गाजा में पहली बार हमास का विरोध:जंग से ऊब सड़कों पर उतरे हजारों फिलिस्तीनी, हमास को उखाड़ फेंकने के नारे लगाए
गाजा में मंगलवार को 3 जगहों पर हमास के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए। लोगों ने हमास को आतंकी संगठन कहा और सत्ता छोड़ने की मांग की। इजराइल-गाजा जंग शुरू होने के बाद यह पहली बार है, जब इतनी बड़ी तादाद में लोग हमास के खिलाफ एकजुट होकर सड़कों पर उतरे हैं। लोगों ने ‘हमास बाहर जाओ, हमास आतंकी हैं’, ‘हम हमास को उखाड़ फेंकना चाहते हैं’ के नारे लगा रहे थे। प्रदर्शन कर रहे लोगों के हाथों में ‘जंग खत्म करो’ और ‘फिलिस्तीन में बच्चे जीना चाहते हैं’, लिखे हुए पोस्टर लगे हुए थे। हमास के लड़ाकों ने प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ मार-पीट भी की और उन्हें अलग-थलग करने की कोशिश की। मास्क लगाए हुए इन लड़ाकों के पास हथियार थे। हमास के आलोचक माने जाने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर कुछ वीडियोज वायरल किए। गाजा में जंग से जुड़ीं 4 तस्वीरें... टेलीग्राम पर मिला था विरोध में शामिल होने का मैसेज प्रदर्शनकारियों ने कतर की सरकार से फंडेड एक न्यूज चैनल को भी निशाने पर लिया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हमास के विरोधियों ने टेलीग्राम पर प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की थी, जिसके बाद लोग लामबंद हुए। मोहम्मद नाम के एक व्यक्ति ने न्यूज एजेंसी AFP को बताया, "मुझे नहीं पता कि प्रोटेस्ट का आयोजन किसने किया। मैंने बस इसमें इसलिए हिस्सा लिया क्योंकि मैं जंग से थक चुका हूं।" मोहम्मद ने पहचान होने के डर से अपना आखिरी नाम नहीं बताया। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, 'लोग मीडिया से इन घटनाओं को कवर करने की मांग कर रहे हैं। लोग आजादी की मांग कर रहे हैं, वे गाजा के खिलाफ दुश्मनी को रोकने की मांग कर रहे हैं। वे शांति और इस जंग को खत्म करने की मांग रहे हैं।' हमास के समर्थकों ने इन प्रदर्शनों पर ध्यान न देने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इनमें हिस्सा लेने वाले 'गद्दार' हैं। इजराइल में हमास के विरोधी बढ़े इजराइल के साथ जंग के बाद हमास के आलोचकों की संख्या बढ़ गई है। आखिरी बार सितंबर 2024 में फिलिस्तीनी सेंटर फॉर पॉलिसी एंड सर्वे रिसर्च (PCPSR) ने गाजा में सर्वे किया था। इसमें 35% लोगों ने हमास का सर्मथन और 26% ने विरोध किया था। एक साल पहले अक्टूबर 2023 में 71% लोगों ने हमास का समर्थन किया था जबकि उनके विरोध में 21% लोग थे। हमास (हरकत अल-मुकावमा अल-इस्लामिया) की स्थापना 1987 में हुई थी। इसका मकसद इजराइल के खिलाफ संघर्ष और फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना करना था। 25 जनवरी 2006 को हुए फिलिस्तीनी विधायी चुनावों में हमास को पहली बार जीत मिली थी। हमास ने 132 में से 74 सीटें जीतीं, जबकि उसके विरोधी फतह को केवल 45 सीटें मिलीं। इस जीत ने हमास को फिलिस्तीनी प्राधिकरण (PA) में सत्ता का हिस्सा बनने का मौका दिया। हालांकि, फतह और हमास के बीच जून 2007 में हिंसक संघर्ष छिड़ गया था, जिसमें 600 से ज्यादा लोग मारे गए थे। इसमें हमास को जीत मिली थी। इसके बाद से गाजा पर हमास और वेस्ट बैंक पर फतह का कब्जा हो गया। गाजा में 50 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी की मौत 25 मार्च के आंकड़ों के मुताबिक इजराइल-हमास जंग में अब तक 50 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि, 1 लाख 13 हजार से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं। इजराइल-हमास के बीच दिसंबर में सीजफायर शुरू हुआ था। यह जनवरी में खत्म हो गया। इसके बाद एक बार फिर से इजराइल ने गाजा पर हमले शुरू कर दिए हैं। सीजफायर के बाद शुरू हुए हमले में अब तक 673 लोगों की मौत हुई है।

गाजा में पहली बार हमास का विरोध: जंग से ऊब सड़कों पर उतरे हजारों फिलिस्तीनी, हमास को उखाड़ फेंकने के नारे लगाए
खर्चा पानी - गाजा में हाल ही में एक ऐतिहासिक घटना हुई है जिसमें हजारों फिलिस्तीनी नागरिक पहली बार हमास के खिलाफ सड़कों पर उतरे। गाजा के नागरिकों की आवाज़ सुनते हुए, उन्होंने संघर्ष से थकावट और परिवर्तन की मांग की। इस विरोध का मुख्य उद्देश्य हमास के शासन को उखाड़ फेंकना था। यह फिलिस्तीनी नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण पल है, जिसने उनके जीवन में बदलाव की एक नई उम्मीद जगाई है।
विरोध की इतिहास में पहली बार
गाजा के नागरिकों ने अपने गुस्से और असंतोष को सार्वजनिक किया, जो कि हमास के शासन द्वारा उत्पन्न कठिनाइयों के परिणामस्वरूप आया है। सड़कों पर उमड़े हजारों लोगों ने नारे लगाए और एक नई शुरुआत की मांग की। यह विरोध किसी राजनीतिक पार्टी का नहीं, बल्कि गाजा में रहने वाले लोगों की आवाज है। जनता ने स्पष्ट रूप से यह दर्शाया कि अब वे और संघर्ष नहीं सहन करेंगे।
हमास के शासन के खिलाफ विरोध के कारण
हमास ने पिछले कई वर्षों से गाजा में सत्ता संभाली है, लेकिन इस शासन के तहत नागरिकों को बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। लगातार संघर्ष, आर्थिक तंगी और मानवीय संकट ने लोगों को निराश कर दिया है। इस बार फिलिस्तीनी जनता ने संगठित होकर अपने अधिकारों की मांग की है और यह विरोध एक स्पष्ट संकेत है कि वे अब और इंतजार नहीं कर सकते।
उम्मीद और बदलाव का संदेश
इस विरोध ने गाजा में एक नई चेतना का संचार किया है। लोग एकजुट होकर बुराई के खिलाफ खड़े हुए हैं। यह प्रदर्शन केवल हमास के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह बदलाव की आवश्यकता का प्रतीक है। हजारों लोगों ने जो हिम्मत दिखाई है, उससे यह साफ होता है कि वे अपने हक के लिए लड़ने के लिए तैयार हैं।
भविष्य की संभावनाएं
गाजा में हो रहे इन विरोध प्रदर्शनों के परिणाम के बारे में अभी कुछ भी निश्चित नहीं कहा जा सकता, लेकिन यह एक नई दिशा की ओर इशारा करता है। क्या यह वास्तव में हमास के शासन को समाप्त कर सकेगा? या फिर ये प्रदर्शन खत्म हो जाएंगे? यह समय बताएगा। फिलहाल, गाजा के लोगों का यह साहस प्रेरणादायक है।
भविष्य में, अगर फिलिस्तीनी समुदाय की एकता बनी रही, तो संभव है कि उनके प्रयासों के फलस्वरूप एक सकारात्मक बदलाव देखने को मिले। यह समय है जब दुनिया को गाजा की आवाज़ को सुनना चाहिए और उनके संघर्ष को समझना चाहिए।
फिलिस्तीनी लोगों का यह संदेश स्पष्ट है - वे अब और संघर्ष सहन नहीं करेंगे। गाजा में चल रहे इस प्रदर्शनों की गूंज दूर-दूर तक जाएगी।
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