ऑर्गन डोनेशन पर सरकारी कर्मचारियों को 42 दिन की छुट्टी:गवर्नमेंट डॉक्टर की मंजूरी लेनी होगी; अंगदान को बढ़ावा देने के लिए केंद्र का फैसला
केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए ऑर्गन डोनेशन (अंगदान) पर 42 दिन की स्पेशल कैजुअल लीव देने का प्रावधान किया है। लोकसभा में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस संबंध में जानकारी दी। यह छुट्टी सर्जरी के टाइप पर निर्भर नहीं करेगी और इसे सरकारी डॉक्टर की सिफारिश पर अधिकतम 42 दिनों तक लिया जा सकता है। यह आमतौर पर अस्पताल में भर्ती होने के दिन से शुरू होगी, लेकिन जरूरत पड़ने पर सर्जरी से एक सप्ताह पहले भी ली जा सकती है। यह प्रावधान 2023 में कार्मिक मंत्रालय के आदेश के तहत लागू किया गया था, जिससे ऑर्गन डोनेशन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाली प्रमुख सुविधाएं 1 अप्रैल 2025 से सरकारी कर्मचारियों के लिए न्यू पेंशन स्कीम लागू इसके न्यू पेंशन स्कीम के तहत अगर किसी कर्मचारी ने 25 साल नौकरी की है, तो रिटायरमेंट के पहले नौकरी के आखिरी 12 महीने की बेसिक सैलरी का 50% अमाउंट भी पेंशन के तौर पर मिलेगा। अगर कोई कर्मचारी 10 साल बाद नौकरी छोड़ देता है तो उसे हर महीने 10 हजार रुपए की पेंशन मिलेगी। इससे लगभग 23 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा। ये स्कीम 1 अप्रैल 2025 से लागू कर दी जाएगी। वहीं, अगर सर्विस के दौरान किसी सरकारी कर्मचारी की मौत हो जाती है, तो उसके परिवार को कर्मचारी की मौत के वक्त तक मिलने वाली पेंशन का 60% हिस्सा मिलेगा NPS या UPS में से एक स्कीम चुन सकेंगे कर्मचारी अब सरकारी कर्मचारियों के पास नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) और नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) में से किसी एक को चुनने का ऑप्शन भी होगा।

ऑर्गन डोनेशन पर सरकारी कर्मचारियों को 42 दिन की छुट्टी: गवर्नमेंट डॉक्टर की मंजूरी लेनी होगी; अंगदान को बढ़ावा देने के लिए केंद्र का फैसला
खर्चा पानी
द्वारा: राधिका शर्मा, साक्षी मेहता, टीम नेतनागरी
परिचय
भारत में अंगदान (ऑर्गन डोनेशन) को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सरकारी कर्मचारियों को अंगदान की प्रक्रिया के लिए 42 दिन की छुट्टी दी जाएगी। इस नई पहल का उद्देश्य अंगदान के प्रति जागरूकता बढ़ाना और रक्तसंबंधियों को भी इस प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रेरित करना है। इस निर्णय से देश में अंगदान को लेकर सकारात्मक बदलाव की उम्मीद जताई जा रही है।
सरकारी आदेश की विस्तृत जानकारी
केंद्र सरकार के इस आदेश के अनुसार, सरकारी कर्मचारियों को अंगदान प्रक्रिया के लिए अधिकतम 42 दिन की छुट्टी मिलेगी। हालांकि, इसके लिए उन्हें सरकारी डॉक्टर से मंजूरी लेनी होगी। यह निर्णय निजी अस्पतालों में अंगदान के मामले में भी लागू होगा। इस प्रकार की छुट्टी में कर्मचारियों को अपनी अनुपस्थिति के कारण का सही प्रमाण प्रस्तुत करना होगा।
क्यों है यह फैसला महत्वपूर्ण?
अंगदान के मामले में भारत में अभी भी कई चुनौतियाँ हैं, जिसमें जागरूकता की कमी और सामाजिक भ्रांतियाँ शामिल हैं। इस निर्णय द्वारा सरकारी कर्मचारियों को छुट्टी देने का उद्देश्य यह है कि वे बिना किसी बाधा के अंगदान की प्रक्रिया में हिस्सा ले सकें। इसके अलावा, इससे युवाओं में अंगदान की दिशा में सकारात्मक सोच विकसित करने की भी उम्मीद है।
केंद्र सरकार का दृष्टिकोण
केंद्र सरकार का मानना है कि अंगदान से लोगों की जिंदगियों को बचाने का एक जबरदस्त अवसर मिलता है। अंगों की कमी के कारण देश में हजारों लोग समय पर इलाज नहीं पा रहे हैं। इस फैसले का लक्ष्य उन लोगों की सहायता करना है जो अंगों की आवश्यकता महसूस कर रहे हैं।
अंगदान के लाभ और प्रक्रियाएँ
अंगदान न केवल अंगदाताओं के लिए बल्कि समाज के लिए भी एक महान सेवा है। एक व्यक्ति की मृत्यु के बाद, उसके अंगों का दान कई अन्य लोगों को जीवन देने का मौका दे सकता है। अंगदान की प्रक्रिया में कई चरण शामिल हैं, जिसमें पहचान, स्वास्थ्य जांच, और प्राप्तकर्ता के चयन शामिल हैं।
निष्कर्ष
केंद्र सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम अंगदान के प्रति लोगों को जागरूक करने और इसे प्रोत्साहित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। सरकारी कर्मचारियों के लिए दी गई छुट्टी एक सकारात्मक संकेत है कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है। हमें इस दिशा में आगे बढ़ने की आवश्यकता है ताकि अधिक से अधिक लोग इस महान कार्य में सहयोग कर सकें।
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