6 अमेरिकी राज्यों में 26 बवंडर, 34 मौतें:130 Kmph की रफ्तार से धूल भरी आंधी; 10 करोड़ आबादी प्रभावित, 2 लाख घरों की बिजली गुल
अमेरिका में अरकंसास, कैनसस, मिसौरी, इलिनॉय समेत करीब 6 दक्षिणी राज्य टॉरनेडो (बवंडर) की चपेट में हैं। ABC की रिपोर्ट के मुताबिक इन राज्यों में अब तक 26 टॉरनेडो आ चुके हैं। शनिवार और रविवार को अब तक 34 लोगों की जान जा चुकी है। मिसौरी में सबसे ज्यादा 12 मौतें हुई हैं। 10 करोड़ अमेरिकी आबादी प्रभावित है। 2 लाख घरों में बिजली गुल हो गई है। कैनसस में धूलभरी आंधी के चलते हाईवे पर लगभग 50 गाड़ियां टकरा गई। इसमें 8 लोगों की मौत हुई। मिसिसिपी में 6 लोगों की मौत हो गई और तीन लापता हैं। 100 किमी/घंटे की रफ्तार से धूलभरी आंधी चल रही है। इमारतें और सड़कें तबाह हो गई हैें। कनाडाई बॉर्डर पर बर्फीले तूफान और गर्म इलाकों में जंगलों में आग लगने की आशंका जाहिर की जा रही है। तूफान की तस्वीरें... टॉरनेडो की रफ्तार बढ़ेगी, बेसबॉल के साइज के ओले गिरेंगे -------------------------------- तूफान से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... अमेरिका में बर्फीले तूफान से 10 लोगों की मौत:2100 उड़ानें रद्द; कई राज्यों में ओले और बर्फीली बारिश की चेतावनी जनवरी में अमेरिका के कई दक्षिणी राज्यों में भीषण बर्फबारी हुई थी। इस तूफान की वजह से 10 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 2100 से ज्यादा उड़ानों को रद्द कर दिया गया। मिसिसिपी, अलबामा, फ्लोरिडा, जॉर्जिया और लुइसियाना समेत कई राज्यों ने इमरजेंसी की घोषणा कर दी गई है। पूरी खबर यहां पढ़ें... फ्रांस के मायोट में 100 साल में सबसे बड़ा तूफान:1000 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की आशंका; लोग बोले- ये परमाणु बम जैसा हिंद महासागर के द्वीप मायोट में दिसंबर में आए चक्रवात 'चिडो' ने भारी तबाही मचाई। CNN के मुताबिक चक्रवात के दौरान 225 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं चलीं, जिसकी वजह से दर्जनों बस्तियां पूरी तरह से बर्बाद हो गईं। चिडो को मायोट में पिछले 100 सालों में आया सबसे भीषण तूफान बताया जा रहा है। पूरी खबर यहां पढ़ें...

6 अमेरिकी राज्यों में 26 बवंडर, 34 मौतें:130 Kmph की रफ्तार से धूल भरी आंधी; 10 करोड़ आबादी प्रभावित, 2 लाख घरों की बिजली गुल
Kharchaa Pani - यह खबर उन सभी के लिए चिंताजनक है जो अमेरिका की मौसमी स्थिति पर नज़र रखे हुए हैं। हाल ही में, अमेरिका के 6 राज्यों में आए बवंडरों ने भारी तबाही मचाई। इस प्राकृतिक आपदा की तीव्रता इतनी अधिक थी कि इसकी रफ्तार 130 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुँच गई। यह आंधी केवल हवा नहीं थी, बल्कि इसके साथ आई धूल ने और भी तबाही मचाई, जिससे 34 निर्दोष जानें भी गईं। इस आपदा ने 10 करोड़ लोगों पर प्रभाव डाला है और लगभग 2 लाख घरों में बिजली गुल हो गई है। हमारे पत्रकारों की टीम ने इस आपदा के बारे में विस्तृत जानकारी एकत्र की है।
क्या हुआ?
पिछले सप्ताह के अंत में, अमेरिका के कई मध्य-पश्चिमी राज्यों में बवंडरों की एक श्रृंखला ने लोगों को दहशत में डाल दिया। ये बवंडर बिजली की तेज चमक और Thunder के साथ आए, जिससे कई लोग चौंक गए। फेडरल इमरजेंसी मैनेजमेंट एजेंसी (FEMA) ने स्थिति का जायजा लिया है और प्रभावित क्षेत्रों में सहायता भेजने की प्रक्रिया शुरू की है। इससे बवंडरों ने 6 राज्यों में 26 बवंडर उत्पन्न किए, जिसमें से कई गंभीर थे।
संभावित कारण
अमेरिका में बवंडरों का निर्माण कई मौसम संबंधी कारकों के परिणामस्वरूप होता है। हाल के दिनों में, जलवायु परिवर्तन और गर्म होती पृथ्वी ने इन प्राकृतिक आपदाओं की तीव्रता में वृद्धि की है। वैज्ञानिकों का कहना है कि गर्म मौसम और नमी का संयोजन बवंडर के निर्माण में मदद करता है।
आबादी पर प्रभाव
मौसमी गतिविधियों ने लगभग 10 करोड़ लोगों को प्रभावित किया। प्रभावित क्षेत्रों में स्कूल और कॉलेज बंद हो गए हैं, और कई लोग सुरक्षित स्थानों पर शरण ले रहे हैं। इस आपदा के कारण यातायात में भी भारी रुकावटें आई हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि प्राथमिक सेवाओं में सुधार होने में समय लग सकता है।
अधिकारियों की प्रतिक्रिया
स्थानीय अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य शुरू कर दिया है। उन्होंने प्रभावित लोगों को आवश्यक सामग्री, जैसे कि खाद्य सामग्री, दवा और आश्रय प्रदान करने की व्यवस्था की है। प्रशासन ने अपील की है कि लोग अधिक सतर्क रहें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
भविष्य के लिए तैयारी
इस घटना ने यह बताने की आवश्यकता महसूस कराई है कि हमें प्राकृतिक आपदाओं के प्रति कितना सचेत रहना चाहिए। अधिकारियों ने नागरिकों को सलाह दी है कि वे हमेशा मौसम की रिपोर्ट सुनें और अपनी सुरक्षा के लिए तैयार रहें। यह बहुत आवश्यक है कि हम अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पहले से ही उपाय करें।
निष्कर्ष
इन बवंडरों ने न केवल जान-माल का नुकसान किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि जलवायु परिवर्तन का प्रभाव कितना गंभीर हो सकता है। हमें दैहिक, मानसिक और सामूहिक सुरक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता है। सभी को यह समझना चाहिए कि प्राकृतिक आपदाएं कभी भी हो सकती हैं, और हमें इसके लिए तैयार रहना चाहिए।
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