हैदराबाद यूनिवर्सिटी के छात्रों और पुलिस में झड़प:विपक्ष का आरोप- स्टूडेंट्स को बाल पकड़कर घसीटा, लड़कियों के कपड़े फाड़ दिए
हैदराबाद यूनिवर्सिटी के पास आईटी पार्क बनाने के का विरोध कर रहे छात्रों और पुलिस के बीच रविवार को खूब हंगामा हुआ। छात्र पर्यावरण से जुड़ी चिंताओं की वजह से प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे थे। इस घटना के बाद राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है। विपक्षी पार्टी भारत राष्ट्र समिति (BRS) ने आरोप लगाया कि पुलिस ने प्रदर्शनकारी छात्रों के बाल पकड़कर घसीटा और उनकी पिटाई की। कई वीडियोज में पुलिस को छात्रों को घसीटकर वैन में डालती हुई नजर आई। छात्रों ने कहा कि बुलडोजरों को आते देखकर वे मौके पर पहुंचे थे। मामले में तेलंगाना CM रेवंत रेड्डी ने कहा- छात्रों को भड़काया जा रहा है। जमीन शहर के आईटी हब के तहत आती है। इसका यूनिवर्सिटी से कोई संबंध नहीं है। यूनिवर्सिटी के एक अधिकारी ने भी कहा कि 1974 से जमीन का मालिकाना हक सरकार के पास है। 5 जिफ के जरिए पूरा मामला समझिए... BRS बोली- लड़कियों के कपड़े फाड़े गए पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की पार्टी BRS ने कहा कि पुलिस की मौजूदगी में जमीन को समतल करने के लिए दर्जनों बुलडोजर लाए गए थे। इस दौरान पुलिस ने विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों को डंडों से पीटा। लड़कियां रो रही थीं कि उनके कपड़े फाड़ दिए गए हैं, लेकिन पुलिस ने उनकी बात नहीं सुनी और उन्हें पुलिस स्टेशन ले गई। करीब 200 लोगों को गिरफ्तार किया गया। हालांकि, पुलिस ने कहा कि सरकारी काम में बाधा डालने वाले 53 छात्रों को एहतियातन हिरासत में लिया गया है। उनमें से कुछ छात्रों ने पुलिस पर हमला भी किया था। उन पर केस दर्ज किया जाएगा। विपक्ष बोला- मोहब्बत की दुकान नहीं, विश्वासघात का बाजार विपक्षी पार्टी BRS ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा- कांग्रेस की 'मोहब्बत की दुकान' अब हैदराबाद यूनिवर्सिटी तक पहुंच गई है। राहुल गांधी हाथ में संविधान लेकर उपदेश देते फिर रहे हैं, जबकि उनकी सरकार इसके विपरीत काम कर रही है। यह मोहब्बत की दुकान नहीं विश्वासघात का बाजार है। वहीं, यूनिवर्सिटी छात्रसंघ ने कहा कि हमने शांतिपूर्ण रैली निकाली थी। विरोध करना हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है। पुलिस ने छात्रों को जबरन हिरासत में लिया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया।

हैदराबाद यूनिवर्सिटी के छात्रों और पुलिस में झड़प: विपक्ष का आरोप- स्टूडेंट्स को बाल पकड़कर घसीटा, लड़कियों के कपड़े फाड़ दिए
Kharchaa Pani
लेखिका: सुषमा शर्मा, टीम नेता नागरी
परिचय
हाल ही में हैदराबाद विश्वविद्यालय में छात्रों और पुलिस के बीच झड़प की खबर ने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया है। विपक्षी नेताओं का आरोप है कि पुलिस ने छात्रों को बुरी तरह से पीटा, जिसमें लड़कियों के कपड़े फाड़ने और उन्हें बालों से घसीटने की घटनाएँ भी शामिल हैं। इस घटना ने विश्वविद्यालय में शांति और सुरक्षा पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं।
घटना का विवरण
प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव की तैयारियों को लेकर छात्रों का प्रदर्शन हो रहा था। छात्र संगठन ने जब अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का ऐलान किया, तब अचानक पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया। इस मामले में विपक्ष ने केंद्रीय सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
विपक्ष का आक्रोश
विपक्षी नेताओं ने कहा है कि यह एक लोकतांत्रिक अधिकार का उल्लंघन है। उन्होंने पुलिस के कृत्यों की निंदा करते हुए कहा है कि छात्र सिर्फ अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। आरोप है कि पुलिस ने लड़कियों को उनके बालों से खींचा और उन्हें अपमानित किया। इसे सीधे तौर पर महिलाओं के प्रति उत्पीड़न के रूप में देखा जा रहा है।
छात्रों की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद विश्वविद्यालय के छात्र भी खासा नाराज हैं। एक छात्र ने कहा, “हम केवल अपनी आवाज़ उठाने के लिए यहां आए थे। लेकिन इस तरह का बर्ताव हमें और भी ज्यादा मजबूत करेगा।” वहीं, छात्रों ने मांगे की हैं कि दोषी पुलिस वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
सामाजिक संगठनों की प्रतिक्रिया
विभिन्न सामाजिक संगठनों ने भी इस मामले में अपना गुस्सा जाहिर किया है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि छात्रों के खिलाफ की गई इस बर्बरता की जांच की जाए। यह एक ऐसा समय है जब छात्रों को अपनी आवाज़ उठाने का हक है।
निष्कर्ष
हैदराबाद विश्वविद्यालय में हुई इस घटना ने सभी के सामने कई सवाल खड़े किए हैं। क्या छात्रों का प्रदर्शन लोकतंत्र का अभिन्न हिस्सा नहीं है? क्या पुलिस का कर्तव्य केवल काबू पाना है, या फिर उन्हें छात्रों की आवाज को सुनना चाहिए? इस घटना की गूंज आने वाले समय में और भी अधिक सुनाई देगी, क्योंकि यह न केवल राजनीतिक बल्कि सामाजिक मुद्दा बन चुका है।
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