रविवार को चैत्र नवरात्रि का अंतिम दिन:रामनवमी पर देवी दुर्गा और भगवान शिव के साथ राम दरबार की भी करें पूजा, छोटी कन्याओं को खिलाएं खाना
रविवार, 6 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि का अंतिम दिन यानी रामनवमी है। इस दिन देवी दुर्गा के साथ ही राम दरबार की भी पूजा जरूर करें। राम दरबार में भगवान राम के साथ ही देवी सीता, लक्ष्मण, हनुमान, भरत और शत्रुघ्न की प्रतिमाएं रहती हैं। रामनवमी पर रामायण का पाठ भी करना चाहिए और रामायण की सीख को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लेना चाहिए। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि पर देवी दुर्गा और भगवान शिव की विधिवत पूजा करनी चाहिए। शिवलिंग और देवी प्रतिमा पर जल, दूध, पंचामृत और फिर शुद्ध जल अर्पित करें। शिवलिंग पर बिल्व पत्र, धतूरा, आंकड़े के फूल, जनेऊ चढ़ाएं। देवी मां को लाल चुनरी, लाल चूड़ियां, कुमकुम आदि पूजन सामग्री भेंट करें। दोनों देवी-देवता को चंदन, हार-फूल, चावल, भोग के लिए मिठाई चढ़ाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें। पूजा में ऊँ नम: शिवाय और दुं दुर्गायै नम: मंत्र का जप करें। चैत्र नवरात्रि की नवमी पर छोटी कन्याओं की पूजा करें और भोजन कराएं। कन्याओं को दक्षिणा दें और पढ़ाई से जुड़ी चीजें जैसे पेन, कॉपी, बेग, स्कूल ड्रेस का दान करें। किसी मंदिर में जरूरतमंद लोगों को छाता, जूते-चप्पल का दान करें। अभी गर्मी के दिन हैं तो सार्वजनिक जगह पर प्याऊ लगवाएं या किसी प्याऊ में मटके का दान करें। घर की छत पर पक्षियों के लिए दाना-पानी रखें। ऐसे कर सकते हैं राम दरबार की पूजा

रविवार को चैत्र नवरात्रि का अंतिम दिन: रामनवमी पर देवी दुर्गा और भगवान शिव के साथ राम दरबार की भी करें पूजा, छोटी कन्याओं को खिलाएं खाना
खर्चा पानी
रविवार को चैत्र नवरात्रि का अंतिम दिन है, जो भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन को रामनवमी के रूप में मनाया जाता है, जब हम देवी दुर्गा और भगवान शिव के साथ राम दरबार की पूजा करते हैं। इस अवसर पर, छोटी कन्याओं को खाना खिलाने की परंपरा भी है, जो इस पर्व को और भी खास बनाती है।
रामनवमी का धार्मिक महत्व
रामनवमी का पर्व हर साल चैत्र मास की नवमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। भारतीय संस्कृति में भगवान राम को धर्म, कार्रवाई और सत्य के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। नवरात्रि के दौरान माता दुर्गा का पूजन करने के पश्चात, रामनवमी पर उनके साथ भगवान शिव का भी पूजन किया जाता है, जो धार्मिक संप्रदायों को जोड़ने का कार्य करते हैं।
छोटी कन्याओं को खाना खिलाने की परंपरा
रामनवमी के शुभ अवसर पर छोटी कन्याओं को भोजन कराना एक महत्वपूर्ण रिवाज है। इसे 'कंजक पूजन' भी कहा जाता है। इस दिन घर में छोटी कन्याओं को बुलाकर उन्हें पूजा करते हैं और उनकी सेवा की जाती है। यह परंपरा सम्पूर्ण समाज के लिए एक दिव्य आशीर्वाद के समान है। कन्याओं को भोजन कराना और उन्हें उपहार देना माता का आशीर्वाद प्राप्त करने का मार्ग माना जाता है।
कैसे मनाएं इस पर्व को
यदि आप इस पर्व को विशेष तरीके से मनाना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए कुछ सुझाव आपके लिए उपयोगी हो सकते हैं:
- सुबह जल्दी उठकर नहा-धोकर पूजा-पाठ करें।
- घर में सभी देवी-देवताओं कीडीजाइण की जाए।
- पूजन सामग्री तैयार करें और राम दरबार की विधिपूर्वक पूजा करें।
- छोटी कन्याओं को आमंत्रित करें और उन्हें स्वादिष्ट भोजन खिलाएं।
- अपने परिवार और दोस्तों के साथ इस खास दिन को मिलकर मनाएं।
निष्कर्ष
रामनवमी का पर्व हमारी संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा है। देवी दुर्गा और भगवान शिव के साथ राम दरबार की पूजा करने से न सिर्फ आध्यात्मिक बल मिलती है, बल्कि यह समाज को एकजुट करने का काम भी करती है। इस दिन छोटी कन्याओं को खिलाने की परंपरा हमें यह सिखाती है कि हमें हमेशा निस्वार्थता और प्रेम के साथ जीवन बिताना चाहिए।
अंत में, हम सभी को इस विशेष दिन की शुभकामनाएं देते हैं।
अधिक अपडेट्स के लिए, kharchaapani.com पर जाएं।
Keywords
Ram Navami, Chaitra Navratri, Durga Puja, Shiva, Kanya Poojan, Indian Festivals, Ram Darbar, Hindu Traditions, Religious Significance, Cultural PracticesWhat's Your Reaction?






