं छीना। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि मारे गए चारों पुलिसकर्मियों के सभी हथियार और अन्य सामान बरामद कर लिए गए हैं। प्रवक्ता ने कहा, "कुछ राष्ट्र-विरोधी तत्व सोशल मीडिया पर ऑपरेशन सफियान में हमारे शहीदों के हथियार छीनने की अफवाह फैला रहे हैं। ये दावे झूठे हैं। शहीदों के सभी हथियार और सामान बरामद कर लिए गए हैं।" आतंकियों ने एक परिवार को बंधक बनाया, लेकिन वे बच निकले 23 मार्च को हीरानगर सेक्टर में आतंकवादियों के एक ग्रुप को सुरक्षाबलों ने घेर लिया था, लेकिन वे भागने में कामयाब रहे। माना जा रहा है कि ये वही आतंकवादी हैं, जो सान्याल से निकलकर जखोले गांव के पास देखे गए। हीरानगर सेक्टर में सुरक्षाबलों ने आतंकियों के एक ग्रुप को घेर लिया था। उस दिन आतंकियों ने एक बच्ची और उसके माता-पिता को पकड़ लिया था। मौका मिलने पर तीनों आतंकियों के चंगुल से भाग निकले थे। इस दौरान बच्ची की मामूली चोटें आई थीं। उन्होंने ही आतंकियों के छिपे होने की सूचना पुलिस को दी थी। महिला ने बताया था कि सभी ने दाढ़ी बढ़ा रखी थी और वे कमांडो की वर्दी पहने हुए थे। जाखोले गांव हीरानगर सेक्टर से लगभग 30 किमी दूर है। जानकारी मिलते ही सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर लिया, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई।

कठुआ एनकाउंटर- रुई गांव में दिखे 3 आतंकी, सेना पहुंची
Kharchaa Pani
लेखक: नीलम वर्मा, टीम नेटानागरी
परिचय
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के रुई गांव में तीन आतंकियों के घुसने की घटना ने पूरे क्षेत्र में कोहराम मचा दिया। स्थानीय लोगों ने बताया कि आतंकियों ने घरों में घुसकर खाना मांगा और एक छोटे बच्चे को किडनैप करने की कोशिश की, लेकिन बच्चे की चतुराई से वह बच निकला। आइए जानते हैं इस घटना की विस्तृत जानकारी।
घटना का विवरण
रुई गांव में आतंकियों की उपस्थिति की सूचना मिलते ही, भारतीय सेना और पुलिस ने तुरंत क्षेत्र में रेड की। ग्रामीणों ने बताया कि आतंकियों ने उनके घरों में घुसकर खाना मांगा और बच्चों को डराने का काम किया। इस दौरन उस बच्चे ने, जो कि किडनैप होने वाला था, साहस दिखाते हुए पहाड़ी से कूदकर अपनी जान बचाई। इस घटना ने स्थानीय निवासियों में आतंक का माहौल पैदा कर दिया है।
सेना की त्वरित कार्रवाई
सेना ने तुरंत ही क्षेत्र को घेर लिया और संभावित स्थानों पर छापेमारी शुरू की। स्थानीय पुलिस भी इस ऑपरेशन में शामिल हो गई। सुरक्षा बलों ने ग्रामीणों को सुरक्षित रखने के लिए सुरक्षात्मक कदम उठाए और उन्हें संयम बनाए रखने की सलाह दी।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
इस घटना ने स्थानीय लोगों को बुरी तरह प्रभावित किया है। ग्रामीणों में डर और चिंता का माहौल है। एक ग्रामीण ने कहा, “हमारे बच्चों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। हमें चाहिए कि सुरक्षा बल हमारी रक्षा करें।” इस पर सेना ने आश्वासन दिया कि वे स्थानीय निवासियों की सुरक्षा के लिए पूर्णतः तत्पर हैं।
निष्कर्ष
कठुआ एनकाउंटर की इस घटना ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक नई चुनौती का सामना करने की आवश्यकता को उजागर किया है। स्थानीय लोगों की सुरक्षा और उनके विश्वास को बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाए जाने की जरूरत है। हमें आशा है कि सेना इस मामले में जल्द ही सफलता प्राप्त करेगी और क्षेत्र में शांति बहाल कर सकेगी।
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