नवसंवत 2082 और चैत्र नवरात्रि आज से शुरू:एक साल में साल बार आती है नवरात्रि, पूजा-पाठ और मंत्र जप के साथ मेडिटेशन जरूर करें
आज (30 मार्च) हिन्दी पंचांग के नववर्ष का पहला दिन है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा यानी आज से नवसंवत 2082 और चैत्र नवरात्रि शुरू हो गई है। चैत्र नवरात्रि में देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। इन दिनों में पूजा-पाठ, मंत्र जप के साथ ही मेडिटेशन भी करना चाहिए। मेडिटेशन करने से नकारात्मक विचार दूर होते हैं, मन शांत होता है और हमारा मन पूजा में, भक्ति में एकाग्र रहता है। नवरात्रि के दिनों में छोटी-छोटी कन्याओं को भोजन कराना चाहिए। कन्याओं को लाल चुनरी ओढ़ाएं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, एक साल में चार बार नवरात्रि आती है। इनमें दो नवरात्रि गुप्त होती हैं और दो सामान्य होती हैं। गुप्त नवरात्रि में महाविद्याओं के लिए साधना की जाती है। ये नवरात्रि माघ और आषाढ़ मास में आती है। दो सामान्य नवरात्रि आश्विन मास और चैत्र मास में आती हैं। इन दो नवरात्रि में देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की विशेष पूजा की जाती है। ऋतु परिवर्तन से जुड़ा है नवरात्रि का समय नवरात्रि का समय ऋतु परिवर्तन से जुड़ा है। साल की चारों नवरात्रियां ऋतुओं के संधिकाल में मनाई जाती हैं। संधिकाल यानी एक ऋतु के जाने का और दूसरी ऋतु के आने का समय। चैत्र नवरात्रि के समय ठंड के खत्म होने का और गर्मी शुरू होने का रहता है। आश्विन मास की नवरात्रि के समय वर्षा ऋतु खत्म होती है और शीत ऋतु शुरू होती है। मौसम परिवर्तन के समय इन नवरात्रि में किए गए व्रत-उपवास से धर्म लाभ के साथ ही स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं। चैत्र नवरात्रि के दिनों ध्यान रखें ये बातें इन दिनों में रोज सुबह जल्दी उठना चाहिए। स्नान के बाद घर के मंदिर में पूजा करें। पूजा के साथ ही मंत्र जप और ध्यान भी जरूर करें। सुबह-सुबह किए गए जप और ध्यान से ऊर्जा और उत्साह बना रहता है। आलस दूर रहता है। ध्यान करने से शरीर को स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं। ऐसे कर सकते हैं देवी दुर्गा की पूजा रोज सुबह सबसे पहले गणेश पूजा करें। इसके बाद देवी दुर्गा को जल चढ़ाएं। लाल फूल, लाल चुनरी और सुहाग का सामान चढ़ाएं। कुमकुम से तिलक करें। मिठाई का भोग लगाएं। धूप-दीप जलाएं। मंत्र जप करें। देवी मंत्रों का जप कम से कम 108 बार करना चाहिए। पूजा में देवी मंत्र दुं दुर्गायै नम:, मंत्र का जप कर सकते हैं। मंत्र जाप रुद्राक्ष की माला की मदद से करना चाहिए। पूजा करने वाले भक्त को साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। जप के लिए किसी ऐसी जगह का चयन करें, जहां शांति और पवित्रता हो। एकाग्र मन से किए गए जाप से सकारात्मक फल मिलते हैं। पूजा में देवी मंत्रों का जप करें- सर्वमंगलमांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके। शरण्येत्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोस्तु ते।। ऊँ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।। ये है मेडिटेशन करने की सरल विधि

नवसंवत 2082 और चैत्र नवरात्रि आज से शुरू: एक साल में साल बार आती है नवरात्रि, पूजा-पाठ और मंत्र जप के साथ मेडिटेशन जरूर करें
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बदलते मौसम के साथ, एक बार फिर से नवरात्रि का पर्व हमारे द्वार पर है। चैत्र नवरात्रि, जो नवसंवत 2082 के पहले दिन से आरंभ होती है, हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखती है। यह त्योहार केवल भक्ति का पर्व नहीं है, बल्कि जीवन में संतुलन और शांति लाने का भी माध्यम है। इस बार नवरात्रि का आगाज आज से हो रहा है, जिसमें भक्त माता रानी की पूजा अर्चना करेंगे।
नवरात्रि: देवी दुर्गा की आराधना का पर्व
नवरात्रि का मतलब है 'नौ रातें', जो माँ दुर्गा के नौ रूपों की आराधना के लिए होती हैं। इस पर्व में देवी की पूजा से हमारा जीवन, स्वास्थ्य और समृद्धि में बढ़ोतरी होती है। हर दिन विशेष रूप से एक देवी की पूजा की जाती है। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से शुरू हो रही है और 30 मार्च तक चलेगी।
पूजा-पाठ और मंत्र जप
नवरात्रि के दौरान पूजा-पाठ का महत्व अत्यधिक होता है। भक्तों को सलाह दी जाती है कि वे विशेष रूप से मंत्र जप करें। यह ध्यान और साधना का समय है, जिसमें साधक अपने आप को आध्यात्मिक रूप से ऊँचा उठा सकते हैं। ‘ॐ दुं दुर्गायै नमः’ जैसी मंत्रों का जप करने से साकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
मेडिटेशन का महत्व
नवरात्रि के दौरान मेडिटेशन बहुत लाभकारी होता है। यह मानसिक शांति और आत्म-विश्लेषण की प्रक्रिया में मदद करता है। कई अध्ययन बताते हैं कि नियमित मेडिटेशन करने से तनाव में कमी आती है और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। इसलिए, इस नवरात्रि में अपने दिनचर्या में मेडिटेशन को शामिल करें और सकारात्मक्ता की ओर बढ़ें।
नवरात्रि का महत्व और इसके लाभ
इस नवरात्रि में माँ दुर्गा की आराधना करने से व्यक्ति को नकारात्मकता से छुटकारा मिल सकता है। साथ ही, यह समय संकल्प लेने और अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का है। नवरात्रि के दौरान पूजा-अर्चना से व्यक्ति में आत्मविश्वास बढ़ता है और उसके चारों ओर एक सकारात्मक ऊर्जा का वातावरण बनता है।
निष्कर्ष
नवसंवत 2082 और चैत्र नवरात्रि का पर्व हमें जीवन में सकारात्मकता और शांति लाने का अवसर देता है। पूजा-पाठ के साथ-साथ मंत्र जप और मेडिटेशन का अभ्यास हमें मानसिक शांति प्रदान करता है। इस पावन अवसर का सही उपयोग करें और अपने जीवन में नई ऊर्जा का संचार करें।
हमारी टीम नेटानागरी की ओर से आप सभी को नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ।
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