तिहाड़ जेल को शिफ्ट करने की तैयारी:दिल्ली सरकार ने सर्वे के लिए 10 करोड़ बजट रखा; क्षमता 10 हजार कैदी की, 19 हजार+ मौजूद
बीजेपी की दिल्ली सरकार तिहाड़ जेल को शहर से बाहर शिफ्ट करने की प्लानिंग में है। 25 मार्च को CM रेखा गुप्ता ने 2025-26 के लिए दिल्ली के लिए ₹1 लाख करोड़ का बजट पेश किया था, इसमें तिहाड़ को शिफ्ट करने की बात कही। उन्होंने कहा- मौजूदा तिहाड़ कैंपस में कैदियों की भीड़ कम करने के लिए इसे शहर के बाहर शिफ्ट करने की योजना बनाई गई है। इससे कैदियों को भी फायदा मिलेगा। इसके सर्वे और एडवाइजरी के लिए 2025-26 के बजट में ₹10 करोड़ रुपए अलग से रखे गए हैं। तिहाड़ से जुड़े सूत्र के मुताबिक- हमने बपरौला में भी जगह मांगी थी, लेकिन अतिक्रमण के कारण हमें वह नहीं मिल पाई। हालांकि, हमने दिल्ली सरकार को कहीं और 100 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने के लिए लिखा है। तिहाड़ को दो मंजिला बढ़ाने का भी प्रस्ताव है। सूत्र के मुताबिक इससे तिहाड़ की कैदी क्षमता 3 गुना हो जाएगी। साथ ही कैदियों के पांच-दस साल तक रहने के लिए पर्याप्त जगह होगी। सूत्र ने बताया कि जेल नंबर 1 से 9 को लगभग 5,000 कैदियों को रखने के लिए डिजाइन किया गया, लेकिन वर्तमान में इनमें 12 हजार+ कैदी हैं। जेल नंबर 10-16 को करीब 3700 कैदियों के लिए बनाया गया, लेकिन वर्तमान में इनमें 3900 से अधिक कैदी हैं।तिहाड़ में जेल नंबर 4 और मंडोली जेल में 12 को मुलैजा जेल के नाम से जाना जाता है, जिसका मतलब है पहली बार अपराध करने वाले। इन दोनों जेलों में हमारे पास बड़ी संख्या में कैदी हैं। कैदियों के सुधार और पुनर्वास के लिए सोसायटी का गठन CM रेखा ने बजट में दिल्ली जेल के अंडर एक सोसाइटी के गठन की भी घोषणा की। जो कैदियों के सुधार और पुनर्वास पर ध्यान देगी। कैदियों के जेल के अंदर ही अलग-अलग इंडस्ट्रीज में काम करने के लिए तैयार करेगी। दिल्ली सरकार के कार्यालय, मंत्रालय और विभाग भी तिहाड़, रोहिणी और मंडोली जेल परिसरों में निर्मित उत्पादों की खरीद में प्राथमिकता देंगे। वहीं, नाम न बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि कैदियों द्वारा बनाए गए उत्पादों की खपत आमतौर पर तिहाड़ जेल में होती है। कुछ दुकानों के माध्यम से भी इन्हें बेचा भी जाता है, जिन्हें तिहाड़ हाट के नाम से जाना जाता है। इन दुकानों से होने वाली कमाई बहुत कम है। अधिकारी ने कहा सरकार के इस फैसले से कैदियों को ज्यादा कमाई होगी। कैदी रोजाना कई तरह के उत्पाद बनाते हैं। कैदियों को उनके उत्पादन के लिए भुगतान किया जाता है। अगर तिहाड़ जेल में बने उत्पादों को अलग-अलग एजेंसियों द्वारा खरीदा जाएगा तो यह उनके लिए बहुत फायदेमंद होगा। ............................... तिहाड़ के एक कैदी पर 24 हजार मंथली खर्च: DG बोले- 700 कैदियों को होटल इंडस्ट्री में नौकरी मिली, 1200 को अस्पतालों में काम मिलेगा दिल्ली स्थित देश के सबसे बड़े जेल तिहाड़ में एक कैदी पर एक दिन में 800 रुपए खर्च किए जाते हैं। इस हिसाब से हर महीने 24 हजार खर्च होते हैं। तिहाड़ के डायरेक्टर जनरल (जेल) संजय बेनीवाल ने मंगलवार (16 अप्रैल) को यह जानकारी दी। पूरी खबर पढ़ें...

तिहाड़ जेल को शिफ्ट करने की तैयारी: दिल्ली सरकार ने सर्वे के लिए 10 करोड़ बजट रखा; क्षमता 10 हजार कैदी की, 19 हजार+ मौजूद
Kharchaa Pani | टीम नेटानागरी: दिल्ली सरकार ने तिहाड़ जेल को शिफ्ट करने की तैयारी शुरू कर दी है। इस परियोजना के लिए ज़रूरी सर्वेक्षण एवं अध्ययन हेतु 10 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। वर्तमान में तिहाड़ जेल में 19,000 से अधिक कैदी मौजूद हैं, जबकि इसकी अधिकतम क्षमता केवल 10,000 कैदियों की है।
तिहाड़ जेल की मौजूदा स्थिति
तिहाड़ जेल, जो कि पिछले कई वर्षों से चर्चा में है, अब अपनी क्षमता से अधिक भरी हुई है। विभिन्न कारणों से यहाँ के कैदियों की संख्या कहीं अधिक हो गई है जिससे जेल प्रबंधन को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इस अत्यधिक भीड़ के कारण कैदियों के लिए सुविधाएँ सीमित हो चुकी हैं, जिससे उनकी हालत पर भी प्रभाव पड़ा है।
दिल्ली सरकार का कदम
दिल्ली सरकार ने इस समस्या के समाधान के लिए बड़ा कदम उठाया है। 10 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है ताकि तिहाड़ जेल को अन्य स्थान पर शिफ्ट करने के लिए आवश्यक सर्वेक्षण किया जा सके। यह कदम न केवल कैदियों के सुधार के लिए, बल्कि उनके मानवाधिकारों की रक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। सरकार की मंशा है कि जेलों की स्थिति में सुधार लाकर कैदियों को बेहतर इलाज प्रदान किया जा सके।
नए प्रोजेक्ट की योजना
दिल्ली सरकार द्वारा प्रस्तावित नए स्थान में जेल की क्षमताओं को बढ़ाने की योजना है। इसमें एक नए औद्योगिक और शैक्षिक केंद्र की भी परिकल्पना की गई है, जिससे कैदियों को सुधारात्मक प्रशिक्षण दिया जा सके। यह जेल न केवल कैदियों की संख्या सीमित करेगी, बल्कि उन्हें बेहतर जीवन जीने का अवसर भी प्रदान करेगी।
समाज पर प्रभाव
तिहाड़ जेल के शिफ्ट होने से सिर्फ कैदियों की स्थिति में ही सुधार नहीं होगा, बल्कि इससे पूरे समाज पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। एक ऐसे स्थान पर जहां कैदियों की संख्या का उचित प्रबंधन हो सकेगा, इसके चलते कानून और व्यवस्था की स्थिति में भी सुधार देखने को मिल सकता है।
निष्कर्ष
इस कदम से न केवल कैदियों की जिंदगी में सुधार होगा, बल्कि समाज के प्रति भी कानून व्यवस्था को मजबूत किया जा सकेगा। यदि आप इस मुद्दे पर अधिक जानना चाहते हैं या अन्य अपडेट्स की तलाश में हैं, तो kharchaapani.com पर जाएं।
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