कठुआ में 3 नहीं, 5 आतंकी मौजूद:सुरक्षाबलों ने 10KM के दायरे में घेरा; आतंकियों की मदद करने वाले 10 संदिग्धों से पूछताछ जारी
जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आतंकियों से तीन दिन से चल रही मुठभेड़ चुनौतीपूर्ण बन गई है। अब तक माना जा रहा था कि तीन आतंकी बचे हैं, लेकिन शनिवार को जब सुरक्षा बलों ने घेराबंदी और बढ़ाई तो पता चला कि अभी भी 5 आतंकी हैं, जो राजबाग इलाके के सफियान जाखोले गांव में इधर-उधर छिप रहे हैं। पुलिस के मुताबिक सुरक्षाबलों ने आतंकियों को 10 किमी के दायरे में घेर रखा है। वे जाखोले की ऊंची पहाड़ियों पर हैं, जहां घने जंगल और गुफाएं भी हैं। पांचों आतंकी विदेशी हैं, लेकिन कुछ स्थानीय लोगों की मदद के चलते वो तीन दिन से टिके हुए हैं। सुरक्षा बलों ने 10 संदिग्ध मददगारों को हिरासत में लिया है। इन्हीं ने बताया है कि पांचों आतंकी वही हैं, जिन्हें 23 मार्च को हीरानगर सेक्टर में इंटरनेशनल बॉर्डर के पास सानियाल गांव में पुलिस ने रोका था। मुठभेड़ में अब तक 2 आतंकी मारे जा चुके हैं। एनकाउंटर में 4 जवान शहीद, 3 जवान घायल 28 मार्च को ऑपरेशन ग्रुप (SOG) के जवान तारिक अहमद, जसवंत सिंह, जगबीर सिंह और बलविंदर सिंह की गोली लगने से मौत हो गई थी। वहीं, घायल DSP धीरज सिंह समेत तीन जवानों का इलाज जारी है। डिप्टी CM सुरिंदर चौधरी मुठभेड़ में घायल पुलिसकर्मियों का हालचाल जानने के लिए जम्मू मेडिकल कॉलेज पहुंचे थे। सूत्रों के मुताबिक, सुरक्षाबलों को करीब 5 आतंकवादियों के छिपे होने की खबर मिली थी। ये आतंकी जैश-ए-मोहम्मद के प्रॉक्सी संगठन पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट से जुड़े हैं। शनिवार को हुए शहीदों का अंतिम संस्कार की तस्वीरें... पुलिस बोली- आतंकियों ने हथियार नहीं लूटे, अफवाहों पर ध्यान न दें जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शनिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के सुदूर जंगली इलाके में दो दिनों तक चली मुठभेड़ के दौरान आतंकवादियों ने कोई हथियार नहीं छीना। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि मारे गए चारों पुलिसकर्मियों के सभी हथियार और अन्य सामान बरामद कर लिए गए हैं। प्रवक्ता ने कहा, "कुछ राष्ट्र-विरोधी तत्व सोशल मीडिया पर ऑपरेशन सफियान में हमारे शहीदों के हथियार छीनने की अफवाह फैला रहे हैं। ये दावे झूठे हैं। शहीदों के सभी हथियार और सामान बरामद कर लिए गए हैं।" आतंकियों ने एक परिवार को बंधक बनाया, लेकिन वे बच निकले 23 मार्च को हीरानगर सेक्टर में आतंकवादियों के एक ग्रुप को सुरक्षाबलों ने घेर लिया था, लेकिन वे भागने में कामयाब रहे। माना जा रहा है कि ये वही आतंकवादी हैं, जो सान्याल से निकलकर जखोले गांव के पास देखे गए। हीरानगर सेक्टर में सुरक्षाबलों ने आतंकियों के एक ग्रुप को घेर लिया था। उस दिन आतंकियों ने एक बच्ची और उसके माता-पिता को पकड़ लिया था। मौका मिलने पर तीनों आतंकियों के चंगुल से भाग निकले थे। इस दौरान बच्ची की मामूली चोटें आई थीं। उन्होंने ही आतंकियों के छिपे होने की सूचना पुलिस को दी थी। महिला ने बताया था कि सभी ने दाढ़ी बढ़ा रखी थी और वे कमांडो की वर्दी पहने हुए थे। जाखोले गांव हीरानगर सेक्टर से लगभग 30 किमी दूर है। जानकारी मिलते ही सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर लिया, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई।

कठुआ में 3 नहीं, 5 आतंकी मौजूद: सुरक्षाबलों ने 10KM के दायरे में घेरा; आतंकियों की मदद करने वाले 10 संदिग्धों से पूछताछ जारी
Kharchaa Pani द्वारा पेश किया गया, इस समाचार के माध्यम से हम आपको कठुआ में जारी सुरक्षा स्थिति के बारे में सूचित कर रहे हैं। यह ख़बर दर्शाती है कि कैसे सुरक्षा बल अत्याधुनिक तकनीक और तत्परता के साथ आतंकवादियों का सामना कर रहे हैं।
परिचय
कठुआ में सुरक्षा बलों द्वारा की जा रही छापेमारी में 5 आतंकियों की मौजूदगी का पता चला है। पहले जानकारी थी कि केवल 3 आतंकवादी हैं, लेकिन अब रिपोर्ट्स ने स्पष्ट किया है कि और भी आतंकवादी कहीं छिपे हुए हैं। सुरक्षा बलों ने जंगलों और शहरी इलाके के 10 किलोमीटर के दायरे को घेर लिया है ताकि आतंकवादियों को गिरफ्तार किया जा सके।
सुरक्षा बलों की कार्रवाई
राज्य के सुरक्षा बलों ने कठुआ के आसपास स्थिति की गंभीरता को समझते हुए तुरंत कार्रवाई की है। शुरुआती जांच में 10 संदिग्ध लोगों की पहचान की गई है, जो आतंकियों की मदद कर सकते हैं। इन संदिग्धों से पूछताछ जारी है, जिससे अधिक जानकारी जुटाने की कोशिश की जा रही है।
आतंकवाद का प्रभाव
हालिया घटनाक्रम में आतंकी गतिविधियों की बढ़ती संख्या ने स्थानीय लोगों के बीच डर का माहौल पैदा किया है। सुरक्षा बलों की इस त्वरित प्रतिक्रिया को स्थानीय लोग सराह रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि जल्दी ही इस संकट का समाधान हो सकेगा।
निष्कर्ष
कठुआ में आतंकियों के मौजूद होने की जानकारी ने सुरक्षा बलों की परेशानियों को बढ़ा दिया है। लेकिन उनके साहसिक कदम और तत्परता से स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है। स्थानीय निवासियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना उनकी प्राथमिकता है।
अंत में, हम उम्मीद करते हैं कि सुरक्षा बल जल्द ही इस परिस्थिति पर काबू पाकर क्षेत्र में शांति स्थापित करेंगे।
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