वक्फ संशोधन बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी, कानून बना:अब सरकार तय करेगी ये कब से लागू हो, इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 3 याचिकाएं
शनिवार देर शाम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वक्फ (संशोधन) बिल को मंजूरी दे दी। सरकार ने नए कानून को लेकर गजेट नोटिफिकेशन जारी किया। अब नए कानून को लागू करने की तारीख को लेकर केंद्र सरकार अलग से एक नोटिफिकेशन जारी करेगी। इस बिल (अब कानून) पर 2 और 3 अप्रैल को लोकसभा-राज्यसभा में 12-12 घंटे की चर्चा के बाद पास हुआ था। नए कानून को लेकर कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद, AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी और आप विधायक अमानतुल्लाह खान ने अलग-अलग याचिकाओं में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इन याचिकाओं में कहा गया है कि वक्फ संशोधन एक्ट मुस्लिम कम्यूनिटी के साथ भेदभाव करता है। यह एक्ट मुसलमानों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन भी करता है। इस पर केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने कहा कि इस कानून का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों में हो रहे पक्षपात, दुरुपयोग और अतिक्रमण को रोकना है। इस बिल (अब कानून) को राज्यसभा में 128 सदस्यों ने समर्थन दिया था, जबकि 95 ने इसका विरोध किया।वहीं लोकसभा में देर रात 2 अप्रैल को पारित हुआ था। इस दौरान 288 सांसदों ने समर्थन में और 232 ने विरोध में वोट डाला था। वक्फ संशोधन कानून का गजेट नोटिफिकेशन... वक्फ बिल के खिलाफ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का विरोध शनिवार शाम को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने वक्फ बिल के विरोध में दो पेज का लेटर जारी किया। AIMPLB ने कहा कि हम सभी धार्मिक, समुदाय-आधारित और सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर राष्ट्रव्यापी आंदोलन करेंगे। यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक कि संशोधन पूरी तरह से निरस्त नहीं हो जाते। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा- वक्फ संशोधन बिल इस्लामी मूल्यों, धर्म और शरीयत, धार्मिक और सांस्कृतिक स्वतंत्रता, सांप्रदायिक सद्भाव और भारतीय संविधान के आधारभूत ढांचे पर गंभीर हमला है। कुछ राजनीतिक दलों का भाजपा के सांप्रदायिक एजेंडे को दिए गए समर्थन ने उनके तथाकथित धर्मनिरपेक्ष मुखौटे को पूरी तरह से उजागर कर दिया है। वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में तीसरी याचिका शनिवार को AAP विधायक अमानतुल्लाह खान ने बिल के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई। इससे पहले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं लगाई गईं थीं। बिहार के किशनगंज से कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद और AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने यह याचिका लगाईं। राज्यसभा से गुरुवार को बिल पास होने के बाद कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा था कि कांग्रेस हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। तमिलनाडु की DMK ने भी याचिका लगाने की बात कही थी। वक्फ बिल पर विपक्ष के नेताओं ने क्या कहा? ***************************** वक्फ बिल से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... बिहार के राज्यपाल बोले- वक्फ संपत्तियां अल्लाह की, इस पर गैर-मुस्लिमों का भी हक बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने लोकसभा और राज्यसभा से पास हुए वक्फ संशोधन बिल का समर्थन किया है। उन्होंने कहा- वक्फ की संपत्तियां अल्लाह की मानी जाती हैं। इसका इस्तेमाल गरीबों, जरूरतमंदों और जनहित के लिए होना चाहिए। गैर मुस्लिमों का भी वक्फ की संपत्तियों में बराबर का हक है। पूरी खबर पढ़ें...

वक्फ संशोधन बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी, कानून बना: अब सरकार तय करेगी ये कब से लागू हो, इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 3 याचिकाएं
Kharchaa Pani
लेखिका: प्रियंका शर्मा, रिया तिवारी, टीम नेतानागरी
परिचय
हाल ही में, वक्फ संशोधन बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है, जिससे यह कानून का रूप ले चुका है। सरकार अब यह निर्धारित करेगी कि यह कानून कब से लागू होगा। इस बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिकाएं भी दायर की गई हैं। इस लेख में, हम इस सुधार के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे और इसके संभावित प्रभावों का मूल्यांकन करेंगे।
वक्फ संशोधन बिल का महत्व
वक्फ संशोधन बिल का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को सुधारना और उन्हें बेहतर तरीके से नियंत्रित करना है। इस कानून के लागू होने से वक्फ बोर्डों को अधिक स्वतंत्रता और अधिकार प्राप्त होंगे। यह कदम उधारी और अन्य वित्तीय मामलों में पारदर्शिता लाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
वक्फ संशोधन बिल के कानून बनने के बाद, इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में तीन प्रमुख याचिकाएं दायर की गई हैं। ये याचिकाएं इस बात की जांच करेंगी कि क्या यह कानून धर्म और अल्पसंख्यक अधिकारों का उल्लंघन करता है। वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में अपेक्षित सुधार के बावजूद, कई लोगों को इस कानून से चिंताएं हैं।
बिल के प्रमुख बिंदु
- वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने का प्रयास।
- वक्फ बोर्डों को अपने अधिकारों के अंतर्गत अधिक स्वतंत्रता दी जाएगी।
- सरकार द्वारा लागू होने वाली नई दिशानिर्देशों के अंतर्गत, वक्फ संपत्तियों की बिक्री और पट्टे में नया स्वरूप आएगा।
सरकार का कदम
सरकार अब यह निर्णय लेगी कि वक्फ संशोधन बिल कब से लागू होगा। इसके लागू होने से वक्फ संपत्तियों का स्वरूप और संपत्ति के निपटान की प्रक्रियाएं बदले जा सकती हैं। हालांकि इसके सकारात्मक प्रभाव के साथ, कुछ लोग इसके खिलाफ हैं और न्यायालय में जाने का निर्णय लिया है।
निष्कर्ष
वक्फ संशोधन बिल का कानून बनना एक महत्वपूर्ण कदम है, जो वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को बेहतर बनाने का प्रयास करता है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट में चल रही याचिकाएं इस बिल के भविष्य पर सवाल खड़े कर सकती हैं। इस कानून के सफल कार्यान्वयन और प्रभावी प्रबंधन के लिए सरकार और वक्फ बोर्डों को एकजुट होकर काम करना होगा।
इस बीच, दर्शकों को इस मुद्दे पर अधिक जानकारी पाने के लिए हमारी वेबसाइट पर जाने की सलाह दी जाती है। खर्चा पानी पर अधिक अपडेट के लिए अवश्य देखें।
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