शराब से 5 हजार करोड़, दूध से 210 करोड़ टैक्स:दिल्ली में 2023-24 में हर रोज 6 लाख लीटर शराब बिकी; विधानसभा में सरकार ने बताया आंकड़ा

दिल्ली सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष में शराब पर टैक्स से 5,068.92 करोड़ रुपये की कमाई की है, जबकि दूध और डेरी प्रोडक्ट से सिर्फ 209.9 करोड़ रुपये मिले हैं। यह जानकारी विधानसभा में बीजेपी विधायक अभय वर्मा के सवाल पर सरकार ने दिया। राज्य सरकार के मुताबिक, दिल्ली में 2023-24 में 21.27 करोड़ लीटर शराब बिकी, यानी हर दिन करीब 5.82 लाख लीटर। 2022-23 में यह आंकड़ा 25.84 करोड़ लीटर था। आप सरकार ने नवंबर 2021 में नई शराब नीति लागू की थी, जिससे शराब की बिक्री सिर्फ निजी दुकानों तक सीमित हो गई थी। लेकिन सितंबर 2022 में पुरानी नीति दोबारा लागू होने के बाद सरकारी शराब दुकानें फिर से खुल गईं। दिल्ली विधानसभा में शराब नीति पर पहली CAG रिपोर्ट पेश हुई थी CM रेखा गुप्ता ने 25 फरवरी को सदन में दिल्ली शराब नीति पर पहली CAG रिपोर्ट पेश की थी। रिपोर्ट में AAP की गलत शराब नीति की वजह से 2002 करोड़ रुपए नुकसान की बात सामने आई थी। इसके मुताबिक, शराब नीति में कुछ थोक विक्रेताओं और निर्माताओं में ‘विशेष व्यवस्था’ से मोनोपॉली और ब्रांड प्रमोशन का खतरा पैदा हुआ। क्या है दिल्ली शराब नीति घोटाला? दिल्ली शराब नीति घोटाला 2021 में दिल्ली सरकार की नई शराब नीति से जुड़ा एक भ्रष्टाचार का मामला है। जांच एजेंसियों (CBI और ED) के मुताबिक AAP नेताओं ने लाइसेंस देने में नियम तोड़े, कुछ कंपनियों को फायदा पहुंचाया और करीब 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ। इस मामले में मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और अरविंद केजरीवाल जैसे AAP नेता गिरफ्तार हुए, फिलहाल यह सभी जमानत पर बाहर है। AAP इसे बीजेपी की साजिश बताती है। विवाद के बाद नीति रद्द कर दी गई और मामला अभी कोर्ट में है। ************************** दिल्ली की यह खबर भी पढ़ें... तिहाड़ जेल को शिफ्ट करने की तैयारी, दिल्ली सरकार ने सर्वे के लिए 10 करोड़ बजट रखा बीजेपी की दिल्ली सरकार तिहाड़ जेल को शहर से बाहर शिफ्ट करने की प्लानिंग में है। 25 मार्च को CM रेखा गुप्ता ने 2025-26 के लिए दिल्ली के लिए ₹1 लाख करोड़ का बजट पेश किया था, इसमें तिहाड़ को शिफ्ट करने की बात कही। पूरी खबर पढ़ें...

Mar 29, 2025 - 21:34
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शराब से 5 हजार करोड़, दूध से 210 करोड़ टैक्स:दिल्ली में 2023-24 में हर रोज 6 लाख लीटर शराब बिकी; विधानसभा में सरकार ने बताया आंकड़ा
दिल्ली सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष में शराब पर टैक्स से 5,068.92 करोड़ रुपये की कमाई की है, जबकि दूध और डे

शराब से 5 हजार करोड़, दूध से 210 करोड़ टैक्स: दिल्ली में 2023-24 में हर रोज 6 लाख लीटर शराब बिकी; विधानसभा में सरकार ने बताया आंकड़ा

Kharchaa Pani

द्वारा: अनुष्का मेहता, टीम नेटानागरी

परिचय

दिल्ली सरकार ने हाल ही में विधानसभा में एक ऐसा आंकड़ा प्रस्तुत किया है जो हर किसी को चौंका सकता है। वर्ष 2023-24 में राष्ट्रीय राजधानी में हर दिन लगभग 6 लाख लीटर शराब बेची गई है, जिससे सरकार को 5 हजार करोड़ रुपये का टैक्स प्राप्त हुआ है। वहीं, दूध से प्राप्त टैक्स केवल 210 करोड़ रुपये रहा है। यह आंकड़े इस बात का संकेत हैं कि दिल्ली में शराब का व्यापार कितना बड़ा हो चुका है और इसके सामाजिक-आर्थिक प्रभाव को सरकार किस प्रकार देख रही है।

दिल्ली का शराब बाजार

दिल्ली में शराब की मांग तेजी से बढ़ी है, और इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। बढ़ती आबादी, बार एवं रेस्टोरेंट की संख्या में इजाफा, और शराब की भिन्नता से लोगों का ध्यान आकर्षित हो रहा है। इसके अलावा, दिल्ली में शराब पर लगाए गए टैक्स से राज्य सरकार को मिलने वाली आय भी कृषि और अन्य विकास योजनाओं में लगाई जाती है।

सरकार के आंकड़े पर सवाल

हालांकि, इस आंकड़े पर सवाल उठने लगे हैं। क्या इस तरह का भव्य आंकड़ा वास्तव में सही है? क्या यह एक वास्तविकता है या केवल सरकारी वक्तव्य? विपक्षी दलों ने इस आंकड़े की पुष्टि करने की मांग की है और इसे ध्यान में रखते हुए सरकार को जवाब देना होगा।

दूध का आयात और उसकी आय

दिल्ली सरकार ने दूध से मिलने वाले टैक्स का आंकड़ा भी साझा किया, जो सिर्फ 210 करोड़ रुपये था। यह आंकड़ा दर्शाता है कि दिल्ली में दूध का व्यापार क्या स्थिति में है। दूध एक आवश्यक वस्तु है, लेकिन इसकी बिक्री शराब की तुलना में बहुत कम है।

सामाजिक प्रभाव और स्वास्थ्य समस्याएं

दिल्ली में शराब की बढ़ती बिक्री केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि इसका सामाजिक प्रभाव भी नजर आ रहा है। शराब पीने के कारण न केवल स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं, बल्कि कई बार घरेलू विवाद और अपराध भी बढ़ सकते हैं। सरकार को इस क्षेत्र में उचित नीतियां बनानी चाहिए ताकि लोगों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित किया जा सके।

निष्कर्ष

दिल्ली सरकार के द्वारा प्रस्तुत ये आंकड़े हमें यह सोचने के लिए मजबूर करते हैं कि सामाजिक और आर्थिक रूप से शराब का व्यापार कितना महत्वपूर्ण हो चुका है। हालांकि, इसके नैतिक और स्वास्थ्य संबंधी पहलू भी अनदेखे नहीं किए जा सकते। एक संतुलित और विचारशील नीति की आवश्यकता है ताकि समाज के सभी वर्गों का ध्यान रखा जा सके। आगे बढ़ने के लिए, अवश्‍य ही शराब और दूध जैसे व्यवसायों की तुलना और विचार करना आवश्यक है।

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