टाटा कैपिटल ने SEBI के पास फाइल किए ड्राफ्ट-पेपर्स:इश्यू से ₹15 हजार करोड़ जुटाने का प्लान, सितंबर तक हो सकती है कंपनी की लिस्टिंग
टाटा ग्रुप की फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी टाटा कैपिटल अपना इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO लाने के लिए तैयारी कर रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी ने IPO के लिए मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) यानी ड्राफ्ट पेपर्स फाइल कर दिए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी की IPO के लिए सेबी के पास यह प्री-फाइलिंग कॉन्फिडेंशियल है। नवंबर 2022 में SEBI ने कॉन्फिडेंशियल प्री-फाइलिंग रूट पेश किया गया था। इसके तहत कंपनियों को अपनी जरूरी बिजनेस डिटेल्स पब्लिक किए बिना अपना DRHP फाइल करने में सहायता मिलती है। IPO के जरिए 15 हजार करोड़ रुपए जुटाना चाहती है कंपनी इस IPO के जरिए कंपनी 15 हजार करोड़ रुपए जुटाना चाहती है। IPO के तहत कंपनी 2.3 करोड़ नए शेयर जारी करेगी। इसके अलावा कुछ मौजूदा शेयरहोल्डर्स की ओर से ऑफर फॉर सेल (OFS) भी रहेगा। टाटा संस की टाटा कैपिटल में 92.83% हिस्सेदारी टाटा संस, टाटा कैपिटल की होल्डिंग कंपनी है। इसके पास टाटा कैपिटल में 92.83% हिस्सेदारी है। बाकी हिस्सेदारी टाटा ग्रुप की अन्य कंपनियों और ट्रस्टों के पास है। टाटा कैपिटल को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से अपर लेयर NBFC (नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी) का दर्जा मिला हुआ है। लिस्टिंग के लिए 10 इन्वेस्टमेंट बैंकों को नियुक्त किया टाटा कैपिटल ने लिस्टिंग के लिए सलाहकार के तौर पर 10 इन्वेस्टमेंट बैंकों को नियुक्त किया है। इन बैंकों में कोटक महिंद्रा कैपिटल, सिटी, जेपी मॉर्गन, एक्सिस कैपिटल, ICICI सिक्योरिटीज, HSBC सिक्योरिटीज, IIFL कैपिटल, BNP पारिबास, SBI कैपिटल और HDFC बैंक शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, IPO में प्राइमरी और सेकेंडरी शेयर ऑफरिंग का कॉम्बिनेशन शामिल होगा। जिसमें टाटा संस और इन्वेस्टर इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन (IFC) अपनी हिस्सेदारी कम करने का प्लान बना रहे हैं। हालांकि, हिस्सेदारी बिक्री में टाटा संस की भूमिका ज्यादा महत्वपूर्ण होने की उम्मीद है। सितंबर 2022 में NBFC में शामिल हुई थी टाटा कैपिटल RBI के आदेश के अनुसार, अपर लेयर NBFC के लिए यह मान्यता मिलने के 3 साल के अंदर शेयर बाजारों में लिस्ट होना जरूरी है। टाटा कैपिटल ने सितंबर 2022 में अपर लेयर NBFC में क्वालिफाई किया था। यानी RBI के नियम के तहत, टाटा कैपिटल के पास खुद को शेयर बाजार में लिस्ट कराने के लिए सितंबर 2025 तक का समय है। IPO के लिए बोर्ड की मंजूरी पिछले महीने मिली थी टाटा कैपिटल को IPO के लिए अपने बोर्ड की मंजूरी पिछले महीने ही मिली थी। IPO से पहले बोर्ड ने फरवरी में ₹1,504 करोड़ के राइट्स इश्यू को भी मंजूरी दी थी। 2023 में टाटा टेक्नोलॉजीज की लिस्टिंग के बाद यह टाटा ग्रुप की किसी कंपनी का पहला IPO होगा। कंपनी का AUM 1.58 लाख करोड़ रुपए (31 मार्च 2024 तक) था। पर्सनल लोन, होम लोन, गाड़ी के लिए लोन, कॉमर्शियल वाहनों के लिए लोन और बिजनेस लोन देती है। इसके अलावा क्रेडिट कार्ड और डिजिटल लोन भी उपलब्ध कराती है।

टाटा कैपिटल ने SEBI के पास फाइल किए ड्राफ्ट-पेपर्स: इश्यू से ₹15 हजार करोड़ जुटाने का प्लान, सितंबर तक हो सकती है कंपनी की लिस्टिंग
Kharchaa Pani
लेखक: नेहा शर्मा, टीम नेटानागरी
परिचय
टाटा कैपिटल, जो टाटा समूह की वित्तीय सेवा कंपनी है, ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के पास अपने आईपीओ के लिए ड्राफ्ट-पेपर्स फाइल किए हैं। इस इश्यू के जरिए कंपनी ₹15 हजार करोड़ जुटाने का लक्ष्य रखती है। इसके अलावा, यह संभावना जताई जा रही है कि सितंबर के महीने में कंपनी का लिस्टिंग समारोह हो सकता है।
कंपनी की वित्तीय स्थिति
टाटा कैपिटल ने अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत बनाने के लिए इस आईपीओ का निर्णय लिया है। कंपनी के पास विभिन्न प्रकार की वित्तीय सेवाएं हैं, जिनमें उपभोक्ता वित्त, कारोबारी वित्त, और निवेश बैंकिंग शामिल हैं। हाल में किए गए संशोधनों से यह भी पता चलता है कि कंपनी ने लिस्टिंग प्रक्रिया को तेज करने के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं।
इश्यू का महत्व
आईपीओ जारी करना एक महत्वपूर्ण रणनीति है जो न केवल निवेशकों को आकर्षित करेगा, बल्कि कंपनी के विकास में भी सहायक होगा। टाटा कैपिटल इस प्रक्रिया के माध्यम से अपने कारोबार को विस्तार देने और नए प्रोजेक्ट्स में निवेश करने की योजना बना रही है। इसके साथ ही, बाजार में प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने के लिए भी यह कदम महत्वपूर्ण होगा।
SEBI की प्रक्रिया
SEBI के पास ड्राफ्ट-पेपर्स फाइल करने के बाद, कंपनी को नियामक की मंजूरी का इंतजार करना होगा। इसके बाद ही इश्यू की तारीख और संचालन के संबंध में जानकारी साझा की जाएगी। SEBI की समीक्षा प्रक्रिया में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कंपनी के दस्तावेज सही और पूर्ण हैं।
समापन
टाटा कैपिटल का यह आईपीओ वित्तीय बाजारों में एक बड़ा इवेंट साबित हो सकता है। यदि सब कुछ सही रहा, तो सितंबर में कंपनी का लिस्टिंग होना निश्चित है। इससे निवेशकों को नए अवसरों की प्राप्ति होगी, और टाटा समूह का एक नया अध्याय शुरू होगा। यह कदम टाटा कैपिटल के लिए नए सामर्थ्य और विकास की संभावनाओं को खोल सकता है।
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