रामनवमी आज, 2 मिनट में देखें पूरी रामायण:वनवास से लेकर रामराज्य तक जानिए रामकथा में कब क्या हुआ?

आज (6 अप्रैल) राम जन्मोत्सव यानी राम नवमी है। त्रेतायुग में राजा दशरथ ने संतान पाने की कामना से पुत्रेष्टि यज्ञ किया था। इस यज्ञ की वजह से चैत्र शुक्ल नवमी पर राम राजा दशरथ के पुत्र के रूप में प्रकट हुए। राम भगवान विष्णु के अवतार हैं। राम नवमी पर रामायण का पाठ करने की परंपरा है। पूरी रामायण का पाठ करना समय अभाव के कारण अधिकतर लोगों के लिए संभव नहीं है, ऐसे में जो लोग रामायण पाठ करना चाहते हैं, वे एक श्लोकी रामायण का पाठ करके भी पूरी रामायण के पाठ का पुण्य कमा सकते हैं। एक श्लोकी रामायण आदौ रामतपोवनादि गमनं हत्वा मृगं कांचनम्। वैदेही हरणं जटायु मरणं सुग्रीवसम्भाषणम्।। बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं लंकापुरीदाहनम्। पश्चाद्रावण कुम्भकर्णहननं एतद्धि रामायणम्।। इस श्लोक के अनुसार पढ़िए पूरी रामकथा... स्केच- संदीप पाल, ग्राफिक्स - कुणाल शर्मा

Apr 6, 2025 - 04:34
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रामनवमी आज, 2 मिनट में देखें पूरी रामायण:वनवास से लेकर रामराज्य तक जानिए रामकथा में कब क्या हुआ?

रामनवमी आज, 2 मिनट में देखें पूरी रामायण: वनवास से लेकर रामराज्य तक जानिए रामकथा में कब क्या हुआ?

Kharchaa Pani – आज रामनवमी का पावन पर्व है, जो भगवान श्रीराम के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। इस खास मौके पर हम आपको 2 मिनट में रामायण की संपूर्ण कथा से अवगत कराएँगे। चलिए जानते हैं कि वनवास से लेकर रामराज्य तक रामकथा में कब क्या हुआ।

रामायण की कथा का संक्षिप्त इतिहास

रामायण हिन्दू धर्म का एक प्रमुख महाकाव्य है, जिसे वाल्मीकि जी ने लिखा। इस श्रंखलाबद्ध कहानी में भगवान राम, सीता, हनुमान और रावण जैसे महान पात्रों के जीवन का वर्णन किया गया है। रामायण ने भारतीय संस्कृति, धर्म, और नैतिकता पर गहरा प्रभाव डाला है।

भगवान राम का जन्म

रामनवमी पर भगवान राम का जन्म त्रेतायुग में अयोध्या में राजा दशरथ और रानी कौशल्या के घर हुआ। भगवान राम को धर्म, सत्य और न्याय का प्रतीक माना जाता है। उनका जन्म सभी अयोध्यावासियों के लिए खुशी का कारण बना।

वनवास की घटना

भगवान राम को अपने पिता राजा दशरथ की मजबूरी के चलते 14 वर्षों के लिए वनवास जाना पड़ा। इस दौरान, उनकी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण भी उनके साथ गए। वनवास में बिताए गए समय में राम ने अनेक चुनौतियों का सामना किया और राक्षसों से युद्ध किया।

सीता हरण और रावण का वध

वनवास के दौरान रावण ने सीता का हरण किया, जिसके बाद भगवान राम और हनुमान जी ने मिलकर रावण का वध करने का निश्चय किया। यह युद्ध रामायण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें राम ने अपनी वीरता और धैर्य का परिचय दिया।

रामराज्य की स्थापना

रावण का वध करने के बाद, भगवान राम अयोध्या लौटे। उनके स्वागत के लिए पूरे अयोध्या में दीप जलाए गए। उनकी रानी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ मिलकर रामराज्य की स्थापना की, जो कि धर्म और न्याय का प्रतीक बना। रामराज्य ने सही मायने में एक आदर्श राज्य का रूप धारण किया।

निष्कर्ष

रामनवमी का पर्व हमें भगवान राम की शिक्षाओं को अपनाने और अपने जीवन में धर्म, सत्य और न्याय का पालन करने की प्रेरणा देता है। ये सभी घटनाएँ न केवल हमारे धार्मिक विश्वासों को मजबूत करती हैं, बल्कि हमें अपने दैनिक जीवन में अच्छे मार्ग पर चलने के लिए भी प्रोत्साहित करती हैं।

इस रामनवमी पर हम सभी को भगवान राम से प्रेरणा लेकर अपने जीवन को सच्चाई और धर्म से संवारने का प्रयास करना चाहिए।

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