चैत्र मास 12 अप्रैल तक:हिन्दी पंचांग का पहला महीना है चैत्र, इस महीने में मनाते हैं चैत्र नवरात्रि और राम नवमी, जानिए 10 खास बातें

हिन्दू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास वर्ष का पहला महीना होता है और इसी महीने से नववर्ष की शुरुआत होती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को की थी। इस महीने में कई प्रमुख त्योहार और व्रत आते हैं, जिनका धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व होता है। आइए जानते हैं चैत्र माह की 10 खास बातें: 1. हिन्दी नववर्ष की शुरुआत चैत्र मास से हिन्दू नववर्ष की शुरुआत होती है। इस वर्ष 29 मार्च को संवत् 2081 समाप्त होगा और 30 मार्च से नया संवत् 2082 आरंभ होगा। इस दिन से पंचांग के अनुसार नववर्ष की गणना की जाती है। 2. गणेश चतुर्थी व्रत भगवान गणेश की कृपा पाने के लिए चैत्र माह में दो विशेष चतुर्थी व्रत किए जाते हैं। इस वर्ष पहली चतुर्थी 17 मार्च को और दूसरी 1 अप्रैल को पड़ेगी। गणेश जी की पूजा करने से सभी विघ्न और बाधाएँ दूर होती हैं। 3. विष्णु पूजा और एकादशी व्रत चैत्र मास में भगवान विष्णु की आराधना के लिए दो एकादशी तिथियाँ होती हैं। पहली एकादशी 25 मार्च को और दूसरी 8 अप्रैल को पड़ेगी। एकादशी के दिन व्रत रखने और विष्णु सहस्त्रनाम के पाठ से विशेष फल की प्राप्ति होती है। 4. शीतला सप्तमी और अष्टमी 21 और 22 मार्च को शीतला सप्तमी और अष्टमी मनाई जाएगी। इस दिन शीतला माता को ठंडे खाने का भोग लगाने की परंपरा है। यह व्रत विशेष रूप से रोगों से बचाव और स्वास्थ्य लाभ के लिए किया जाता है। 5. चैत्र अमावस्या का महत्व 29 मार्च को चैत्र अमावस्या रहेगी। यह दिन पितरों के तर्पण, श्राद्ध, और दान-पुण्य के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन गंगा स्नान, दान, और पूजा-पाठ करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है। 6. चैत्र नवरात्रि एवं गुड़ी पड़वा 30 मार्च से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होगी। यह नौ दिनों तक चलने वाला त्योहार देवी दुर्गा की आराधना के लिए समर्पित होता है। इसी दिन गुड़ी पड़वा भी मनाया जाता है, जो महाराष्ट्र और कर्नाटक में नववर्ष की शुरुआत के रूप में प्रसिद्ध है। 7. श्रीराम नवमी भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव 6 अप्रैल को श्रीराम नवमी के रूप में मनाया जाएगा। इस दिन रामकथा का पाठ और भजन-कीर्तन करने का विशेष महत्व है। 8. हनुमान जयंती और चैत्र पूर्णिमा 12 अप्रैल को हनुमान जयंती मनाई जाएगी। यह दिन बजरंगबली के भक्तों के लिए बेहद खास होता है। इसी दिन चैत्र पूर्णिमा भी होगी, जिसे पवित्र नदियों में स्नान, दान और हवन के लिए शुभ माना जाता है। 9. चैत्र माह का पौराणिक महत्व हिन्दू धर्म में मान्यता है कि सतयुग की शुरुआत चैत्र माह से हुई थी। इस महीने में भगवान विष्णु ने पहला अवतार मत्स्य (मछली) रूप में लिया था। मत्स्य अवतार ने सृष्टि के सभी प्राणियों, राजा मनु, सप्त ऋषियों और वेदों को जल प्रलय से बचाया था। 10. ऋतु परिवर्तन और जीवनशैली में बदलाव चैत्र मास से शीत ऋतु समाप्त होती है और ग्रीष्म ऋतु की शुरुआत होती है। इस दौरान खान-पान और जीवनशैली में बदलाव करना आवश्यक होता है। हल्का, सुपाच्य भोजन और अधिक जल ग्रहण करने से शरीर स्वस्थ रहता है। इस प्रकार, चैत्र मास का धार्मिक, पौराणिक और प्राकृतिक दृष्टि से विशेष महत्व है।

Mar 16, 2025 - 07:34
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चैत्र मास 12 अप्रैल तक:हिन्दी पंचांग का पहला महीना है चैत्र, इस महीने में मनाते हैं चैत्र नवरात्रि और राम नवमी, जानिए 10 खास बातें

चैत्र मास 12 अप्रैल तक: हिन्दी पंचांग का पहला महीना है चैत्र, इस महीने में मनाते हैं चैत्र नवरात्रि और राम नवमी, जानिए 10 खास बातें

Kharchaa Pani - लेखिका: सुनिता शर्मा, टीम नेटानागरी

परिचय

चैत्र मास, जो हिन्दी पंचांग का पहला महीना है, शुरू हो चुका है और यह 12 अप्रैल तक चलेगा। इस समय में न केवल धार्मिक आस्था बढ़ती है, बल्कि हमें कई सांस्कृतिक और परंपरागत उत्सवों का भी आनंद लेने का अवसर मिलता है। चैत्र नवरात्रि और राम नवमी जैसे महत्वपूर्ण पर्व इस महीने का हिस्सा हैं। आइए जानते हैं चैत्र मास से जुड़े 10 खास बातें।

1. चैत्र मास का महत्व

चैत्र मास को नए साल के आरंभ का प्रतीक माना जाता है। हिन्दू धर्म में इसे बहुत ही शुभ और पवित्र महीने के रूप में देखा जाता है। इस महीने में नई फसल और ऋतु परिवर्तन भी होते हैं।

2. चैत्र नवरात्रि

इस महीने में नौ nights तक चलने वाला चैत्र नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। यह विशेष रूप से देवी दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित है। भक्तजन 9 दिनों तक उपवास रखते हैं और देवी से समर्पण व्यक्त करते हैं।

3. राम नवमी

चैत्र मास की नवमी को भगवान राम का जन्मोत्सव मनाया जाता है। यह दिन न केवल रामभक्तों के लिए बल्कि सभी हिन्दू धर्मावलंबियों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन भगवान राम की पूजा-अर्चना की जाती है।

4. मौसम परिवर्तन

चैत्र मास में सर्दी से गर्मी की ओर संक्रमण शुरू होता है। इस दौरान प्रकृति अपना सौंदर्य बिखेरती है, और फूलों की खिलखिलाहट हमें उत्साहित करती है।

5. कृषि पर्व

किसानों के लिए चैत्र मास एक महत्वपूर्ण समय होता है क्योंकि इस समय फसल काटी जाती है। नई फसल का स्वागत करने के लिए विभिन्न प्रकार के उत्सव मनाए जाते हैं।

6. व्रत और उपवास

चैत्र मास में कई लोग विशेष व्रत और उपवास रखते हैं। कई भक्त देवी-देवताओं के प्रति अपनी भक्ति के प्रतीक के रूप में यह व्रत करते हैं।

7. चैत्र माह का तिथि निर्धारण

चैत्र मास की शुरूआत प्रतिपदा तिथि से होती है। इस तिथि की गणना चंद्रमा के अनुसार की जाती है, जो हिन्दू पंचांग की विशेषता है।

8. पूजा विधि

चैत्र मास में पूजा के विशेष नियम होते हैं। लोग विशेष शक्ति और आशीर्वाद के लिए देवी-देवताओं का श्राद्ध करते हैं और उनसे सहायता की प्रार्थना करते हैं।

9. खास त्यौहार

इस महीने में मनाए जाने वाले अन्य त्यौहारों में हनुमान जयंती और गुप्त नवरात्रि शामिल हैं। ये भी भक्तों के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।

10. सामाजिक एकता

चैत्र मास का महत्व सिर्फ धार्मिक नहीं है, बल्कि यह सामाजिक एकता और भाईचारे का भी प्रतीक है। लोग एक-दूसरे के साथ मिलकर इन पर्वों को मनाते हैं।

निष्कर्ष

अंत में, चैत्र मास सिर्फ एक महीने की शुरुआत नहीं है, बल्कि यह संस्कृति, परंपरा और आस्था का एक समागम है। इस महीने के दौरान किए गए व्रत और उत्सवों से एकता और प्रेम का संदेश मिलता है। इसलिए इसे मनाने का समय है और अपने परिवार और दोस्तों के साथ इन पर्वों का आनंद लें। For more updates, visit kharchaapani.com.

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