वीजा रद्द होने पर भी अमेरिका छोड़ना जरूरी नहीं:अमेरिका के 2 टॉप इमिग्रेंट्स एक्सपर्ट्स की राय; ट्रम्प सरकार ने देश छोड़ने को कहा था
अमेरिका में कई विदेशी छात्रों का F-1 वीजा रद्द कर दिया है। कुछ को देश छोड़ने की चेतावनी दी गई है तो कुछ को डिटेन कर लिया गया है। इन पर आरोप है कि इन्होंने देश विरोधी एक्टिविटी में हिस्सा लिया था। अमेरिकी सरकार के कदम से विदेश में पढ़ रहे छात्रों में घबराहट का माहौल है। इस बीच दैनिक भास्कर डिजिटल ने इमिग्रेशन मामलों को देखने वाले अमेरिका के टॉप लीगल एक्सपर्ट्स से बात की। इन्हीं सवालों के जवाब जानने के लिए हमने अमेरिका के दो बड़े इमिग्रेशन वकीलों शीला मूर्ति और साइरस डी. मेहता से बात की। उनका मानना है कि अगर किसी छात्र का वीजा रद्द हुआ भी है, तो उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। सवाल: छात्रों का वीजा रद्द हुआ, क्या अमेरिका छोड़ना होगा? शीला मूर्ति कहती हैं कि वीजा रद्द होने और स्टेटस रद्द होने में अंतर है। वीजा सिर्फ अमेरिका में प्रवेश का दस्तावेज होता है। अगर कोई छात्र अमेरिका से बाहर गया और दोबारा एंट्री लेने की कोशिश की, तो वीजा रद्द होने के कारण उसे रोका जा सकता है। सवाल: जिनकी पढ़ाई खत्म होने वाली है, उनके लिए क्या रास्ता है? जिन छात्रों की पढ़ाई 1-2 महीने में खत्म होने वाली है, वे भी इस ईमेल से डरें नहीं। शीला मूर्ति कहती हैं कि अगर किसी छात्र को अमेरिका छोड़ने के लिए कहा गया है, तो वह किसी वकील की मदद ले सकता है। यह मौलिक अधिकार है कि व्यक्ति के स्टेटस से बिना न्यायिक प्रक्रिया के छेड़छाड़ नहीं की जा सकती।विदेश विभाग सिर्फ वीजा कैंसिल कर सकता है, स्टेटस पर फैसला सिर्फ होमलैंड सिक्योरिटी और कोर्ट का अधिकार क्षेत्र है। सवाल: क्या सोशल मीडिया एक्टिविटी पर एक्शन सही है? साइरस डी मेहता साफ कहते हैं कि कैंपस एक्टिविजम या सोशल मीडिया पर इजराइल विरोधी पोस्ट को लाइक करना देशविरोधी गतिविधि नहीं है। उनके मुताबिक, “यह ट्रम्प प्रशासन की तरफ से लिया गया एक मूर्खतापूर्ण फैसला है।”अमेरिका में संविधान के तहत नागरिक हों या छात्र सभी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार सभी को है। सवाल: क्या छात्रों को जबरन डिपोर्ट किया जा सकता है? साइरस कहते हैं कि किसी छात्र को जबरन डिपोर्ट नहीं किया जा सकता, जब तक कि उसे कानूनी प्रक्रिया से न गुजारा जाए। डिपोर्टेशन की प्रक्रिया में छात्र को इमिग्रेशन कोर्ट में पेश होकर जज के सामने अपना पक्ष रखने का पूरा मौका मिलता है। हालांकि कुछ मामलों में सरकार छात्रों को डिटेन कर रही है, खासकर उन्हें जिनके हमास या फिलिस्तीन समर्थक होने के संकेत मिले हैं। डिटेंशन की स्थिति में चुनौती देना मुश्किल हो सकता है, लेकिन असंभव नहीं। सवाल: सेल्फ डिपोर्ट का मेल आया हो तो क्या करें? कई छात्रों को भेजे गए मेल में ‘स्वेच्छा से अमेरिका छोड़ने’ को कहा गया है। इस पर शीला और साइरस दोनों का मानना है कि यह कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं है। ऐसे छात्र चाहें तो फेडरल कोर्ट में इस फैसले को चुनौती दे सकते हैं। कोर्ट से स्टे लेने और फैसले की समीक्षा करवाने का पूरा अधिकार उन्हें है। AI ऐप की मदद से छात्रों की पहचान कर रही अमेरिकी सरकार अमेरिकी सरकार AI ऐप ‘कैच एंड रिवोक’ की मदद से ऐसे छात्रों की पहचान कर रही है। विदेश मंत्री मार्को रुबियो के मुताबिक 26 मार्च तक 300 से ज्यादा ‘हमास समर्थक’ छात्रों का F-1 वीजा रद्द किया जा चुका है। इसमें कई भारतीय छात्र भी शामिल हैं। इस ऐप की मदद से सबसे पहले 5 मार्च को तुर्किये की एक छात्रा रुमेसा ओजतुर्क की पहचान की गई थी। वह टफ्ट्स यूनिवर्सिटी, बोस्टन में पढ़ाई कर रही थी। उसने सोशल मीडिया पर फिलिस्तीन के समर्थन में पोस्ट किया था, जिसके बाद अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने उसका वीजा रद्द कर दिया। ई-मेल में चेतावनी- देश छोड़ दें, वरना हिरासत में लिया जाएगा यह मेल कई यूनिवर्सिटी के छात्रों को भेजा गया है। इसमें हार्वर्ड, कोलंबिया, येल, कैलिफोर्निया और मिशिगन यूनिवर्सिटी जैसे चर्चित संस्थान हैं। हालांकि, कितनी यूनिवर्सिटीज के कितने छात्रों को यह मेल भेजा गया है, इसकी सटीक जानकारी अभी सामने नहीं आई है। ईमेल में छात्रों से कहा गया कि उनका F-1 वीजा अमेरिका के इमिग्रेशन एंड नेशनैलिटी एक्ट की धारा 221(i) के तहत रद्द कर दिया गया है। अब अगर वे अमेरिका में रहते हैं तो उन पर जुर्माना लगाया जा सकता है, उन्हें हिरासत में लिया जा सकता है या उन्हें डिपोर्ट किया जा सकता है। ईमेल में यह भी बताया गया है कि छात्रों को उनके गृह देशों के अलावा दूसरे देशों में भी भेजा जा सकता है। इसलिए बेहतर है कि छात्र खुद से अमेरिका छोड़ दें।

वीजा रद्द होने पर भी अमेरिका छोड़ना जरूरी नहीं: अमेरिका के 2 टॉप इमिग्रेंट्स एक्सपर्ट्स की राय; ट्रम्प सरकार ने देश छोड़ने को कहा था
Kharchaa Pani
लेखकों: सुमीता जोशी, नीतू मेहरा – टीम नेटानागरी
परिचय
अमेरिका में वीजा रद्द होने पर कई प्रवासियों के मन में चिंता रहती है कि उन्हें तुरंत देश छोड़ना होगा। लेकिन हाल के अध्ययन और दो प्रमुख इमिग्रेशन विशेषज्ञों की राय इसे लेकर कुछ भिन्नता प्रस्तुत करती है। इस लेख में हम आपकी चिंताओं को कम करने और आपको सही जानकारी देने का प्रयास करेंगे।
ट्रंप सरकार के प्रभाव
ट्रंप प्रशासन के दौरान, देश छोड़ने को लेकर कई प्रवासी आप्रवासियों के लिए यह एक गंभीर मुद्दा बन गया था। कई प्रवासियों को यह लगने लगा कि वीजा रद्द होने का मतलब तुरंत देश छोड़ना है। लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक, यह धारणा गलत है।
विशेषज्ञों की राय
अमेरिका के दो टॉप इमिग्रेंट्स एक्सपर्ट्स, जिनमें से एक नेशनल इमिग्रेशन फोरम के प्रमुख हैं और दूसरे एक प्रमुख विश्वविद्यालय के इमिग्रेशन रिसर्च सेंटर के निदेशक हैं, ने बताया है कि वीजा रद्द होने का मतलब यह नहीं है कि आपको देश छोड़ना अनिवार्य है।
विशेषज्ञों ने बताया कि प्रवासियों को अपनी स्थिति और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए उचित कानूनी सलाह लेनी चाहिए। यहाँ तक कि वीजा रद्द होने पर भी वे अस्थायी रूप से अमेरिका में रह सकते हैं, यदि वे कानूनी विकल्पों का उपयोग करते हैं।
कानूनी विकल्प और उपाय
अगर आपका वीजा रद्द हो गया है, तो आपको कुछ कानूनी विकल्पों पर विचार करना चाहिए। जैसे कि:
- अन्य वीजा के लिए आवेदन करें
- आवश्यक दस्तावेजों को सही करने के लिए अपील करें
- स्थायी निवास के लिए अन्य विकल्पों का पता लगाएं
इन उपायों को अपनाने से आप अमेरिका में अपने प्रवास को सुरक्षित रख सकते हैं।
निष्कर्ष
अमेरिका में वीजा रद्द होने पर चाहिए कि प्रवासी तनाव में न आएं। सही जानकारी और कानूनी सहायता लेने से वे अपनी स्थितियों को संभाल सकते हैं। यह सलाह हमेशा ध्यान में रखें कि स्थिति के अनुसार सही कदम उठाना सबसे महत्वपूर्ण है। तो अगर आपका वीजा रद्द हो गया है, तो तुरंत निर्णय लेने से बचें और अपने विकल्पों पर ध्यान दें। अधिक जानकारी के लिए, कृपया [kharchaapani.com](http://kharchaapani.com) पर जाएँ।
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