तीसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े आज जारी होंगे:अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 6.3% रहने का अनुमान, पिछली तिमाही में 5.4% रही थी

अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए जीडीपी डेटा आज यानी, शुक्रवार 28 फरवरी को जारी किया जाएगा। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) शाम 4 बजे ये डेटा जारी करेगा। इकोनॉमिस्टों के अनुसार, तीसरी तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था 6.3% की दर से बढ़ सकती है। तिमाही आंकड़ों के साथ वित्त वर्ष 2024-2025 का दूसरा सालाना अनुमान भी जारी किया जाएगा। इससे पहले जनवरी में जारी किए गए एनएसओ के अनुमान के अनुसार वित्त वर्ष 2024-25 के लिए विकास दर 6.4% आंकी गई थी जो 4 साल का निचला स्तर है। पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी ग्रोथ रेट 8.2% (अनंतिम) थी। वहीं वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.7% रही थी। हालांकि, दूसरी तिमाही में यह संख्या गिरकर 5.4% पर आ गई। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के खराब प्रदर्शन से जीडीपी ग्रोथ धीमी रही। बीते 5 साल का जीडीपी का हाल GDP क्या है? इकोनॉमी की हेल्थ को ट्रैक करने के लिए जीडीपी का इस्तेमाल होता है। ये देश के भीतर एक तय समय में बनाए गए सभी गुड्स और सर्विस की वैल्यू को दिखाती है। इसमें देश की सीमा के अंदर रहकर जो विदेशी कंपनियां प्रोडक्शन करती हैं उन्हें भी शामिल किया जाता है। दो तरह की होती है GDP GDP दो तरह की होती है। रियल GDP और नॉमिनल GDP। रियल GDP में गुड्स और सर्विस की वैल्यू का कैलकुलेशन बेस ईयर की वैल्यू या स्टेबल प्राइस पर किया जाता है। फिलहाल GDP को कैलकुलेट करने के लिए बेस ईयर 2011-12 है। वहीं नॉमिनल GDP का कैलकुलेशन करंट प्राइस पर किया जाता है। कैसे कैलकुलेट की जाती है GDP? GDP को कैलकुलेट करने के लिए एक फॉर्मूले का इस्तेमाल किया जाता है। GDP=C+G+I+NX, यहां C का मतलब है प्राइवेट कंजम्प्शन, G का मतलब गवर्नमेंट स्पेंडिंग, I का मतलब इन्वेस्टमेंट और NX का मतलब नेट एक्सपोर्ट है। GDP की घट-बढ़ के लिए जिम्मेदार कौन है? GDP को घटाने या बढ़ाने के लिए चार इम्पॉर्टेंट इंजन होते हैं। पहला है, आप और हम। आप जितना खर्च करते हैं, वो हमारी इकोनॉमी में योगदान देता है। दूसरा है, प्राइवेट सेक्टर की बिजनेस ग्रोथ। ये GDP में 32% योगदान देती है। तीसरा है, सरकारी खर्च। इसका मतलब है गुड्स और सर्विसेस प्रोड्यूस करने में सरकार कितना खर्च कर रही है। इसका GDP में 11% योगदान है। और चौथा है, नेट डिमांड। इसके लिए भारत के कुल एक्सपोर्ट को कुल इम्पोर्ट से घटाया जाता है, क्योंकि भारत में एक्सपोर्ट के मुकाबले इम्पोर्ट ज्यादा है, इसलिए इसका इम्पैक्ट GPD पर निगेटिव ही पड़ता है।

Feb 28, 2025 - 11:34
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तीसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े आज जारी होंगे:अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 6.3% रहने का अनुमान, पिछली तिमाही में 5.4% रही थी

तीसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े आज जारी होंगे: अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 6.3% रहने का अनुमान

Kharchaa Pani

लेखक: राधिका वर्मा, निधि शर्मा, टीम नेटानागरी

परिचय

आज भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि तीसरी तिमाही के लिए जीडीपी आंकड़े जारी किए जाएंगे। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 6.3% रहने का अनुमान है, जबकि पिछली तिमाही में यह 5.4% रही थी। यह वृद्धि कई कारकों का परिणाम है, जिसमें औद्योगिक उत्पादन में सुधार, उपभोक्ता व्यापार की वृद्धि और बुनियादी ढांचे के विकास शामिल हैं।

जीडीपी आंकड़ों का महत्व

जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) आर्थिक स्वास्थ्य का एक प्रमुख संकेतक है। यह देश की कुल माल और सेवाओं के उत्पादन का माप है। जब जीडीपी में वृद्धि होती है, तो इसका सीधा प्रभाव रोजगार के अवसरों, उपभोक्ता विश्वास और निवेश पर पड़ता है। यदि आंकड़े अपेक्षाओं के अनुरूप होते हैं, तो यह बाजार में सकारात्मक भावना को बढ़ा सकता है।

पिछली तिमाही के आंकड़े

पिछली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 5.4% रही थी, जो कि पिछले वर्ष की इसी तिमाही के मुकाबले अच्छी वृद्धि थी। हालांकि, विश्लेषकों का मानना है कि मौजूदा तिमाही में 6.3% वृद्धि का अनुमान एक संकेत है कि भारतीय अर्थव्यवस्था अपने पैरों पर खड़ी हो रही है। इस वृद्धि को समझने के लिए हमें विभिन्न आर्थिक गतिविधियों और नीतियों की जांच करनी होगी।

अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले कारक

विभिन्न कारक हैं जो जीडीपी वृद्धि को प्रभावित कर सकते हैं। इनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:

  • औद्योगिक उत्पादन: औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि ने अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की है।
  • उपभोक्ता खर्च: उपभोक्ताओं की खरीदारी में वृद्धि हुई है, जिससे व्यापार में सुधार हुआ है।
  • बुनियादी ढांचा: सरकार द्वारा बुनियादी ढांचे में किए गए निवेश ने विकास को और बढ़ावा दिया है।

क्या उम्मीद करें?

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि जीडीपी आंकड़े 6.3% के आसपास आते हैं, तो यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत होगा। हालांकि, विशेषज्ञों ने यह भी चेतावनी दी है कि विश्व की वर्तमान आर्थिक स्थितियाँ और महंगाई दर इस वृद्धि को प्रभावित कर सकती हैं।

निष्कर्ष

आज जो जीडीपी आंकड़े जारी होंगे, वे न केवल वर्तमान आर्थिक स्थिति को संदर्भित करेंगे, बल्कि भविष्य की विकास संभावनाओं के लिए भी एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करेंगे। इसलिए, सभी की नजरें बीते तीन महीनों के प्रदर्शन पर टिकी हैं। अधिक जानकारी के लिए, विजिट करें kharchaapani.com.

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