10 साल में दोगुनी हुई भारत की इकोनॉमी:ये ग्रोथ दुनिया में सबसे तेज; दिसंबर तक जापान को पछाड़ दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होगी

भारत की अर्थव्यवस्था पिछले 10 सालों में दोगुनी हो गई है। अर्थव्यवस्था की ये ग्रोथ दुनिया में सबसे तेज है। इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी IMF के आंकड़ों के मुताबिक भारत की GDP बीते दशक में 105% बढ़ी है। वर्तमान में भारत की GDP 4.3 ट्रिलियन डॉलर है। जबकि 2015 में ये 2.1 ट्रिलियन डॉलर थी। IMF के अनुसार 2025 की तीसरी तिमाही तक अर्थव्यवस्था के मामले में भारत जापान को पीछे छोड़ कर दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। जापान की GDP अभी 4.4 ट्रिलियन डॉलर है। वहीं वृद्धि की वर्तमान दर बनी रही, तो भारत 2027 की दूसरी तिमाही तक जर्मनी (4.9 ट्रिलियन डॉलर GDP) को भी पीछे छोड़ देगा। 2032 तक 10 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी भारत की GDP ग्रोथ की रफ्तार यही रही, तो हर 1.5 साल में इकोनॉमी में 1 ट्रिलियन डॉलर जुड़ेगा। इससे 2032 तक भारत 10 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन सकता है। कॉमर्स मिनिस्टर पियूष गोयल ने कहा पीएम मोदी के कार्यकाल में भारत की 10 साल में जीडीपी दोगुना हुई है। अब भारत दुनिया की तीसरी बड़ी इकोनॉमी बनने जा रहा है। भारत ने दुनिया के दूसरी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को पीछे छोड़ते हुए, चीन (76%), अमेरिका (66%), जर्मनी (44%), फ्रांस (38%) और यूके (28%) की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। कर्ज के मामले में भारत मजबूत साइज के हिसाब से शीर्ष दो स्थान पर अमेरिका ($30.3 ट्रिलियन) और चीन ($19.5 ट्रिलियन) की अर्थव्यवस्था है। लेकिन कर्ज के मामले में भारत दोनों देशों से मजबूत स्थिति में है। मार्च 2025 तक अमेरिका का कर्ज 36.22 ट्रिलियन डॉलर है। वहीं चीन का कर्ज 2.52 ट्रिलियन डॉलर है। जबकि भारत पर 712 बिलियन डॉलर का कर्ज है। GDP क्या है? इकोनॉमी की हेल्थ को ट्रैक करने के लिए GDP का इस्तेमाल होता है। ये देश के भीतर एक तय समय में बनाए गए सभी गुड्स और सर्विस की वैल्यू को दिखाती है। इसमें देश की सीमा के अंदर रहकर जो विदेशी कंपनियां प्रोडक्शन करती हैं उन्हें भी शामिल किया जाता है। दो तरह की होती है GDP GDP दो तरह की होती है। रियल GDP और नॉमिनल GDP। रियल GDP में गुड्स और सर्विस की वैल्यू का कैलकुलेशन बेस ईयर की वैल्यू या स्टेबल प्राइस पर किया जाता है। फिलहाल GDP को कैलकुलेट करने के लिए बेस ईयर 2011-12 है। वहीं नॉमिनल GDP का कैलकुलेशन करंट प्राइस पर किया जाता है। कैसे कैलकुलेट की जाती है GDP? GDP को कैलकुलेट करने के लिए एक फॉर्मूले का इस्तेमाल किया जाता है। GDP=C+G+I+NX, यहां C का मतलब है प्राइवेट कंजम्प्शन, G का मतलब गवर्नमेंट स्पेंडिंग, I का मतलब इन्वेस्टमेंट और NX का मतलब नेट एक्सपोर्ट है। GDP की घट-बढ़ के लिए जिम्मेदार कौन है? GDP को घटाने या बढ़ाने के लिए चार इम्पॉर्टेंट इंजन होते हैं। पहला है, आप और हम। आप जितना खर्च करते हैं, वो हमारी इकोनॉमी में योगदान देता है। दूसरा है, प्राइवेट सेक्टर की बिजनेस ग्रोथ। ये GDP में 32% योगदान देती है। तीसरा है, सरकारी खर्च। इसका मतलब है गुड्स और सर्विसेस प्रोड्यूस करने में सरकार कितना खर्च कर रही है। इसका GDP में 11% योगदान है। और चौथा है, नेट डिमांड। इसके लिए भारत के कुल एक्सपोर्ट को कुल इम्पोर्ट से घटाया जाता है, क्योंकि भारत में एक्सपोर्ट के मुकाबले इम्पोर्ट ज्यादा है, इसलिए इसका इम्पैक्ट GPD पर निगेटिव ही पड़ता है।

Mar 26, 2025 - 16:34
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10 साल में दोगुनी हुई भारत की इकोनॉमी:ये ग्रोथ दुनिया में सबसे तेज; दिसंबर तक जापान को पछाड़ दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होगी

10 साल में दोगुनी हुई भारत की इकोनॉमी:ये ग्रोथ दुनिया में सबसे तेज; दिसंबर तक जापान को पछाड़ दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होगी

Kharchaa Pani

लेखिका: सुमन कश्यप, नेहा शर्मा - टीम नेतनागरी

भूमिका

भारत की अर्थव्यवस्था ने पिछले दशक में अभूतपूर्व प्रगति की है। 10 साल में इसका आकार दोगुना हो गया है, जो कि अब दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के कगार पर है। इस लेख में, हम इस शानदार वृद्धि के कारणों और इसके प्रभाव पर चर्चा करेंगे।

ग्रोथ का विश्लेषण

भारत का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 2012 में लगभग 1.8 ट्रिलियन डॉलर था, जो अब लगभग 3.6 ट्रिलियन डॉलर हो चुका है। यह वृद्धि कई कारकों के कारण संभव हुई है, जैसे:

  • उद्योगिक विकास
  • अधिक निवेश और स्टार्टअप इकोसिस्टम का विस्तार
  • सरकारी नीतियों का सकारात्मक प्रभाव

विकास के प्रमुख कारण

भारत की आर्थिक वृद्धि के पीछे कई कारण हैं। सबसे पहले, सरकार ने मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया जैसे कार्यक्रमों का सफल कार्यान्वयन किया है। इसके साथ ही अवसंरचना के विकास में भी तेजी आई है, जो व्यापार को बढ़ावा दे रहा है।

दुनिया में तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था

भारत, वर्तमान में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में एक है। विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुसार, भारत ने कोविड-19 महामारी के बावजूद अपनी विकास दर को बनाए रखा है। यह सफलताएं न केवल वर्तमान प्रधानमंत्री की नीतियों पर निर्भर हैं, बल्कि देश के युवा और प्रेरित जनसंख्या पर भी हैं, जो हर क्षेत्र में नवाचार ला रहे हैं।

जापान को पीछे छोड़ने की तैयारी

दिसंबर 2023 तक, भारत जापान को पीछे छोड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा और अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसका प्रभाव बढ़ाएगा।

निष्कर्ष

10 सालों में भारत की इकोनॉमी का दोगुना होना न केवल हमारे लिए गर्व का विषय है, बल्कि यह दर्शाता है कि हम किस प्रकार वैश्विक व्यवसाय में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। भारत तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था के रूप में खुद को स्थापित कर रहा है। हमें इसी तरह की विकासशील नीतियों को बनाए रखते हुए आगे बढ़ना होगा।

इस विषय पर और जानकारी के लिए, हमारे वेबसाइट पर जाएं: kharchaapani.com.

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