ऑफशोर माइनिंग टेंडर पर राहुल गांधी की PM को चिट्‌ठी:लिखा- यह समुद्री जीवन के लिए खतरा, सरकार इसे कैंसिल करे

कांग्रेस नेता राहुल गांधी का पीएम मोदी के नाम लिखा लेटर सामने आया है। इसमें राहुल ने केरल, गुजरात और अंडमान एवं निकोबार के तटों पर ऑफशोर माइनिंग की परमिशन देने के केंद्र सरकार के फैसले का विरोध किया है। राहुल ने इसे मरीन इकोसिस्टम और कोस्टल कम्युनिटी की आजीविका के लिए खतरा बताया है। गांधी ने ऑफशोर एरियाज मिनरल (विकास और विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2023 की आलोचना भी की। कांग्रेस नेता ने कहा कि इस कानून का शुरू से ही विरोध हो रहा था, क्योंकि इसमें पर्यावरण और सामाजिक-आर्थिक दुष्प्रभावों की अनदेखी की गई है। राहुल ने कहा कि सरकार ने बिना प्रॉपर स्टडी और हितधारकों से परामर्श के ही निजी कंपनियों को ऑफशोर खनन की परमिशन दे दी। इसलिए सरकार इसका टेंडर कैंसिल करे। राहुल की चिट्‌ठी की बड़ी बातें... क्या है ऑफ शोर माइनिंग, जिसे लेकर राहुल ने चिंता जताई है ऑफशोर माइनिंग समुद्र, झीलों या अन्य वाटर सोर्सेस के नीचे मौजूद खनिजों और संसाधनों के खनन की प्रक्रिया है। यह खनन समुद्र की सतह के नीचे या समुद्री तलहटी में गहराई तक किया जाता है। इस प्रक्रिया में समुद्री बालू, बहुमूल्य धातुएं, तेल, गैस और अन्य खनिजों को निकाला जाता है। ऑफ शोर माइनिंग 3 तरह की होती है...

Mar 30, 2025 - 05:34
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ऑफशोर माइनिंग टेंडर पर राहुल गांधी की PM को चिट्‌ठी:लिखा- यह समुद्री जीवन के लिए खतरा, सरकार इसे कैंसिल करे

ऑफशोर माइनिंग टेंडर पर राहुल गांधी की PM को चिट्‍ठी: लिखा- यह समुद्री जीवन के लिए खतरा, सरकार इसे कैंसिल करे

लेखिका: सुमिता शर्मा, टीम नेटानागरी

Kharchaa Pani

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिंतित पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने ऑफशोर माइनिंग टेंडर पर अपनी असहमति जताई है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय समुद्री जीवन के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है और इसलिए इसे तुरंत रद्द किया जाना चाहिए। यह पत्र सागर के पारिस्थितिकी संतुलन को बनाए रखने के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।

आधुनिक माइनिंग और पर्यावरण

ऑफशोर माइनिंग का मतलब समुद्र के भीतर खनिज संसाधनों की खोज और निकासी करना है। हालांकि, इस प्रक्रिया से समुद्री जीवन पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों की एक लंबी सूची है। विश्वभर के वैज्ञानिकों का मानना है कि यह समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। राहुल गांधी ने इस खतरे के बारे में जागरूकता बढ़ाने की कोशिश की है।

राहुल का पत्र: मुख्य बिंदु

पत्र में राहुल गांधी ने स्पष्ट किया है कि कैसे इस माइनिंग प्रक्रिया से समुद्री जीवों, जैसे मछलियों और प्रवाल भित्तियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उन्होंने यह भी बताया कि इससे स्थानीय अनुभव के समर्थन को नुकसान पहुंच सकता है, जो कि उन समुदायों का मुख्य जीवन यापन का साधन है जो समुद्री संसाधनों पर निर्भर हैं।

सरकार की प्रतिक्रिया

इस पत्र के बाद, कई विशेषज्ञ और पर्यावरणविद् सरकार से अपील कर रहे हैं कि वह इस टेंडर को फिर से विचार करे और इसे रद्द करने पर विचार करे। यदि यह टेंडर लागू होता है, तो इसका दीर्घकालिक प्रभाव समुद्री जीवन और पर्यावरण के लिए विनाशकारी हो सकता है।

समुद्र की सुरक्षा की आवश्यकता

समुद्र हमारी पृथ्वी की महत्त्वपूर्ण जीवन प्रणाली का अभिन्न हिस्सा है। इसके संरक्षण के लिए प्रभावी नीतियों की आवश्यकता है। राहुल गांधी का यह कदम इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसने लोगों का ध्यान इस महत्वपूर्ण मुद्दे की ओर खींचा है।

निष्कर्ष

राहुल गांधी का पत्र न केवल एक व्यक्तिगत अपील है, बल्कि यह सभी नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश भी है कि हमें समुद्री जीवन और हमारे पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा करनी चाहिए। सरकार को इस मामले पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। अगर हम अभी कदम नहीं उठाते हैं, तो हमें भविष्य में इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

अंत में, यह स्पष्ट है कि समुद्री निम्नलिखित जीवन को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्धता आवश्यक है। हमें अपने महासागरों को बचाने के लिए एक स्वर में खड़ा होना होगा।

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