मणिपुर हिंसा पर चर्चा हो तो समाधान दूर नहीं:जस्टिस गवई बोले- राज्य में हर कोई शांति चाहता है, मौजूदा हालात पर किसी की दिलचस्पी नहीं

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई ने रविवार को कहा कि संवैधानिक तरीकों से सभी समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। जब संवाद होता है तो समाधान आसानी से मिल जाता है। जस्टिस गवई ने कहा, 'मणिपुर में जातीय संघर्ष से वहां के लोग बहुत परेशान हैं। हर को शांति बहाली चाहता है। कोई भी मौजूदा स्थिति को जारी रखने में दिलचस्पी नहीं रखता।' उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जजों के लिए उस राज्य (मणिपुर) का दौरा करना बहुत खुशी की बात है, जहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस और भारतीय राष्ट्रीय सेना ने देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी थी। जहां 1944 में पहली बार भारतीय ध्वज फहराया गया था। दरअसल, जस्टिस गवई ने इंफाल में मणिपुर हाईकोर्ट की स्थापना की 12वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में यह बात कही। शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के 6 जज जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस एमएम सुंदरेश, जस्टिस केवी विश्वनाथन और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह वाला प्रतिनिधिमंडल मणिपुर पहुंचा था। जस्टिस गवई के संबोधन की बड़ी बातें... 22 मार्च: सुप्रीम कोर्ट के 6 जज मणिपुर दौरा पर पहुंचे 22 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के 6 जज जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस एमएम सुंदरेश, जस्टिस केवी विश्वनाथन और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह वाला प्रतिनिधिमंडल शनिवार को मणिपुर पहुंचा था।चुराचांदपुर में 295 विधिक सेवा शिविर, स्वास्थ्य शिविर और विधिक सहायता क्लिनिक का जस्टिस गवई ने उद्घाटन किया था। जस्टिस गवई ने कहा था कि हमारे संविधान का उद्देश्य सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय पहुंचाना है। जस्टिस कोटिश्वर सिंह ने कहा था कि मेरा मानना ​​है एक दिन मणिपुर समृद्ध होगा। हमें अपने संविधान पर भरोसा रखना चाहिए। मणिपुर में एक दिन शांति स्थापित होगी और वह सफल होगा। हमें मिलकर यहां राहत पहुंचाने का काम करना चाहिए। पूरी खबर पढ़ें... .................................... मणिपुर से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… 9 फरवरी को CM का इस्तीफा, 13 को राष्ट्रपति शासन लगा मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने 9 फरवरी को इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद मणिपुर में 13 फरवरी को राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था। राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने उपद्रवियों से सभी लूटे गए हथियार सरेंडर करने को कहा था। अब तक 500 से ज्यादा हथियार सरेंडर किए जा चुके हैं। पूरी खबर पढ़ें...

Mar 23, 2025 - 21:34
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मणिपुर हिंसा पर चर्चा हो तो समाधान दूर नहीं:जस्टिस गवई बोले- राज्य में हर कोई शांति चाहता है, मौजूदा हालात पर किसी की दिलचस्पी नहीं
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई ने रविवार को कहा कि संवैधानिक तरीकों से सभी समस्याओं का समाधान क

मणिपुर हिंसा पर चर्चा हो तो समाधान दूर नहीं: जस्टिस गवई बोले- राज्य में हर कोई शांति चाहता है, मौजूदा हालात पर किसी की दिलचस्पी नहीं

खर्चा पानी

लेखकों की टीम: नेता नागरी

परिचय

हाल ही में मणिपुर में हुई हिंसा पर चर्चा करते हुए जस्टिस गवई ने कहा कि अगर इस स्थिति पर गंभीरता से बात की जाए, तो समाधान निकाले जा सकते हैं। वर्तमान में, मणिपुर के हालात चिंताजनक हैं और हर कोई शांति चाहता है, लेकिन किसी को भी मौजूदा घटनाओं में दिलचस्पी नहीं है। इस लेख में हम इस विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

मणिपुर में मौजूदा स्थिति

मणिपुर में जारी हिंसा ने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया है। ताजा घटनाक्रमों ने राज्य के सामुदायिक सद्भाव को खंडित किया है। यहां की जनता शांति और स्थिरता की तलाश में है, लेकिन राजनीतिक अस्थिरता और हालात की गंभीरता ने स्थिति को और बुरी बना दिया है।

जस्टिस गवई का बयान

जस्टिस गवई ने मीडिया से बात करते हुए यह स्पष्ट किया कि, "जब तक हम हिंसा और असंतोष के कारणों की चर्चा नहीं करेंगे, तब तक समाधान संभव नहीं है। सभी पक्षों को मिलकर एक मंच पर बैठकर विचार-विमर्श करना चाहिए।" उनके अनुसार, राज्य में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए शांति का वातावरण बनाना आवश्यक है।

शांति की आवश्यकता

मणिपुर में शांति केवल राज्य सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह समाज के सभी तबकों की जिम्मेदारी है। नागरिकों को चाहिए कि वे आपसी संवाद और सहयोग के माध्यम से सामुदायिक एकता को मजबूती प्रदान करें। इसी तरह की पहल से ही राज्य में स्थायी शांति संभव है।

राजनीतिक दायित्व

राजनीतिक नेताओं ने भी मणिपुर स्थिति पर अपनी चिंताओं को व्यक्त किया है। उन्हें चाहिए कि वे जनता के सामने आने वाले मुद्दों को प्राथमिकता दें और त्वरित समाधान की दिशा में काम करें। साधारण नागरिकों की आवाज़ को सुनना, राजनीतिक मंडलियों का कर्तव्य है।

निष्कर्ष

जस्टिस गवई के बयान से यह स्पष्ट होता है कि यदि मणिपुर के मौजूदा हालात पर सार्थक चर्चा की जाए, तो समाधान संभव है। शांति स्थापना के लिए आवश्यक है कि सभी चर्चाएं और निर्णय सामूहिक हित में लिए जाएं। यह समय सकारात्मकता और सहिष्णुता का है, ताकि हम मणिपुर को उसकी खोई हुई शांति वापस दिला सकें।

Keywords

Manipur violence, Justice Gawai, peace in Manipur, political responsibility, community harmony

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