रिलेशनशिप- इन 6 कारणों से जिद्दी होते बच्चे:साइकोलॉजिस्ट ने बताए हैंडल करने के 9 तरीके, परवरिश में रखें इन बातों का ध्यान
हर मां-बाप अपने बच्चे को खुश रखना चाहते हैं। उसे खूब लाड़, प्यार, दुलार देते हैं। वह बच्चे की हर छोटी-बड़ी ख्वाहिश को पूरा करने की कोशिश करते हैं, लेकिन कभी-कभी यही प्यार और दुलार पेरेंट्स के लिए परेशानी बन जाता है। ज्यादा लाड़-प्यार के कारण बच्चे जिद्दी हो जाते हैं। जब जरा सी जिद करने पर पेरेंट्स बच्चे की हर बात मान लेते हैं तो बच्चा यह समझता है कि उसे अपनी इच्छाएं पूरी करवाने के लिए जिद करनी चाहिए। इससे बच्चे का जिद्दीपन बढ़ता है और धीरे-धीरे ये उसकी आदत बन जाती है। अगर बचपन में ही इसे रोका न जाए तो बड़े होकर ये आदत बन सकती है, जो करियर और पर्सनल लाइफ को प्रभावित कर सकती है। हालांकि बच्चों की जिद्द हमेशा इच्छाओं की पूर्ति के लिए नहीं होती है। कई बार किन्हीं खास मेडिकल कंडीशन की वजह से भी बच्चे जिद्दी हो सकते हैं। इसका भी समय पर इलाज कराना जरूरी है। आज रिलेशनशिप कॉलम में हम बच्चों के जिद्दी स्वभाव के बारे में बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- बच्चा जिद्दी क्यों होता है? कई पेरेंट्स ऐसा सोचते हैं कि ‘बच्चे हैं, जिद और शैतानी तो करेंगे ही।’ बच्चों के जिद्दी होने का सबसे बड़ा कारण यही है। कुछ बच्चों में उनका जिद्दी स्वभाव अपोजिशनल डेफिएंट डिसऑर्डर (ODD) या अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD) जैसी प्रॉब्लम्स की वजह से भी हाे सकता है। इन दोनों स्थितियों में बच्चे गुस्सैल हो जाते हैं और किसी भी चीज पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते हैं। इसके अलावा बच्चों के जिद्दी होने के पीछे कई और कारण हो सकते हैं। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- बच्चे के जिद्दी होने में पेरेंट्स की भूमिका अहम बच्चे के जिद्दी होने में पेरेंट्स की परवरिश की बड़ी भूमिका है। पेरेंट्स ही बच्चे के लिए पहले रोल मॉडल होते हैं। जब पेरेंट्स खुद संयमित रहते हैं, अपनी भावनाओं पर कंट्रोल रखते हैं तो बच्चे भी यही आदत सीखते हैं। अगर पेरेंट्स खुद गुस्से में चिल्लाते हैं या मारपीट करते हैं तो बच्चे भी यही सीखते हैं। वह अपनी जिद को पूरा करने के लिए गुस्से का सहारा लेते हैं। बच्चे प्यार और अटेंशन की कमी के कारण भी जिद्दी हो सकते हैं। अगर पेरेंट्स अपने बच्चे को पर्याप्त समय नहीं देते हैं तो वह अपनी जरूरतों और इच्छाओं को पूरा करने के लिए जिद का सहारा ले सकते हैं। इसलिए पेरेंट्स को बच्चे की परवरिश में हमेशा इन बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए। ऐसा हो सकता है जिद्दी बच्चों का व्यवहार जिद्दी बच्चे का व्यवहार पेरेंट्स और आसपास के लोगों को परेशान करने वाला होता है। इसमें हर समय कुछ-न-कुछ मांगते रहना, किसी की बात न मानना, हमेशा अपने मन की करना और अपने हमउम्र के बच्चों के साथ लड़ाई-झगड़ा करना समेत कई आदतें शामिल हैं। इसके अलावा जिद्दी बच्चों में और कई नकारात्मक व्यवहार देखने को मिलते हैं। जैसेकि- जिद्दीपन बच्चों के लिए क्यों खतरनाक बच्चे का जिद्दीपन उसकी मेंटल, फिजिकल और सोशल ग्रोथ को प्रभावित कर सकता है। जिद हमेशा पूरी होने से वे अपनी भावनाओं और इच्छाओं को कंट्रोल करना नहीं सीख पाते हैं। इससे वे जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने में असमर्थ हो सकते हैं। अगर बच्चे की जिद कंट्रोल न की जाए तो ये उसकी पर्सनैलिटी का हिस्सा बन सकता है। इससे उनका सोशल बिहेवियर प्रभावित हो सकता है। इसके अलावा कभी-कभी पेरेंट्स बच्चे पर बहुत ज्यादा दबाव डालते हैं कि वह अपनी जिद को कंट्रोल करे। इससे भी बच्चे डिप्रेशन और एंग्जाइटी का शिकार हो सकते हैं। जिद्दी बच्चे को हैंडल करना जरूरी अगर बच्चा आपकी बात नहीं सुन रहा है तो गुस्सा करने के बजाय शांत रहें और उसे प्यार से समझाएं। अगर आप बच्चे को डांटेंगे तो वह और ज्यादा जिद करेगा और आपकी बात नहीं मानेगा। पेरेंट्स बच्चे की अच्छी आदतों के लिए समय-समय पर उसकी तारीफ करें। इससे बच्चे न केवल में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित होंगे, बल्कि वे कुछ नया करने के लिए प्रेरित भी होंगे। इसके अलावा कुछ और बातों का ध्यान रखना जरूरी है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- जिद्दी बच्चे की परवरिश में पेरेंट्स इन बातों का रखें ध्यान बच्चे के जिद करने पर गुस्से में आकर उसे मारना-पीटना या चिल्लाना उसकी मेंटल हेल्थ के लिए नुकसानदायक है। इससे बच्चे और पेरेंट्स के रिश्ते में तनाव आ सकता है। इसलिए सजा देने से बेहतर है कि बच्चे को अनुशासन के माध्यम से सिखाएं। जैसेकि-

रिलेशनशिप- इन 6 कारणों से जिद्दी होते बच्चे: साइकोलॉजिस्ट ने बताए हैंडल करने के 9 तरीके, परवरिश में रखें इन बातों का ध्यान
Kharchaa Pani - एक माता-पिता के लिए अपने बच्चे का जिद्दी होना एक चुनौतीपूर्ण अनुभव हो सकता है। जब बच्चे अपने मन की करने पर आमादा होते हैं, तो इससे परिवार में तनाव बढ़ सकता है। आइए जानते हैं उन 6 कारणों के बारे में जिनकी वजह से बच्चे जिद्दी बन सकते हैं और कैसे उन्हें सही तरीके से संभाला जा सकता है।
जिद्दी बनने के 6 कारण
बच्चों का जिद्दी होना कई कारणों से हो सकता है। आइए इन्हें समझते हैं:
1. इमोशनली इन्वॉल्वमेंट
बच्चे कई बार भावनात्मक कारणों से भी जिद्दी हो जाते हैं। जब वे अपनी भावनाओं के प्रति जगे होते हैं, तो अपने मन का करने पर जोर डालते हैं।
2. सीमाओं की कमी
जब माता-पिता अपने बच्चों को निश्चित सीमाओं में नहीं बांधते, तो बच्चे अपनी इच्छाओं को पूरा करने पर जोर देते हैं।
3. ऑटोनॉमी की इच्छा
बच्चे स्वंतत्रता की इच्छा रखते हैं। उन्हें महसूस होता है कि अगर वे जिद्दी बन जाएंगे, तो उन्हें अधिक स्वतंत्रता मिलेगी।
4. वेरिएबल रैस्पॉन्सेस
अगर माता-पिता की प्रतिक्रियाएँ कभी-कभी सख्त और कभी-कभी नरम होती हैं, तो बच्चे भ्रमित हो जाते हैं और जिद्दी हो सकते हैं।
5. ध्यान आकर्षित करना
कभी-कभी बच्चे अपने माता-पिता का ध्यान आकर्षित करने के लिए जिद्दी बनते हैं। यह व्यवहार अक्सर एक प्रतिक्रिया होती है।
6. गहरी भावनाएँ
बच्चों की जिद उनके अंदर गहरे भावनात्मक मुद्दों के कारण भी हो सकती हैं, जिन्हें समझना जरूरी है।
जिद्दी बच्चों को संभालने के 9 तरीके
साइकोलॉजिस्ट ने बच्चों के जिद्दी व्यवहार को संभालने के लिए कुछ महत्वपूर्ण तरीके बताए हैं:
1. समर्पण से सुनना
बच्चों की बात ध्यान से सुनें और उनकी भावनाओं का मान दें। इससे वे खुद को समझा हुआ महसूस करेंगे।
2. सीमाएं स्थापित करें
नियत सीमाओं के भीतर बच्चों को रहने देना महत्वपूर्ण है। इससे उन्हें यह समझने में मदद मिलेगी कि क्या सही है और क्या गलत।
3. विकल्प दें
बच्चों को छोटे-छोटे विकल्प दें, जिससे वे खुद निर्णय ले सकें। इससे उन्हें स्वंतत्रता का अनुभव होगा।
4. विवादों से बचें
जब बच्चे जिद्द कर रहे हों, तब तर्क करने से बचें। शांत रहें और स्थिति को संभालें।
5. सकारात्मक व्यवहार को प्रोत्साहित करें
जब बच्चे सही तरीके से व्यवहार करें तो उन्हें प्रोत्साहित करें। इससे उन्हें समझ में आएगा कि अच्छे व्यवहार का क्या महत्व है।
6. प्यार भरा संवाद करें
बच्चों से प्यार से बात करने से उनकी जिद को कम करने में मदद मिल सकती है।
7. ध्यान की संभावना को समझें
यह जानें कि क्या आपके बच्चे का जिद्दी होना किसी अन्य कारण से है, और उसमें मदद करें।
8. उदाहरण पेश करें
बच्चों को देखकर सीखने का मौका दें। खुद भी शांत और संयमित रहने की कोशिश करें।
9. पेशेवर मदद लें
यदि स्थिति बिगड़ती है, तो पेशेवर साइकोलॉजिस्ट की मदद लेना जरूरी हो सकता है।
निष्कर्ष
जिद्दी बच्चे होना हर माता-पिता के लिए एक चुनौती है, लेकिन उचित समझ और तरीकों से इसे संभाला जा सकता है। ये उपाय न केवल बच्चों के व्यवहार को सुधारने में मदद करेंगे, बल्कि उनके विकास में भी सहायक साबित होंगे। याद रखें, हर बच्चे की विशेषता होती है, और हमें उन्हें समझने की कोशिश करनी चाहिए।
परवरिश के इस सफर में धैर्य और प्यार जरूरी हैं। माता-पिता का समर्पण ही बच्चों को सही दिशा में बढ़ने में मदद करता है।
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