अबू आजमी बजट सत्र तक के लिए सस्पेंड:औरंगजेब को लेकर विवादित बयान दिया था; योगी बोले- यूपी बुलाइए, इलाज कर देंगे

मुगल शासक औरंगजेब की तारीफ करने के बाद महाराष्ट्र के सपा विधायक अबू आजमी को पूरे बजट सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। महाराष्ट्र का बजट सत्र 3 मार्च को शुरू हुआ और 26 मार्च को खत्म होगा। संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटील ने सदन में एक प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि आजमी ने जो टिप्पणी की, उससे सदन की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है, जिसके कारण उनकी सदस्यता को बजट सत्र के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव रखा गया था। प्रस्ताव को सदन में अध्यक्ष ने पारित कर दिया। यूपी बजट सत्र के आखिरी दिन सीएम योगी ने विधान परिषद में अबू आजमी के बयान का जिक्र किया। योगी बोले- भारत की आस्था को रौंदने वाले का महिमामंडन करने वाले सदस्य को सपा से बाहर निकाल देना चाहिए। उसे (अबू आजमी) यहां बुलाइए। उत्तर प्रदेश ऐसे लोगों का उपचार करने में देर नहीं करता। जानिए पूरा विवाद क्या है... 3 मार्च 2025: औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए, वह क्रूर शासक नहीं 3 मार्च को आजमी ने कहा था- हमें गलत इतिहास दिखाया जा रहा है। औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए हैं। मैं उसे क्रूर शासक नहीं मानता। छत्रपति संभाजी महाराज और औरंगजेब के बीच धार्मिक नहीं बल्कि सत्ता और संपत्ति के लिए लड़ाई थी। अगर कोई कहता है कि यह लड़ाई हिंदू और मुसलमान को लेकर थी, तो मैं इस पर विश्वास नहीं करता। 4 मार्च 2025: मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ा गया, बयान वापस लेता हूं बयान पर विवाद के बाद आजमी ने कहा- मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है। लेकिन फिर भी मेरी बात से कोई आहत हुआ है तो मैं अपने शब्द, अपना स्टेटमेंट वापस लेता हूं। मैंने वही कहा है जो इतिहासकारों और लेखकों ने लिखा है। मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या अन्य किसी भी महापुरुष के बारे में कोई अपमानजनक टिप्पणी नहीं की है। विवाद बढ़ने पर अबू आजमी ने कहा था- इसे हिंदू-मुसलमान एंगल न दें विवाद बढ़ने पर अबू आजमी ने कहा था- औरंगजेब ने मंदिरों के साथ मस्जिदों को भी नष्ट किया। अगर वह हिंदुओं के खिलाफ होता, तो 34% हिंदू उसके साथ नहीं होते। उसके शासनकाल में भारत को स्वर्ण चिड़िया कहा जाता था। इसे हिंदू-मुसलमान एंगल से नहीं देखना चाहिए। सपा विधायक ने आगे कहा था- औरंगजेब ने 52 वर्ष शासन किया और अगर वह सच में हिंदुओं को मुसलमान में परिवर्तित करते, तो सोचिए कितने हिंदू परिवर्तित हो जाते। 1857 की विद्रोह में जब मंगल पांडे ने लड़ाई शुरू की, तो उसका साथ सबसे पहले मुसलमान बहादुर शाह जफर ने दिया था। वहीं, डिप्टी CM एकनाथ शिंदे ने बयान का विरोध करते हुए कहा था कि अबू आजमी पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए। कौन हैं अबू आजमी अबू आजमी यूपी के आजमगढ़ के रहने वाले हैं। वह महाराष्ट्र में सपा के विधायक हैं। पिछले चुनाव में अबू आजमी ने महाराष्ट्र की मानखुर्द शिवाजी नगर सीट से जीत हासिल की थी। 1995 में अबू आजमी के नेतृत्व सपा ने 2 सीटें जीती थीं। 2004 में अबू आजमी ने पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा मगर उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2002 से 2008 तक सपा से राज्यसभा सदस्य रहे अबू ने 2009 में लोकसभा चुनाव लड़ा और कांग्रेस पार्टी के गुरुदास कामत से हार गए। 2009 से 2024 के बीच अबू मानखुर्द शिवाजी नगर से 3 बार जीत हासिल कर चुके हैं। ------------------------------------------------------------- महाराष्ट्र की राजनीति से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... फडणवीस बोले- अमित शाह से मेरी कोई शिकायत नहीं हुई, शिंदे से विवाद की खबरें गलत महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी CM एकनाथ शिंदे से विवाद की खबरों से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि डिप्टी CM एकनाथ शिंदे ने अमित शाह से मेरी कोई शिकायत नहीं की है। शिवसेना उद्धव गुट के सांसद संजय राउत कहानी लिखने में बॉलीवुड के मशहूर लेखक सलीम-जावेद से कंपटीशन कर रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें...

Mar 5, 2025 - 14:34
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अबू आजमी बजट सत्र तक के लिए सस्पेंड:औरंगजेब को लेकर विवादित बयान दिया था; योगी बोले- यूपी बुलाइए, इलाज कर देंगे

अबू आजमी बजट सत्र तक के सस्पेंड: औरंगजेब को लेकर विवादित बयान दिया था; योगी बोले- यूपी बुलाइए, इलाज कर देंगे

खर्चा पानी

लेखक: स्नेहा शर्मा, टीमेतानागरी

हाल ही में महाराष्ट्र विधानसभा में समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी को बजट सत्र तक सस्पेंड कर दिया गया। यह निर्णय उनकी ओर से दिए गए एक विवादित बयान के कारण लिया गया, जिसमें उन्होंने मुग़ल बादशाह औरंगजेब को लेकर टिप्पणी की थी। इस बयान का फलक तेजी से तूल पकड़ रहा है और विभिन्न राजनीतिक प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।

बयान का संदर्भ

अबू आजमी ने विधानसभा में औरंगजेब को लेकर कुछ ऐसे शब्दों का प्रयोग किया जो न केवल असंगत थे, बल्कि उन्होंने धार्मिक भावनाओं को भी आहत किया। इस बयान के बाद विधानसभा में हंगामा मच गया और विपक्ष ने उनकी निंदा की। विधानसभा अध्यक्ष ने इस तरह के बयानों को अस्वीकार्य बताते हुए तुरंत कार्रवाई की।

योगी आदित्यनाथ की प्रतिक्रिया

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "अगर कोई व्यक्ति ऐसे विवादित बयानों को देता है, तो उसे यूपी बुलाइए, हम उसका इलाज कर देंगे।" योगी का यह बयान इस बात को दर्शाता है कि अबू आजमी के बयान की प्रतिक्रिया केवल महाराष्ट्र में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में हो रही है। इसका असर राज्य की राजनीति और साम्प्रदायिक सौहार्द पर भी पड़ सकता है।

विभिन्न प्रतिक्रियाएं

अबू आजमी के बयान पर विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपनी राय व्यक्त की है। कुछ नेताओं का कहना है कि इस तरह के बयान पूरे समाज में तनाव बढ़ाते हैं, जबकि कुछ लोग इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के रूप में देखते हैं। इस मामले में विपक्ष ने आजमी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

आगे का रास्ता

यह विवाद निश्चित रूप से आने वाले समय में और भी गहराएगा। अबू आजमी के सस्पेंशन से स्पष्ट है कि विधानसभा में अनुशासन और कर्तव्य का उच्च स्तर बनाए रखना आवश्यक है। यह स्थिति यह भी दर्शाती है कि अब राजनीतिक बयानों को लेकर एक नई सोच की आवश्यकता है, जो समाज को एकता और सद्भाव की ओर ले जाए।

निष्कर्ष

इस पूरे घटनाक्रम ने यह साबित कर दिया है कि राजनीतिक बयानबाजी का एक सीमित दायरा होना चाहिए। अबू आजमी का सस्पेंशन इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसे लेकर देशभर में बहस जारी है, जो आगे भी चलती रहेगी।

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