उत्तराखंड में एवलांच- 24 घंटे से 22 मजदूर फंसे:घटनास्थल पर 7 फीट बर्फ जमी; सेना का Mi-17 हेलिकॉप्टर स्टैंड बाय पर
उत्तराखंड के चमोली में एवलांच को आए 24 घंटे बीत गए। एवलांच शुक्रवार सुबह 7 बजे के करीब आया था। बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) प्रोजेक्ट में कुल 57 लोग काम कर रहे थे, जिसमें से दो लोग छुट्टी पर थे। एवलांच में 55 लोग चपेट में आए, जिसमें से 33 लोगों को निकाल लिया गया है। 22 अभी भी फंसे हुए हैं। सेना, ITBP, BRO, SDRF और NDRF की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन कर रही है। मौसम चुनौती बना हुआ है। एयर एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं हो पाई। हेलीकॉप्टर भी नहीं उड़ पा रहा है। सेना का Mi-17 हेलिकॉप्टर स्टैंड बाय पर है। जैसे ही मौसम ठीक होता हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन तेज हो जाएगा। यह घटना बद्रीनाथ से 3 किलोमीटर दूर चमोली के माणा गांव में हुई है। मजदूर 3200 मीटर से ज्यादा की ऊंचाई पर 6 फीट तक जमी बर्फ में फंसे है। हादसे के दौरान सभी मजदूर 8 कंटेनर और एक शेड में मौजूद थे। रेस्क्यू ऑपरेशन की 8 तस्वीरें... जम्मू-कश्मीर, लद्दाख में परीक्षाएं रद्द जम्मू-कश्मीर में भी तीन दिनों से बारिश और बर्फबारी हो रही है। उधमपुर जिले के मौंगरी के पास शुक्रवार तड़के पहाड़ी से पत्थर गिरने से मां-बेटे की मौत हो गई। कठुआ जिले के राजबाग इलाके में उझ नदी से 11 और निकी तवी इलाके से 1 शख्स को बचाया। बर्फबारी और लैंडस्लाइड की वजह से जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे सहित कई सड़कें बंद हो गई हैं। गुलमर्ग, सोनमर्ग और पहलगाम जैसे पर्यटक स्थलों सहित घाटी के ऊंचे इलाकों में मध्यम से भारी बर्फबारी हुई। खराब मौसम के कारण ट्रेन और फ्लाइट भी प्रभावित हुई हैं। उत्तराखंड के गंगोत्री में 4 फीट तक बर्फबारी हुई है। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के हार्ड जोन वाले इलाके में मौसम खराब है। बारिश और बर्फबारी दोनों जारी हैं। इस कारण 10वीं, 11वीं और 12वीं की 1 और 3 मार्च को होने वाली परीक्षाएं रद्द की गई हैं। अब ये एग्जाम 24 और 25 मार्च को कराया जाएगा।

उत्तराखंड में एवलांच- 24 घंटे से 22 मजदूर फंसे: घटनास्थल पर 7 फीट बर्फ जमी; सेना का Mi-17 हेलिकॉप्टर स्टैंड बाय पर
Kharchaa Pani
लेखिका: सुमन वर्मा, टीम नेटानागरी
उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में आई एक भयंकर एवलांच ने 22 मजदूरों को 24 घंटे से अधिक समय से फंसा रखा है। घटनास्थल पर 7 फीट बर्फ जमी हुई है, जिससे राहत कार्य में बाधा आ रही है। इस स्थिति का मुकाबला करने के लिए भारतीय सेना का Mi-17 हेलिकॉप्टर स्टैंड बाय पर रखा गया है। यह घटना लोगों के लिए चिंता का विषय बन गई है और सबकी निगाहें इस दिशा में टिकी हुई हैं।
क्या हुआ घटनास्थल पर?
रविवार सुबह उत्तराखंड के उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में अचानक आई हुए एवलांच ने मजदूरों के एक समूह को अपनी चपेट में ले लिया। ये मजदूर एक निर्माण कार्य में लगे हुए थे। घटना के समय बर्फबारी की तीव्रता इतनी थी कि मजदूर फंस गए। प्रभावित क्षेत्र में भारी मात्रा में बर्फ जम गई है, जिससे राहत और बचाव कार्य में दिक्कत आ रही है।
राहत कार्य की चुनौतियाँ
सेना के अधिकारीयों का कहना है कि मौसम के कारण राहत कार्य को व्यवस्थित करने में कठिनाई आ रही है। हालांकि, सेना के Mi-17 हेलिकॉप्टर को तैनात करने की तैयारी की गई है। अगर मौसम ठीक रहा तो हेलिकॉप्टर जल्द ही राहत सामग्री और आवश्यक उपकरण भेज सकता है। अधिकारियों का कहना है कि वे स्थिति को नियमित अंतराल पर देख रहे हैं और सभी प्रकार के आवश्यक उपकरणों और संसाधनों का उपयोग किया जाएगा।
स्थानीय प्रशासन की भूमिका
स्थानीय प्रशासन ने आपातकालीन प्रतिक्रिया टीमों को तैनात किया है। टीमें लगातार स्थिति की निगरानी कर रही हैं। स्थानीय लोग भी राहत कार्य में प्रशासन की मदद कर रहे हैं। बचाव कार्य के लिए सभी आवश्यक तकनीकी सहायता प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि फंसे हुए मजदूरों को जल्दी से जल्दी सुरक्षित निकाला जा सके।
निष्कर्ष
उत्तराखंड में आई इस एवलांच ने न केवल मजदूरों की जान को खतरे में डाल दिया है, बल्कि यह एक बड़ा सुरक्षा प्रश्न भी खड़ा करती है। हमारी प्राथमिकता इन फंसे हुए मजदूरों तक जल्दी से जल्दी पहुंचना होनी चाहिए। सभी संबंधित एजेंसियों और प्रशासन को चाहिए कि वे मिलकर इस संकट का समाधान निकालें।
समाचार में बताए गए आंकड़ों और स्थितियों को देखते हुए, हमारा अनुरोध है कि आप सभी बचाव कार्य में सहयोग करें। फंसे हुए मजदूरों के परिजनों और स्थानीय लोगों की परेशानियों को समझते हुए, हम सभी को मिलकर इस संकट का सामना करना चाहिए।
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