वक्फ संशोधन बिल के विरोध में AAP विधायक की याचिका:कांग्रेस-AIMIM सांसद ने भी सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन लगाई; भाजपा नेता शाहनवाज को धमकियां मिलीं
वक्फ संशोधन बिल लोकसभा और राज्यसभा दोनों से पास हो गया है। इसे अब राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। उनकी सहमति के बाद यह कानून बन जाएगा। लेकिन इससे पहले विपक्ष और कई मुस्लिम संगठन इसके विरोध में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। शनिवार को आम आदमी पार्टी (AAP) विधायक अमानतुल्लाह खान ने बिल के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। इससे पहले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में दो याचिका लगाई गई। बिहार के किशनगंज से कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद और AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने यह याचिका लगाई। इधर, वक्फ बिल का समर्थन करने के बाद बीजेपी के सीनियर लीडर और पूर्व मंत्री शाहनवाज हुसैन को धमकियां मिल रही है। उन्हें फोन कर जान से मारने की धमकी दी जा रही है। सोशल मीडिया पर भी लगातार धमकाया जा रहा है। पूरी खबर पढ़ें... बिल पर 2 और 3 अप्रैल को लोकसभा-राज्यसभा में 12-12 घंटे की चर्चा के बाद पास हुआ था। राज्यसभा से गुरुवार को बिल पास होने के बाद कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा था कि कांग्रेस हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। तमिलनाडु की DMK ने भी याचिका लगाने की बात कही थी। शुक्रवार को नमाज के बाद मुस्लिम समाज ने किया विरोध वक्फ संशोधन बिल के संसद से पास होने के खिलाफ देश में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद पश्चिम बंगाल, गुजरात, बिहार, झारखंड, तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, असम में मुस्लिमों ने सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया गया। इसमें महिला-बच्चे भी शामिल हैं। पूरी खबर पढ़ें... लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित शुक्रवार को लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। इसके साथ ही 31 जनवरी से शुरू हुए बजट सत्र का पहला और दूसरा सेशन समाप्त हो गया। स्पीकर ओम बिरला ने बताया कि इस सत्र में वक्फ बिल समेत 16 विधेयक पास किए गए। सदन की प्रोडक्टिविटी 118% रही। वहीं, बिरला ने वक्फ बिल को लेकर सोनिया गांधी को नसीहत दी। इस पर विपक्षी सांसदों ने बिरला के खिलाफ नारेबाजी की। सोनिया ने बिल के पास होते वक्त संसदीय प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे। वक्फ बिल लोकसभा में पास, पूरी खबर पढ़ें... JDU ने बिल का सपोर्ट किया, 7 मुस्लिम नेताओं ने विरोध में पार्टी छोड़ी JDU ने वक्फ बिल संशोधन बिल का समर्थन किया है। इसके बाद बिल को समर्थन देने से नाराज 7 मुस्लिम नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है। इनमें अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव मोहम्मद शाहनवाज मलिक, प्रदेश महासचिव मो. तबरेज सिद्दीकी अलीग, भोजपुर से पार्टी सदस्य मो. दिलशान राईन और मोतिहारी की ढाका विधानसभा सीट से पूर्व प्रत्याशी मोहम्मद कासिम अंसारी शामिल हैं। पूरी खबर पढ़ें... रिजिजू बोले- कानून में ट्रांसपेरेंसी, अकाउंटेबिलिटी, एक्यूरेसी केंद्रित बदलाव अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि व्यापक चर्चा के बाद तैयार किए गए बिल को जेपीसी के पास भेज दिया गया था। जेपीसी के बाद बुधवार देर रात तक चर्चा के बाद इस बिल को लोकसभा से पारित कर दिया गया। संशोधित बिल में हमने ट्रांसपैरेंसी, अकाउंटेबिलिटी, एक्यूरेसी पर केंद्रित बदलाव किए हैं। रिजिजू बोले- वक्फ बिल के ओरिजिनल ड्राफ्ट और अब के ड्राफ्ट को देखें तो कई चेंज हमने किए हैं। यह चेंज सबके सुझाव से ही हुए हैं। जेपीसी में ज्यादातर लोगों के सुझाव स्वीकार हुए हैं। सारे सुझाव स्वीकार नहीं हो सकते। ये लोकतंत्र का नियम है, जिसका बहुमत होता है, वही सरकार बनाता है। खड़गे ने कहा- मेरे पास वक्फ की एक इंच जमीन नहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार का इरादा ठीक नहीं है। वक्फ लैंड किसको देंगे यह सामने नहीं आया। व्यापारियों को देंगे...मुझे पता नहीं। अंबानी-अडाणी जैसे लोगों को खिलाएंगे। मैं गृहमंत्री से अपील करूंगा कि आप इसे वापस ले लें। इसे प्रेस्टीज ईश्यू न बनाएं। मुसलमानों के लिए ये अच्छा नहीं है। संविधान के खिलाफ है। अनुराग ठाकुर आरोप लगाते हैं कि मेरे परिवार के पास वक्फ की जमीन है। मैं बताना चाहता हूं कि मेरे पास वक्फ की एक इंच भी जमीन नहीं है। अनुराग या तो इस आरोप को साबित करें या इस्तीफा दें। खड़गे बोले- विपक्ष के सभी लोगों ने बिल को स्वीकार नहीं किया। इसका मतलब इसमें खामिया हैं। जिसकी लाठी उसकी भैंस ये हर वक्त ठीक नहीं। ये दान देने और दान लेने का मामला है। दान देने वाला किसी भी धर्म का हो सकता है। इन्हें ध्यान में रखने की जगह आपने माइनॉरिटीज के हकों को छीनने की कोशिश की है। पूरी खबर पढ़ें... वक्फ बिल पर विपक्ष के नेताओं ने क्या कहा... PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती: ऐसा नहीं होना चाहिए। यह अल्पसंख्यकों, मुसलमानों की संस्था है और इसे इस तरह से बुलडोजर करना और राज्यसभा में पारित करना, मैं समझती हूं कि यह डाका डालने के बराबर है, जो बहुत गलत है जो नहीं होना चाहिए। NC सांसद आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी: भाजपा को मुसलमानों के लिए बोलने का कोई नैतिक या राजनीतिक अधिकार नहीं है और वक्फ विधेयक पारित करके RSS-भाजपा शासन ने अपनी मुस्लिम विरोधी, अल्पसंख्यक विरोधी मंशा की पुष्टि की है। आज भारत क्रूर बहुसंख्यकवाद के एक अंधेरे युग में चला गया है, जहां अल्पसंख्यक हितों को दरवाजा दिखा दिया गया। -------------------------------------- वक्फ बिल से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... लोकसभा में ओवैसी ने बिल की कॉपी फाड़ी, कहा- इसका मकसद मुसलमानों को जलील करना वक्फ संशोधन बिल 2024 लोकसभा में 12 घंटे की चर्चा के बाद पास हो गया। 288 सांसदों ने पक्ष में, 232 ने विपक्ष में वोट डाला। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने इसे पेश किया था।चर्चा के दौरान AIMIM के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इस बिल का मकसद मुसलमानों को जलील करना है। पूरी खबर पढ़ें...

वक्फ संशोधन बिल के विरोध में AAP विधायक की याचिका: कांग्रेस-AIMIM सांसद ने भी सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन लगाई; भाजपा नेता शाहनवाज को धमकियां मिलीं
खर्चा पानी
लेखिका: स्नेहा शर्मा, नेता नगरी टीम
परिचय
वक्फ संशोधन बिल को लेकर राजनीतिक हलकों में नई हलचल देखने को मिल रही है। आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक ने इस बिल के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है। इसके अलावा, कांग्रेस और AIMIM के सांसदों ने भी इस मुद्दे पर अपनी आवाज उठाई है। वहीं, भाजपा नेता शाहनवाज को धमकियां मिलने की घटना ने इस सारे मामले को और भी गंभीर बना दिया है।
वक्फ संशोधन बिल का विवाद
वक्फ संशोधन बिल को मुस्लिम वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को लेकर पेश किया गया था। इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के उपयोग के नियमों को स्पष्ट करना है, लेकिन इसे कई राजनीतिक दलों द्वारा अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन मानते हुए इसका विरोध किया जा रहा है। AAP विधायक ने इस बिल को पलटने की मांग की है और इसे असंवैधानिक बताया है।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका
कांग्रेस और AIMIM के सांसदों ने भी इस बाबत एक याचिका दायर की है। उनका कहना है कि यह बिल समाज में एकता को नष्ट कर सकता है और इसका प्रभाव अल्पसंख्यक समुदाय पर पड़ेगा। सांसदों का मानना है कि वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन अल्पसंख्यकों की भलाई के लिए होना चाहिए, न कि किसी राजनीतिक लाभ के लिए।
बीजेपी नेता को धमकियां
इस बीच, भाजपा नेता शाहनवाज को मिली धमकियों ने स्थिति को और तगड़ा कर दिया है। शाहनवाज ने आरोप लगाया है कि धारणीयता की कमी वाले इस विवाद के चलते उन्हें और उनके परिवार को खतरा महसूस हो रहा है। उनकी सुरक्षा को लेकर सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की गई है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
इस मुद्दे पर विभिन्न राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। AAP, कांग्रेस और AIMIM ने एकजुट होकर वक्फ संशोधन बिल का विरोध किया है, जबकि भाजपा ने इसे एक आवश्यक कदम बताया है। इस राजनीतिक खींचतान ने देश में एक बार फिर से धर्म और राजनीति के बीच की सीमाओं को रेखांकित किया है।
निष्कर्ष
वक्फ संशोधन बिल ने राजनीति में एक नया विवाद उत्पन्न कर दिया है। आम नागरिकों में इस बारे में बातचीत बढ़ रही है और इससे राजनीतिक परिदृश्य बदलने की संभावना भी जताई जा रही है। हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में उचित निर्णय देगा, जो सभी समुदायों के अधिकारों की रक्षा करेगा।
विवाद के इस जनमानस पर गहराई से विचार करने की आवश्यकता है। विपक्ष और सत्ताधारी दलों के मध्य इस तरह के विवाद आम जनता के दृष्टिकोण को प्रभावित करते हैं।
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