जरूरत की खबर- वैक्सीन बचाती इन बीमारियों से:प्रेग्नेंट महिलाओं, बच्चों के लिए जरूरी, डॉक्टर से जानें हर जरूरी सवाल का जवाब
आज देशभर में ‘नेशनल वैक्सीनेशन डे’ मनाया जा रहा है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों को टीकाकरण के प्रति जागरूक करना है। नवजात शिशुओं से लेकर बुजुर्गों तक हर उम्र के लोगों को उनकी स्वास्थ्य सुरक्षा के मुताबिक टीके लगाए जाते हैं। दशकों से टीकाकरण ने खसरा, पोलियो, इन्फ्लूएंजा, हेपेटाइटिस समेत कई गंभीर बीमारियों को फैलने से रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हालांकि बहुत से लोग सोचते हैं कि अब इन बीमारियों के लिए टीकों की जरूरत नहीं है, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। ये बीमारियां आज भी उतनी ही खतरनाक हैं। अगर हम टीकाकरण बंद कर देंगे तो ये फिर से फैलने लगेंगी। इसलिए भारत सरकार लोगों को ऐसी संक्रामक और गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए देश में कई फ्री वैक्सीनेशन प्रोग्राम चला रही है। तो चलिए आज जरूरत की खबर में टीकाकरण के बारे में विस्तार से बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: डॉ. मितुल गुप्ता, सीनियर कंसल्टेंट ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी, कोकून हॉस्पिटल, जयपुर सवाल- टीके हमें किन बीमारियों से बचाते हैं? जवाब- आज डिप्थीरिया, हेपेटाइटिस A, हेपेटाइटिस B, ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV), कोविड-19 और इंफ्लूएंजा जैसी कई गंभीर व संक्रामक बीमारियों के टीके उपलब्ध हैं, जो बेहद प्रभावशाली हैं। नीचे दिए ग्राफिक से इन बीमारियों के बारे में जानिए- सवाल- टीके हमारे शरीर को बीमारियों से कैसे बचाते हैं? जवाब- टीके हमारे इम्यून सिस्टम को बीमारियों के बैक्टीरिया या वायरस को पहचानने और उससे लड़ने के लिए मजबूत बनाते हैं। इसे ऐसे समझिए, टीके में बीमारी के कमजोर कीटाणु (वायरस या बैक्टीरिया) होते हैं, जो हमें बीमार नहीं करते। जब ये कमजोर कीटाणु शरीर में जाते हैं तो हमारा शरीर उन्हें पहचान लेता है और उनसे लड़ने की तैयारी करता है। शरीर इन कीटाणुओं से लड़ने के बाद उन्हें याद रखता है, ताकि भविष्य में अगर असली कीटाणु हमला करें तो तुरंत पहचान कर उन्हें खत्म कर सके। इस तरह टीका हमें भविष्य में होने वाली बीमारियों से बचाता है। सवाल- भारत में टीकाकरण की क्या स्थिति है? जवाब- यूनिसेफ के मुताबिक, भारत का टीकाकरण अभियान यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम (UIP) दुनिया के सबसे बड़े स्वास्थ्य कार्यक्रमों में से एक है। इसके तहत हर साल लगभग 2 करोड़ 60 लाख नवजात शिशुओं और 3 करोड़ 40 लाख गर्भवती महिलाओं को टीका लगाया जाता है। हालांकि सरकारी पहल और मुफ्त टीकों के बावजूद भारत में टीकाकरण की दर काफी कम है। यूनिसेफ के अनुसार, केवल 65% बच्चों को ही उनके जीवन के पहले वर्ष के दौरान पूर्ण टीकाकरण मिल पाता है। सवाल- बच्चे को किस उम्र में कौन से टीके लगवाने चाहिए? जवाब- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, शिशुओं को जन्म के 24 घंटे के भीतर BCG (बैसिलस कैलमेट-गुएरिन) और हेपेटाइटिस B के टीके जरूर लगवाने चाहिए। हेपेटाइटिस B से सिरोसिस और लिवर कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। वहीं BCG का टीका ट्यूबरक्युलोसिस (टीबी) से बचाने में मदद करता है। इसके अलावा और भी कई टीके हैं, जो बच्चों को कई गंभीर बीमारियों से बचाने में मददगार हैं। नीचे दिए ग्राफिक से बच्चों का टीकाकरण शेड्यूल समझिए- सवाल- टीकाकरण से बच्चों को किन बीमारियों से बचाया जा सकता है? जवाब- बच्चे के जन्म से लेकर 16 साल की उम्र तक कई टीके लगाए जाते हैं। ये टीके उन्हें टीबी, पोलियो, पीलिया, हेपेटाइटिस B, डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटनेस, खसरा, रूबेला, जापानी इंसेफेलाइटिस, वायरल इन्फेक्शन, मेनिन्जाइटिस, सेप्टीसीमिया, निमोनिया, दिमागी बुखार और रतौंधी जैसी गंभीर बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं। सवाल- अगर बच्चे को टीका लगवाने जा रहे हैं तो किन बातों का ध्यान रखें? जवाब- माता-पिता या अभिभावक बच्चों के टीकाकरण की शुरुआत में सबसे पहले एक चार्ट बनवाएं। हर टीकाकरण के बाद डॉक्टर से चार्ट भरवाएं। चार्ट में टीके का नाम, डोज, डेट और डॉक्टर का नाम जरूर दर्ज कराएं। इस चार्ट को सुरक्षित जगह पर रखें, जिससे जरूरत पड़ने पर आसानी से ढूंढ सकें। इसके अलावा कुछ और बातों का भी ध्यान रखें। जैसेकि- सवाल- प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए कौन से टीके जरूरी हैं? जवाब- प्रेग्नेंसी से पहले, उस दौरान और बाद में कुछ टीके लगवाने जरूरी होते हैं, जो प्रेग्नेंट महिला और होने वाले बच्चे को कई गंभीर बीमारियों से बचाते हैं। डॉक्टर्स ये टीके जरूरत के अनुसार महिला को लगाते हैं। नीचे दिए ग्राफिक से प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए जरूरी टीकों के बारे में जानिए- सवाल- एडल्ट्स कौन से टीके लगवा सकते हैं? जवाब- एडल्ट्स के लिए कई टीके हैं। ये सेहत के अनुसार बेहतर स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए लगवाए जाते हैं। जैसेकि- इन्फ्लूएंजा (Flu) यह टीका हर साल लगवाना चाहिए, खासकर सर्दियों में क्योंकि उस समय फ्लू या वायरस का खतरा बढ़ जाता है। यह बुखार, खांसी, गले में खराश और अन्य समस्याओं से बचाता है। टिटनेस, डिप्थीरिया और काली खांसी (Tdap) यह टीका टिटेनस (लोहे की जंग से होने वाली बीमारी), डिप्थीरिया (गले की सूजन) और काली खांसी से बचाता है। इसे हर 10 साल में बूस्टर डोज के रूप में लगवाना चाहिए। इसके अलावा अगर आप किसी ऐसी जगह पर रह रहे हैं, जहां मंकीपॉक्स या कोरोना का खतरा अधिक है तो इसके टीके जरूर लगवाएं। ……………… वैक्सीन से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए सेहतनामा- प्रेग्नेंसी के समय और उसके पहले लगवाएं ये वैक्सीन:मां और बच्चे के लिए जरूरी प्रेग्नेंसी के दौरान मां और बच्चे को इन्फेक्शन से बचाने के लिए और हॉर्मोनल संतुलन बनाए रखने के लिए कुछ वैक्सीन दी जाती हैं। कुछ वैक्सीन प्रेग्नेंसी से पहले और बाद में भी दी जाती हैं। ये वैक्सीन सुरक्षित और हेल्दी प्रेग्नेंसी, लेबर और फिर पोस्टपार्टम रिकवरी में मदद करती हैं। पूरी खबर पढ़िए...

जरूरत की खबर- वैक्सीन बचाती इन बीमारियों से:प्रेग्नेंट महिलाओं, बच्चों के लिए जरूरी, डॉक्टर से जानें हर जरूरी सवाल का जवाब
Kharchaa Pani। इस समय महामारी के दौर में, वैक्सीन हमारे लिए एक सुरक्षा कवच की तरह बन चुकी है। खासकर प्रेग्नेंट महिलाओं और छोटे बच्चों के लिए यह अत्यंत जरूरी है। इस लेख में हम जानेंगे कि वैक्सीनेशन किस तरह से हमारे जीवन को सुरक्षित बना सकता है और किन बीमारियों से यह हमें बचाता है।
वैक्सीनेशन का महत्व
वैक्सीनेशन न केवल हमें बीमारियों से बचाता है, बल्कि यह हमारे आस-पास के लोगों की सुरक्षा का भी ध्यान रखता है। जब किसी व्यक्ति को वैक्सीन दी जाती है, तो उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है और वह संक्रामक बीमारियों से सुरक्षित रहता है। प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए, यह और भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उनकी स्वास्थ्य स्थिति सीधे बच्चे के स्वास्थ्य पर प्रभाव डालती है।
बीमारियाँ जिनसे वैक्सीन हमें बचाती हैं
वैक्सीनेशन से कई गंभीर बीमारियों से बचाव किया जा सकता है, जैसे:
- खसरा
- बुखार (फ्लू)
- पोलियो
- टेटनस
- हैपेटाइटिस B
ये सभी बीमारियाँ बच्चों और प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए अत्यधिक खतरनाक हो सकती हैं। इसलिए नियमित रूप से वैक्सीनेशन करवाना आवश्यक है।
डॉक्टर से पूछें जरूरी सवाल
बच्चों और प्रेग्नेंट महिलाओं को वैक्सीनेशन के दौरान कई सवालों का सामना करना पड़ता है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण सवाल दिए गए हैं:
- क्या यह वैक्सीन सुरक्षित है?
- क्या वैक्सीनेशन के बाद कोई साइड इफेक्ट्स होंगे?
- कब और कौन-सी वैक्सीन लगवानी चाहिए?
- क्या गर्भावस्था के दौरान वैक्सीन लेना चाहिए?
इन सभी सवालों का सही जवाब और जानकारी प्राप्त करने के लिए, कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लें। वो आपको सही दिशा में मार्गदर्शन करेंगे।
निष्कर्ष
इस तरह, वैक्सीनेशन की प्रक्रिया केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए नहीं है, बल्कि यह सामूहिक सुरक्षा का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। बच्चों और प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए सुरक्षित और समय पर वैक्सीनेशन सुनिश्चित करता है कि वे स्वस्थ रह सकें। यदि आप इस विषय पर और जानकारी चाहते हैं, तो हमारी वेबसाइट kharchaapani.com पर जाएं।
लेखन टीम: नीतू शर्मा, साक्षी सिंह, टीम नेटानागरी
Keywords
vaccination, pregnant women vaccination, children's vaccination, preventable diseases, vaccine importance, health safety, doctor consultation, immunization benefitsWhat's Your Reaction?






