राजनीति की प्राथमिक पाठशाला बना उत्तराखंड का पंचायत चुनाव, युवा प्रत्याशियों का बोलबाला

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Jul 18, 2025 - 00:34
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राजनीति की प्राथमिक पाठशाला बना उत्तराखंड का पंचायत चुनाव, युवा प्रत्याशियों का बोलबाला
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राजनीति की प्राथमिक पाठशाला बना उत्तराखंड का पंचायत चुनाव, युवा प्रत्याशियों का बोलबाला

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राज्य का त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव युवाओं के लिए राजनीति की प्राथमिक पाठशाला बन गया है। इस चुनाव में युवा प्रत्याशियों की सक्रियता ने एक नई पहचान बनाई है। पंचायत चुनावों में युवा मतदाता और उम्मीदवार के रूप में देखे जा रहे हैं, जिससे राजनीतियों की परंपरागत धारणा को चुनौती मिल रही है।

छात्र राजनीति से पंचायत की ओर

उत्तराखंड की पंचायत चुनावी प्रक्रिया में युवा नेता अपनी भूमिका को निभाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं। डीएवी कॉलेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सिद्धार्थ राणा क्षेत्र पंचायत रौंदेली से चुनाव लड़ रहे हैं। उनका कहना है कि राजनीति में अनुभव हासिल करने के बाद, वे अब गांव में काम करना चाहते हैं। पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष प्रेमचंद नौटियाल भी इस मोर्चे पर सक्षमता दिखाने शहर में अपनी पहचान बना चुके हैं।

चार पूर्व छात्रसंघ अध्यक्षों ने चुनौतियों का सामना करते हुए राजनीतिक पंक्ति में प्रवेश किया है। जैसे श्याम सिंह चौहान, जो जिला पंचायत रायगी से चुनाव लड़ रहे हैं, उनका सपना क्षेत्र के विकास के लिए नई ऊचाइयों को छुने का है। इसी तरह, अन्य युवा नेता जैसे प्रमेश रावत और अंकिता पाल अपनी-अपनी क्षेत्र के विकास के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।

विकास का चौका: युवा प्रत्याशियों का सपना

युवा प्रत्याशी केवल पद प्राप्ति के लिए नहीं बल्कि अपने गांवों में विकास की नई लहर लाने का सपना देख रहे हैं। उनका एकमत है कि सरकारी योजनाओं को गांव-गांव तक पहुंचाकर विकास की दिशा में ठोस कदम उठाएंगे। उनकी प्राथमिकताएँ हैं: अस्पताल, बरातघर, शमशान घाट, दिव्यांगों की पेंशन और खेल के मैदान का निर्माण।

इस बार ये युवा ही नहीं, बल्कि बुजुर्ग भी सक्रियता से उनके साथ जुड़कर अपने अनुभवों का साझा करेंगे। इस चुनाव के माध्यम से युवा अपने गांवों में सकारात्मक बदलाव लाने की बात कर रहे हैं।

नवीनता की चेतना, लोकतंत्र का उत्साह

उत्तराखंड का पंचायत चुनाव अब केवल एक राजनीतिक प्रक्रियाओं का हिस्सा नहीं रह गया है, बल्कि यह नवाचार और लोकतांत्रिक भागीदारी का उत्सव बन चुका है। लोकतंत्र में प्रत्येक नागरिक की भूमिका महत्वपूर्ण होती है, और इस बार युवा मतदाताओं की भागीदारी ने इसे साबित कर दिया है।

युवाओं के अगुवाई में यह चुनाव न केवल राजनीतिक परिदृश्य को बदलने जा रहा है, बल्कि यह राजनीतिक योगदान करने वाले नये चेहरों के लिए एक मंच भी तैयार कर रहा है। वे स्पष्ट रूप से दिखा रहे हैं कि वे राजनीति में अपनी सक्रियता से बदलाव लाने के लिए तैयार हैं।

इस तरह, उत्तराखंड की पंचायत चुनाव एक नई दिशा की ओर बढ़ रहा है, जहाँ युवा उम्मीदें और विकास की नई किरणें लेकर आ रहे हैं। ग्रामीण समाज में इस बदलाव का स्वागत किया जा रहा है और यह एक नई कहानी की शुरुआत है।

टीम खर्चापानी द्वारा लिखित

Keywords:

panchayat elections, Uttarakhand politics, youth candidates, grassroots democracy, rural development, student politics, electoral participation

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