जरूरत की खबर- फूड पॉइजनिंग से 5 बच्चों की मौत:हो सकती है जानलेवा, गर्मी के मौसम में बढ़ते केस, बरतें ये जरूरी सावधानियां
हाल ही में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के निर्वाण आश्रय केंद्र में 5 बच्चों की मौत हो गई। यहां के 35 बच्चों को उल्टी-दस्त होने पर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। जबकि अभी की 20 बच्चों की हालत गंभीर है। बच्चों के बीमार होने की शुरुआती वजह फूड पॉइजनिंग बताई जा रही है। गर्मियों के मौसम में फूड पॉइजनिंग का खतरा कई गुना बढ़ जाता है, क्योंकि तेज गर्मी में बैक्टीरिया और अन्य हानिकारक सूक्ष्मजीव तेजी से पनपते हैं। यह मौसम इनके लिए बेहद अनुकूल होता है। जरा-सी लापरवाही पेट की गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है। ऐसे में सेहतमंद और सुरक्षित खानपान को लेकर बेहद सतर्कता जरूरी है। तो चलिए, आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि फूड पॉइजनिंग का कारण क्या है? साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: डॉ. सत्येंद्र कुमार सोनकर, इंटरनल मेडिसिन, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ डॉ. पूनम तिवारी, सीनियर डाइटीशियन, डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ सवाल- फूड पॉइजनिंग क्या है? जवाब- फूड पॉइजनिंग तब होती है, जब हम गंदा, दूषित खाना या पानी पीते हैं। इसमें खतरनाक बैक्टीरिया, वायरस या जहरीले पदार्थ हो सकते हैं, जो पेट को नुकसान पहुंचाते हैं। आमतौर पर इसके लक्षण दूषित खाना खाने के कुछ घंटों या दिनों में दिखने लगते हैं। इसके लक्षण संक्रमण के प्रकार और गंभीरता के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं। नीचे दिए ग्राफिक से इसे समझिए- सवाल- दुनियाभर में फूड पॉइजनिंग कितनी गंभीर स्वास्थ्य समस्या है? जवाब- फूड पॉइजनिंग सिर्फ पेट खराब होने की समस्या नहीं, बल्कि एक गंभीर वैश्विक बीमारी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, हर साल 60 करोड़ लोग (दुनिया में हर 10 में से 1 व्यक्ति) दूषित भोजन खाने से बीमार पड़ते हैं और इनमें से 4.2 लाख लोगों की मौत हो जाती है। वहीं छोटे बच्चों पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है। हर साल 5 साल से कम उम्र के 1.25 लाख बच्चों की मौत सिर्फ फूड पॉइजनिंग के कारण हो जाती है। यह न केवल सेहत के लिए खतरनाक है, बल्कि अर्थव्यवस्था, व्यापार और पर्यटन पर भी बुरा असर डालती है। असुरक्षित भोजन की वजह से कम आय वाले देशों को हर साल 110 अरब डॉलर का नुकसान होता है। इसलिए फूड पॉइजनिंग को हल्के में नहीं लेना चाहिए। साफ-सफाई का ध्यान रखना, सही तरह से भोजन पकाना और स्टोर करना और स्वच्छ पानी का इस्तेमाल करना ही इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका है। सवाल- फूड पॉइजनिंग कब गंभीर हो सकती है? जवाब- डॉ. सत्येंद्र कुमार सोनकर बताते हैं कि अधिकतर मामलों में फूड पॉइजनिंग कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाती है, लेकिन छोटे बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों के लिए यह खतरनाक हो सकती है। कुछ स्थितियों में यह गंभीर भी हो सकती है। जैसेकि- अगर ये लक्षण दिखें तो लापरवाही न बरतें, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। सवाल- गर्मियों में फूड पॉइजनिंग के मामले क्यों बढ़ जाते हैं? जवाब- डॉ. पूनम तिवारी बताती हैं कि गर्म मौसम में साल्मोनेला, ई. कोलाई और लिस्टेरिया जैसे बैक्टीरिया ज्यादा तेजी से पनपते हैं, जिससे खाना जल्दी खराब हो सकता है। साथ ही ज्यादा तापमान के कारण दूध, दही, मीट और पकी हुई सब्जी-दाल जल्दी खराब होने लगती है, जिससे इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। कुछ लोग गर्मी में बाहर की चीजें (गोलगप्पे, कटे फल या जूस) खूब खाते हैं, जो दूषित हो सकते हैं। वहीं गर्मी में पानी की जरूरत बढ़ जाती है, लेकिन कई बार लोग बिना फिल्टर किया या खुले में रखा पानी पी लेते हैं, जिससे शरीर बैक्टीरिया और वायरस की चपेट में आ जाता है। सवाल- गर्मियों में फूड पॉइजनिंग से बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखें? जवाब- गर्मियों में भोजन की स्वच्छता, सही स्टोरेज और सुरक्षित खानपान पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। इसके अलावा कुछ अन्य बातों का भी ध्यान रखना चाहिए। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- सवाल- फूड पॉइजनिंग से पीड़ित व्यक्ति को खाने-पीने को लेकर क्या सावधानियां बरतनी चाहिए? जवाब- डाइटीशियन डॉ. पूनम तिवारी बताती हैं कि फूड पॉइजनिंग में शरीर डिहाइड्रेट हो सकता है, इसलिए हल्का और सुपाच्य भोजन ही करना चाहिए। इससे पाचन तंत्र को आराम मिलता है और शरीर जल्दी रिकवर करता है। इसके लिए ORS घोल, नारियल पानी, छाछ और सूप पीना बेहतर है। यह शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी पूरी करते हैं। इसके अलावा खिचड़ी और दलिया खाना बेहतर है। प्रोबायोटिक्स से भरपूर दही खा सकते हैं, जिससे गुड बैक्टीरिया पाचन को सुधारते हैं। अगर फूड पॉइजनिंग के गंभीर लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें। सवाल- फूड पॉइजनिंग के खतरे को कम करने और एक स्वस्थ समाज बनाने के लिए क्या उपाय अपनाने चाहिए? जवाब- फूड पॉइजनिंग से बचने के लिए हमें कुछ आसान लेकिन जरूरी आदतों को अपनाना चाहिए। इसके लिए साफ-सफाई, सही तरीके से खाना पकाना और स्टोर करना और सुरक्षित पानी का सेवन इसका सबसे अच्छा बचाव है। इन उपायों को अपनाकर हम फूड पॉइजनिंग के खतरे को कम कर सकते हैं और एक स्वस्थ समाज की ओर कदम बढ़ा सकते हैं। ……………. सेहत से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… सेहतनामा- दुनिया के 150 करोड़ लोगों के पेट में कीड़े:डॉक्टर से जानें, कैसे पता करें कि पेट में कीड़े तो नहीं, कैसे मिलेगी निजात विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, दुनिया के 150 करोड़ लोगों के पेट में कीड़े हैं। इसका मतलब है कि पूरी दुनिया की 24% आबादी को यह समस्या है। आमतौर पर हाइजीन न बरतने वाले और कम साफ-सफाई वाले इलाकों में रहने वाले लोगों को यह मुश्किल होती है। पूरी खबर पढ़िए…

जरूरत की खबर- फूड पॉइजनिंग से 5 बच्चों की मौत: हो सकती है जानलेवा, गर्मी के मौसम में बढ़ते केस, बरतें ये जरूरी सावधानियां
खर्चा पानी
लेखक: साक्षी शर्मा, टीम नेटानागरी
परिचय
गर्मी के इस मौसम में फूड पॉइजनिंग के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। हाल ही में, एक दिल दहला देने वाली घटना में 5 बच्चों की मौत हो गई, जिसका कारण फूड पॉइजनिंग बताया जा रहा है। यदि इस स्थिति पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह और भी जानलेवा हो सकती है। इस लेख में, हम जानेंगे कि फूड पॉइजनिंग क्या है, इसके लक्षण, और इसके बचाव के उपाय।
फूड पॉइजनिंग: क्या है?
फूड पॉइजनिंग तब होती है जब कोई व्यक्ति संक्रमित भोजन या पानी का सेवन करता है। ये संक्रमण बैक्टीरिया, वायरस, या परजीवियों के कारण हो सकता है। गर्मी के मौसम में, ये रोगाणु तेजी से पनपते हैं, जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि गर्मियों में पानी प्रदूषित होने की संभावना अधिक रहती है, जिससे फूड पॉइजनिंग के मामले बढ़ते हैं।
लक्षण और जोखिम
फूड पॉइजनिंग के प्रमुख लक्षणों में उल्टी, दस्त, पेट में दर्द, बुखार, और डिहाइड्रेशन शामिल हैं। बच्चों में, ये लक्षण गंभीर हो सकते हैं, जो कभी-कभी जानलेवा भी हो सकते हैं। इसलिए, यदि आपके बच्चे इन लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
गर्मी के मौसम में बरतें ये सावधानियां
फूड पॉइजनिंग से बचने के लिए कुछ आवश्यक सावधानियों का पालन करना महत्वपूर्ण है:
- सुनिश्चित करें कि खाना ताजा और साफ होगा।
- डॉक्टर्स और हेल्थ एक्सपर्ट्स द्वारा सुझाई गई सफाई तकनीकों का पालन करें।
- खाने को हमेशा अच्छी तरह पकाएं, खासकर मांस और अंडे।
- पानी पीने के लिए हमेशा उबला हुआ या बोतलबंद पानी ही इस्तेमाल करें।
- फ्रिज में रखे खाने की स्थिति की जांच करें और समय-समय पर उसे साफ करें।
निष्कर्ष
फूड पॉइजनिंग एक गंभीर समस्या है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। बच्चों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि उनकी इम्यून सिस्टम कमजोर होती है। उचित जानकारी रखकर और सावधानियों का पालन करके, हम इस समस्या से प्रभावी ढंग से निपट सकते हैं। सभी माता-पिताओं से अनुरोध है कि वे अपने बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी कदम उठाएं।
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