सेहतनामा- क्या ऑफिस की कॉफी बढ़ा रही कोलेस्ट्रॉल?:नई रिसर्च में खुलासा, कार्डियोलॉजिस्ट से जानें कॉफी का सही समय और तरीका

ऑफिस में लंबी मीटिंग्स और काम के लंबे घंटों के लिए ऑफिस की कॉफी फ्यूल की तरह काम करती है। अब तो हर ऑफिस में कॉफी लोगों की लाइफलाइन बन गई है। लेकिन क्या आपको पता है कि ये कॉफी न सिर्फ आपकी नींद उड़ा रही है, बल्कि कोलेस्ट्रॉल लेवल भी बढ़ा रही है। हाल ही में हेल्थ जर्नल ‘न्यूट्रिशन, मेटाबॉलिज्म एंड कार्डियोवस्कुलर डिजीज’ में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, ज्यादातर ऑफिस में कॉफी बनाने के लिए इस्तेमाल हो रही मशीन से कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ रहा है। इससे कार्डियोवस्कुलर डिजीज का जोखिम भी बढ़ सकता है। यह स्टडी स्वीडन की उप्साला यूनिवर्सिटी और चाल्मर्स यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी ने साझा रूप से की है। इसमें पता चला है कि कॉफी बनाने के तरीका ये तय करता है कि कॉफी पीने से कितना कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है। आमतौर पर फिल्टर कॉफी में इसका जोखिम कम होता है। इसलिए ‘सेहतनामा’ में आज कॉफी का बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- कॉफी पीने से क्यों बढ़ रहा कोलेस्ट्रॉल? अगर कॉफी को फिल्टर नहीं किया गया है तो इसमें डिटरपीन होते हैं जिनसे कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है। आमतौर पर ऑफिस में फिल्टर कॉफी नहीं होती है। इसलिए ऑफिस मशीन से बनी कॉफी पीने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का जोखिम ज्यादा होता है। ज्यादा कॉफी पीने से क्या नुकसान हो सकते हैं? डॉ. अमर सिंघल के मुताबिक, ऑफिस की कॉफी मशीन से बनी कॉफी में डिटरपीन ज्यादा मात्रा में होते हैं, जिनसे कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है। इसलिए इससे ज्यादा नुकसान होता है। जबकि फिल्टर कॉफी उतनी नुकसानदायक नहीं होती है। किसी भी तरह की कॉफी ज्यादा पी जाए तो कई नुकसान हो सकते हैं। ग्राफिक में देखिए- क्या कॉफी पीने से हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ सकता है? न्यूट्रिशन, मेटाबॉलिज्म एंड कार्डियोवस्कुलर डिजीज में पब्लिश हुई स्टडी के मुताबिक, डिटरपीन युक्त कॉफी का अधिक सेवन हार्ट डिजीज के जोखिम को बढ़ा सकता है। हालांकि, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस प्रकार की कॉफी पीते हैं। यदि आप दिनभर बिना फिल्टर वाली कॉफी जैसेकि- एस्प्रेसो, फ्रेंच प्रेस या मशीन-ब्रूड कॉफी पीते हैं, तो आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ सकता है, जिससे हार्ट डिजीज और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। कॉफी पीने का सही तरीका और समय आमतौर पर ज्यादातर लोग कॉफी सुबह के समय पीने की सलाह देते हैं। उनकी बात सही भी है, क्योंकि कॉफी पीने के 12 से 14 घंटे बाद भी कैफीन शरीर में मौजूद रहता है और ब्रेन न्यूरॉन्स को एक्टिव रखता है। इसलिए बहुत ज्यादा कॉफी पीने से ब्रेन एक्टिविटी प्रभावित हो सकती है। इसके बावजूद इसका एक तरीका बनाएं कि कॉफी कब और कैसे पिएंगे- क्या शाम को कॉफी पीना खतरनाक है? डॉ. अमर सिंघल कहते हैं कि किन्हीं खास परिस्थितियों में जैसे परीक्षाओं से पहले या किसी डेडलाइन के काम को पूरा करने के लिए कभी-कभी रात के समय कॉफी पीना ठीक है, लेकिन सामान्य स्थिति में शाम 4 बजे के बाद कॉफी नहीं पीनी चाहिए क्योंकि शाम को पी गई कॉफी भी रात में आपकी नींद को प्रभावित करेगी। दूध के साथ कॉफी पीने से बचें भारत में चाय-कॉफी दूध, चीनी के साथ मिलाकर पीने का चलन है। लेकिन ये गलत कॉम्बिनेशन है। दूध में मौजूद कैल्शियम और लैक्टोज प्रोटीन जब चाय, कॉफी के कैफीन और टैनिन से रिएक्ट करते हैं तो ये हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक होते हैं। इसी के चलते हमें पेट में जलन और गैस की समस्या होती है। कॉफी पीने से जुड़े कॉमन सवाल और जवाब सवाल: क्या रोज कॉफी पीना सुरक्षित है? जवाब: हां, लेकिन सीमित मात्रा में। विशेषज्ञों के अनुसार, दिनभर में 2-3 कप (400mg तक कैफीन) लेना सुरक्षित माना जाता है। इससे अधिक लेने पर घबराहट, दिल की धड़कन तेज होना, नींद की समस्या और एसिडिटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। सवाल: कॉफी से वजन बढ़ता है या घटता है? जवाब: यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कॉफी कैसे पीते हैं। ब्लैक कॉफी में कैलोरी कम होती है और यह मेटाबॉलिज्म बढ़ाकर फैट बर्न करने में मदद करती है, जिससे वजन घट सकता है। लेकिन अगर आप ज्यादा शुगर, क्रीम, फ्लेवर्ड सिरप या फुल फैट दूध मिलाते हैं, तो कैलोरी बढ़ जाती है और वजन बढ़ने का खतरा रहता है। सवाल: कॉफी पीने से नींद क्यों उड़ जाती है? जवाब: कॉफी में मौजूद कैफीन एक प्राकृतिक स्टिमुलेंट है, जो दिमाग को सतर्क रखता है और मैलेटोनिन यानी नींद के लिए जरूरी हॉर्मोन को कम कर देता है। यही कारण है कि अगर आप सोने से 6 घंटे पहले भी कॉफी पीते हैं तो आपको देर रात तक नींद नहीं आती है। सवाल: क्या कॉफी से हड्डियां कमजोर होती हैं? जवाब: हां, अगर बहुत ज्यादा कॉफी पीते हैं तो ऐसा हो सकता है। कैफीन शरीर में कैल्शियम के अवशोषण को कम कर सकता है, जिससे हड्डियां कमजोर हो सकती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियां पतली और कमजोर हो जाती हैं) का खतरा बढ़ सकता है। अगर आप कॉफी पीते हैं तो कैल्शियम और विटामिन D से भरपूर डाइट जरूरी है। सवाल: क्या प्रेग्नेंसी में कॉफी पी सकते हैं? जवाब: हां, लेकिन सीमित मात्रा (200mg यानी 1 कप) में। प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा कैफीन लेने से गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास पर असर पड़ सकता है, क्योंकि कैफीन प्लैसेंटा यानी गर्भनाल से होकर भ्रूण तक पहुंचता है। यह गर्भस्थ शिशु के दिल की धड़कन को प्रभावित कर सकता है। इसलिए डॉक्टर कम कैफीन वाली कॉफी या डिकैफ कॉफी पीने की सलाह देते हैं। ……………………. सेहत की ये खबर भी पढ़िए सेहतनामा- चाय-कॉफी पिएं पर दूध-चीनी के बगैर:भारतीयों के कैफीन प्रेम पर ICMR की चेतावनी, बताया पीने का सही तरीका और मात्रा ICMR के मुताबिक संतुलित मात्रा में इसका सेवन सेहत के लिए फायदेमंद भी है, लेकिन हमारी दिक्कत ये है कि चाय-कॉफी के मामले में कोई संतुलन नहीं है। सुबह उठकर नींद भगाने से लेकर दिन में कभी भी बोरियत भगाने तक के लिए लोगों का सहारा चाय-कॉफी ही है। पूरी खबर पढ़िए...

Mar 28, 2025 - 04:43
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सेहतनामा- क्या ऑफिस की कॉफी बढ़ा रही कोलेस्ट्रॉल?:नई रिसर्च में खुलासा, कार्डियोलॉजिस्ट से जानें कॉफी का सही समय और तरीका

सेहतनामा- क्या ऑफिस की कॉफी बढ़ा रही कोलेस्ट्रॉल?: नई रिसर्च में खुलासा, कार्डियोलॉजिस्ट से जानें कॉफी का सही समय और तरीका

Kharchaa Pani | लेख: साक्षी मिश्रा, रिया अग्रवाल, टीम नेटानागरी

परिचय

आजकल ऑफिस में कॉफी पीना एक आम बात हो गई है। कई लोग इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा मानते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आपकी सेहत पर क्या असर डाल सकती है? हाल ही में आई एक नई रिसर्च में इस बात का खुलासा किया गया है कि ऑफिस की कॉफी का सेवन कोलेस्ट्रॉल स्तर को बढ़ा सकता है। आइए जानते हैं इस विषय में विस्तार से।

नई रिसर्च का सारांश

रिसर्च से पता चला है कि विभिन्न प्रकार की कॉफी, विशेषकर जिनमें कफी ऑयल अधिक होता है, वे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को प्रभावित कर सकते हैं। यह अध्ययन इस बात पर केंद्रित है कि कैसे कॉफी में मौजूद तत्व शरीर के कोलेस्ट्रॉल स्तर पर प्रभाव डाल सकते हैं। ज्यादातर लोगों के लिए, यह जानना जरूरी है कि क्या वे अपनी कॉफी की आदतों को बदलें या नहीं।

कॉफी के प्रकार और उनके प्रभाव

कॉफी के कई प्रकार हैं - जैसे एस्प्रेसो, कैपुचिनो, और फिल्टर्ड कॉफी। जहां फिल्टर्ड कॉफी को स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है, वहीं एस्प्रेसो और कैपुचिनो जैसे पेय में कफी तेल की मात्रा अधिक होती है, जो कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकते हैं। कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. आर्यन ने बताया कि पीसकर बनी कॉफी में लिपिड के स्तर बढ़ सकते हैं, इसलिए यदि आप इस समस्या से ग्रस्त हैं, तो आपको सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

कॉफी पीने का सही समय

डॉ. आर्यन के अनुसार, कॉफी पीने का सबसे सही समय सुबह का होता है। सुबह की कॉफी से शरीर को ऊर्जा मिलती है और यह दिनभर के लिए आपको सक्रिय रखती है। इसके अलावा, वे सुझाव देते हैं कि कॉफी का सेवन सीमित मात्रा में किया जाना चाहिए, ताकि स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव न पड़े।

कॉफी पीने के सही तरीके

कॉफी का सेवन करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • सिर्फ एक कप कॉफी प्रतिदिन से शुरू करें।
  • दूध और चीनी में सीमित मात्रा का उपयोग करें।
  • यदि संभव हो तो फिल्टर्ड कॉफी का सेवन करें।

निष्कर्ष

कॉफी का सेवन करना हमारी सेहत पर सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। ऑफिस की कॉफी के सेवन को ध्यान में रखते हुए, हमें समझदारी से चुनाव करना होगा। अपने स्वास्थ्य के लिए सही दिशा में कदम उठाएं और कार्डियोलॉजिस्ट की सलाह के अनुसार अपनी कॉफी आदतों को समायोजित करें। सेहतमंद जीवनशैली अपनाएं और नियमित स्वास्थ्य जांच कराते रहें।

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