रिलेशनशिप- इस समर वेकेशन बच्चों को सिखाएं ये 10 आदतें:बच्चों में न पड़ने दें ये 8 बुरी आदतें, बता रहे हैं साइकोलॉजिस्ट
आजकल बच्चों का जीवन घर से स्कूल और स्कूल से ट्यूशन तक सीमित रह गया है। टाइट शेड्यूल के कारण बच्चों को स्वतंत्र रूप से खेलने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाता है। वहीं अपनी व्यस्तता के चलते पेरेंट्स भी बच्चे को समय नहीं दे पाते हैं। ऐसे में समर और विंटर वेकेशन बच्चे व पेरेंट्स दोनों के लिए एक साथ समय बिताने का बेहतर विकल्प होता है। वैसे तो वेकेशन आराम करने और मौज-मस्ती करने का समय होता है। लेकिन सीखने की प्रक्रिया कभी नहीं रुकनी चाहिए। बच्चे को स्विमिंग, सिंगिंग, पेंटिंग से लेकर डांस जैसी एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज सिखाने के लिए तो क्लासेस दी जा सकती हैं। लेकिन कुछ बातें ऐसी भी होती हैं, जिन्हें खुद पेरेंट्स को ही बच्चे को सिखाने की जरूरत होती है। तो क्यों न इस समर वेकेशन में बच्चों को किसी एक्स्ट्रा क्लासेस में भेजने की बजाय उनके साथ खुद समय बिताएं और उन्हें घर पर कुछ अच्छी आदतें सिखाएं। इसलिए आज रिलेशनशिप कॉलम में हम बच्चों के वेकेशन को यूटिलाइज करने के शानदार तरीकों के बारे में बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- वेकेशन में बच्चे को सिखाएं अच्छी आदतें छुट्टी के दौरान बच्चे को पढ़ने से कुछ समय के लिए फुरसत मिली रहती है। ऐसे में इस दौरान पेरेंट्स खाली समय में बच्चे को कुछ अच्छी आदतें सिखा सकते हैं। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- आइए, अब ऊपर दिए पॉइंट्स के बारे में विस्तार से बात करते हैं। सुबह उठना और योग व एक्सरसाइज करना बच्चे को सुबह जल्दी उठने और योग व एक्सरसाइज करने के लिए प्रोत्साहित करें। उसे बताएं कि ये उसके शरीर और दिमाग के लिए बेहद फायदेमंद है। यह उसे एनर्जेटिक और स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। साफ-सफाई और घर के कामों में हाथ बंटाना बच्चे को अपनी चीजें सही जगह पर रखना सिखाएं। जैसे खिलौने, किताबें, और कपड़े वगैरह। उसे घर के छोटे-मोटे कामों में मदद करने के लिए प्रोत्साहित करें। जैसे खाना परोसना, टेबल साफ करना। इससे उनमें जिम्मेदारी की भावना डेवलप होती है। साथ ही वह समझता है कि घर को स्वच्छ रखना हर किसी की जिम्मेदारी है। इसके अलावा बच्चे को ये भी बताएं कि साफ-सफाई क्यों जरूरी है और यह उसे सेहतमंद रखने में कैसे मदद करती है। गार्डनिंग करना बच्चे को पौधों की देखभाल करना सिखाएं। जैसे कि पानी देना, खाद डालना, और उनकी छंटाई करना। उसे अलग-अलग पौधों और फूलों के बारे में बताएं। उसको प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनाएं और पर्यावरण के महत्व को समझाएं। गार्डनिंग से बच्चे में देखभाल की भावना, धैर्य और प्रकृति के प्रति प्यार बढ़ता है। अच्छी किताबें, मैगजीन या न्यूजपेपर पढ़ना बच्चे को रोजाना कुछ समय पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें। उसे उम्र और इंटरेस्ट के अनुसार किताबें, मैगजीन या न्यूजपेपर पढ़ने के लिए दें। पढ़ाई से बच्चे में कल्पनाशक्ति और लैंग्वेज स्किल डेवलप होती है। पसंदीदा एक्टिविटीज में खुलकर हिस्सा लेना बच्चे को उसकी पसंदीदा एक्टिविटीज में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें, जैसे कि खेल, पेंटिंग, म्यूजिक और डांस। उसे अपनी प्रतिभाओं को विकसित करने और नई चीजें सीखने में मदद करें। यह उसके आत्मविश्वास और क्रिएटिविटी को बढ़ाने में मदद करते हैं। खाना बनाना बच्चे को आसान और हेल्दी व्यंजन बनाना सिखाएं। उसे सभी फूड्स और मसालों के बारे में बताएं। कुकिंग एक जरूरी स्किल है। यह बच्चे को आत्मनिर्भर बनने में मदद करता है। सेविंग्स की अहमियत बच्चे को पैसे बचाने का महत्व समझाएं। उसे एक गुल्लक दें और अपनी पॉकेट मनी से कुछ पैसे बचाने के लिए प्रोत्साहित करें। बच्चे को बताएं कि सेविंग्स उसे अपने गोल्स हासिल करने और भविष्य के लिए तैयार रहने में मदद कर सकती है। यह आदत उसे भविष्य में बेहतर फाइनेंशियल जजमेंट लेने में मदद करती है। टाइम मैनेजमेंट बच्चे को समय का पाबंद होना सिखाएं। उसे अपने कामों को समय पर पूरा करने के लिए प्रोत्साहित करें। उसको बताएं कि सफल होने के लिए टाइम मैनेजमेंट बेहद जरूरी है। इससे बच्चे में अनुशासन और जिम्मेदारी की भावना विकसित होती है। बेसिक फर्स्ट-एड बच्चे को बेसिक फर्स्ट-एड के बारे में बताएं। जैसे कि घावों को साफ करना, पट्टियां लगाना और मामूली जलन का इलाज करना। उसे बताएं कि इमरजेंसी में क्या करना है। इससे वह आकस्मिक परिस्थितियों में सही कदम उठा सकता है और अपनी सुरक्षा के प्रति जागरूक रहता है। अपनी दिनचर्या को एक डायरी में नोट करना बच्चे को अपनी डेली रूटीन और अनुभवों को एक डायरी में लिखने के लिए प्रेरित करें। उसे बताएं कि डायरी लिखना यादों को संजोने और पर्सनल ग्रोथ को ट्रैक करने में मदद कर सकता है। डायरी लिखने से बच्चे में आत्म-निरीक्षण और भावनाओं को समझने की क्षमता विकसित होती है। वेकेशन में बच्चों की केयर में इन बातों का रखें ध्यान वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. विनय मिश्रा बताते हैं कि पेरेंट्स को समर वेकेशन में बच्चे की देखभाल में कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- गर्मी में बच्चों का रखें ज्यादा ध्यान समर वेकेशन में बच्चे को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे के बीच बाहर ले जाने से बचें क्योंकि इस समय तेज धूप होती है। अगर किन्हीं कारणों से निकलते भी हैं तो बच्चे को धूप से बचाने के लिए टोपी, सनग्लासेज और फुल स्लीव्स के आरामदायक कपड़े पहनाएं। बच्चे को खूब पानी पिलाएं ताकि उसके शरीर में पानी की कमी न हो। इसके अलावा उसके खानपान का विशेष ध्यान रखें। फास्ट फूड और जंक फूड के बजाय फल और सब्जियां खिलाएं। बहुत ज्यादा तली-भुनी चीजें खिलाने से परहेज करें। बच्चे को नियमित रूप से नहलाएं और हमेशा साफ-सुथरे कपड़े पहनाएं। इसके साथ ही उसे गर्मी के मौसम में होने वाले खतरों के बारे में भी बताएं।

रिलेशनशिप- इस समर वेकेशन बच्चों को सिखाएं ये 10 आदतें: बच्चों में न पड़ने दें ये 8 बुरी आदतें, बता रहे हैं साइकोलॉजिस्ट
Kharchaa Pani - Team Netaanagari
इस साल का समर वेकेशन बच्चों के लिए सीखने और संवारने का सबसे अच्छा समय है। यदि आप अपने बच्चों को अच्छी आदतें सिखाना चाहते हैं, तो यह समय बिलकुल सही है। वहीं, इसके साथ-साथ हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि बच्चों में बुरी आदतें न विकसित हों। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे बच्चे इस समर वेकेशन में अच्छी आदतें सीख सकते हैं और किन बुरी आदतों से उन्हें बचाना चाहिए।
बच्चों को सिखाने के लिए 10 अच्छी आदतें
जब बच्चे नन्हें होते हैं, तो उनकी आदतें उनकी भविष्य की दिशा को निर्धारित करती हैं। यहां हम कुछ आदतों का जिक्र कर रहे हैं जिनसे बच्चे न केवल खुद के लिए, बल्कि अपने परिवार और समाज के लिए भी एक सकारात्मक वातावरण बना सकते हैं:
1. समय प्रबंधन
बच्चों को यह सिखाएं कि अपने समय का उचित प्रबंधन कैसे करना है, जैसे कि पढ़ाई, खेल और आराम में संतुलन बनाना।
2. सफाई
साफ-सफाई की आदतें बच्चों में डालें। यह उन्हें जिम्मेदार बनाने में मदद करेगी।
3. पढ़ाई की आदतें
समय-समय पर पढ़ाई का समय तय करना, उनके ज्ञान में वृद्धि करेगा।
4. खेलना और मनोरंजन
खेल उनकी शारीरिक और मानसिक विकास में योगदान करते हैं।
5. सकारात्मक सोच
सकारात्मकता के महत्व को समझाना बच्चों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देगा।
6. सामाजिकता
दूसरों से मिलना और बात करना सिखाएं। यह बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ाएगा।
7. सहयोग
घर के कामों में सहयोगी होना सिखाएं, ताकि वे न केवल व्यक्तिगत रूप से बल्कि सामूहिक रूप से भी योगदान दे सकें।
8. पढ़ाई और ज्ञान के प्रति उत्सुकता
पढ़ाई या नई चीजें सीखने के विषय में उत्साह को विकसित करें।
9. ज़िम्मेदारी
व्यक्तिगत जिम्मेदारी का एहसास कराएं, जैसे कि अपने सामान का ध्यान रखना।
10. धन्यवाद कहने की आदत
आपके द्वारा किए गए छोटे-छोटे कामों के लिए धन्यवाद कहना, अच्छे व्यवहार का संकेत है।
बच्चों में न पड़ने दें ये 8 बुरी आदतें
जहां अच्छी आदतों का होना जरूरी है, वहीं कुछ बुरी आदतें हैं जिन्हें बच्चों में नहीं पनपने देना चाहिए। आइए, इन्हें जानते हैं:
1. आलस्य
यह आदत उन्हें असफलता की ओर ले जा सकती है।
2. नकारात्मक सोच
नकारात्मकता से दूर रहना बहुत जरूरी है।
3. झूठ बोलना
सच्चाई की आदत सिखाना आवश्यक है।
4. फिजूलखर्ची
व्यर्थ की चीजें खरीदने से बचाना चाहिए।
5. गुस्सा
सीखें कि धैर्य रखना कितना जरूरी है।
6. मोबाइल और स्क्रीन का बढ़ता इस्तेमाल
स्क्रीन समय को नियंत्रित करना चाहिए।
7. दूसरों का अपमान
सभी के प्रति सम्मान प्रकट करना बहुत महत्वपूर्ण है।
8. अव्यवस्था
सफाई की आदत डालें, ताकि वे अव्यवस्थित न रहें।
निष्कर्ष
बच्चों को अच्छे आदतें सिखाना न केवल उनकी व्यक्तिगत विकास के लिए आवश्यक है, बल्कि यह समाज के लिए भी लाभकारी है। इस समर वेकेशन का उपयोग करके, हम अपने बच्चों को सकारात्मकता की ओर अग्रसर कर सकते हैं। बुरी आदतों से बचाना और अच्छी आदतें सिखाना, एक जिम्मेदार माता-पिता होने का सबसे बड़ा प्रमाण है।
आपके बच्चों की खुशी और सफलता के लिए इन आदतों का पालन अवश्य करें। और यदि आप इस विषय पर और भी जानकारी पाना चाहते हैं, तो kharchaapani.com पर अवश्य जाएं।
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