बेलगावी में बस कंडक्टर से मारपीट मामला:कन्नड़ संगठनों ने आज कर्नाटक बंद बुलाया; मराठी में बात नहीं करने पर की गई थी मारपीट
कर्नाटक के बेलगावी में 21 फरवरी को मराठी में बात नहीं करने पर कर्नाटक रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (KRTC) के बस कंडक्टर को लोगों ने पीट दिया था। जिसके बाद कन्नड़ और मराठी भाषी लोगों के बीच लगातार विवाद चल रहा है। इस घटना के विरोध में आज (22 मार्च) कर्नाटक बंद बुलाया गया है। ये बंद कन्नड़ चलावली वातल पक्ष के फाउंडर और पूर्व विधायक वातल नागराज और कई कन्नड़ संगठनों ने संयुक्त रूप से बुलाया है। बंद सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक रहेगा। कन्नड़ चलावली वातल पक्ष ने दावा किया है कि इस दौरान ऑटो, टैक्सी और निजी बस सेवाएं बंद रहेगी। हालांकि राज्य परिवहन KSRTC और BMTC की बसें सामान्य रूप से चलेंगी। आवश्यक सेवाएं जैसे अस्पताल, दवा दुकानें, एंबुलेंस, पेट्रोल पंप और मेट्रो सेवाएं भी जारी रहेगी। पूरा मामला फ्री टिकट से जुड़ा कर्नाटक के महाराष्ट्र बॉर्डर से लगे बेलगावी में 21 फरवरी को कर्नाटक रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (KRTC) के बस कंडक्टर के मराठी में बात नहीं करने पर लोगों ने उसकी पिटाई की थी। पूरा मामला फ्री टिकट से जुड़ा था। कर्नाटक में महिलाओं की बस टिकट मुफ्त रहती है। एक पुरुष पैसेंजर फ्री टिकट मांग रहा था। मना करने पर बोला कि मराठी में बोलो, जबकि बस कंडक्टर ने बताया कि, उसे कन्नड़ आती है। जिससे विवाद बढ़ गया। बस कंडक्टर की पिटाई के आरोप में पुलिस ने 5 लड़कों को हिरासत में लिया। वहीं बस में बैठी लड़की ने कंडक्टर के खिलाफ सेक्शुअल हैरेसमेंट की शिकायत दर्ज करवाई। लड़की नाबालिग है, इसलिए पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया। महाराष्ट्र-कर्नाटक ने बसें रोकीं, ड्राइवरों की पिटाई इस घटना के बाद कर्नाटक ने बेलगावी से महाराष्ट्र को जाने वाली बसें बंद कर दीं। बसें बॉर्डर से लौटने लगीं। महाराष्ट्र ने भी राज्य परिवहन निगम की बसों को कर्नाटक जाने से रोक दिया। महाराष्ट्र में शिवसेना (उद्धव गुट) के समर्थकों ने कोल्हापुर में कर्नाटक की बस पर कालिख पोत दी और पार्टी के झंडे लगा दिए। पॉक्सो केस में शिकायत करने वाली लड़की ने केस वापस लिया बेलगावी के पुलिस कमिश्नर इआदा मार्टिन दैनिक भास्कर को बताया -कंडक्टर की पिटाई के मामले में पुलिस ने जांच शुरू की और 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पॉक्सो केस में शिकायत करने वाली लड़की ने केस वापस ले लिया है। उसकी फैमिली ने वीडियो जारी कर कहा कि ऐसा कुछ नहीं हुआ था और हम केस वापस लेना चाहते हैं।’ पीड़ित बोला- बस रुकते ही 6-7 लोग आए और पीटने लगे बस कंडक्टर महादेव हुक्केरी ने बताया कि, मैं जब टिकट काट रहा तभी बस में एक महिला और एक पुरुष बैठे थे। पुरुष के साथ बैठी महिला ने मुफ्त में दो टिकट मांगी, मैंने उसे एक दे दिया और पूछा आप दूसरी टिकट किसके लिए चाहते हैं। महिला ने पुरुष की ओर इशारा किया। मगर मैंने यह बताया कि कर्नाटक में पुरुषों के लिए बस में मुफ्त सफर की सुविधा नहीं है तो उन्होंने मुझसे मराठी में बात करने को कहा। मैंने कहा कि मुझे मराठी नहीं आती है। मैंने उनसे कन्नड़ में बात करने को कहा। इतने पर ही बस में सवार 6-7 लोगों ने हमला कर दिया। बस के रुकते ही वहां लगभग 50 लोग और पहुंच गए। इस मारपीट में बस कंडक्टर को चोटें आईं हैं। बेलगांव या बेलगावी, नाम से शुरू हो गया भाषा का विवाद बेलगावी कर्नाटक के उत्तर में महाराष्ट्र की सीमा से लगा जिला है। पहले इसका नाम बेलगांव था। मराठी में जगह के नाम के आगे गांव लगाया जाता है यानी बेलगांव मराठी नाम है। 1 नवंबर, 2014 को कर्नाटक सरकार ने बेलगांव का नाम बदलकर बेलगावी कर दिया। ये कन्नड़ नाम है। केंद्र सरकार ने भी इसकी परमिशन दे दी। तब केंद्र में BJP और कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार थी। अभी मराठी बोलने वाले इस जिले को बेलगांव और कन्नड़ बोलने वाले बेलगावी कहते हैं। बेलगावी कर्नाटक का दूसरा सबसे बड़ा जिला, तीन भाषाएं बोलते हैं लोग बेंगलुरु के बाद बेलगावी कर्नाटक का दूसरा सबसे बड़ा जिला है। यही वजह है कि कर्नाटक और महाराष्ट्र दोनों ही इस शहर को छोड़ना या बांटना नहीं चाहते। पश्चिमी घाट पर बसा बेलगावी बेहद खूबसूरत और साफ शहर है। कर्नाटक सरकार ने इसे दूसरी राजधानी बनाया है। बेलगावी में लोग तीन भाषाएं कन्नड़, मराठी, हिंदी बोल और समझ लेते हैं। मराठी बहुल टाउन निप्पानी के देवचंद कॉलेज की मेन बिल्डिंग महाराष्ट्र में है, लेकिन इसी कॉलेज का गार्डन कर्नाटक में आता है। ------------------------------------------------------ बेलगावी विवाद से जुड़ी ये ग्राउंड रिपोर्ट भी पढ़े....... बस कंडक्टर की पिटाई से भड़का भाषा विवाद:बेलगावी में फ्री टिकट से शुरू हुआ झगड़ा, मराठी और कन्नड़ भाषियों के बीच तनाव कर्नाटक के बेलगावी की सीमा में दाखिल होने के करीब 8 किमी बाद तुरमुरी गांव है। गांव में घुसते ही छत्रपति शिवाजी महाराज का स्टैच्यू दिखता है। यहीं सड़क किनारे ‘महाराष्ट्र एकीकरण समिति का बोर्ड लगा है। इस पर मराठी भाषा के गर्व पर कविता लिखी है। इसी के बगल में एक और बोर्ड है, जिस पर लिखा है कर्नाटक दलित संघर्ष समिति तुरमुरी। बेलगावी जिला महाराष्ट्र और कर्नाटक की इसी लड़ाई में बीते 6 दशकों से उलझा है। विवाद की सबसे बड़ी वजह कन्नड़ Vs मराठी भाषा है। पूरी खबर पढ़ें...

बेलगावी में बस कंडक्टर से मारपीट मामला: कन्नड़ संगठनों ने आज कर्नाटक बंद बुलाया
Kharchaa Pani
लेखिका: सुमन देवी एवं टीम नेतानगरी
परिचय
बेलगावी में हाल ही में एक बस कंडक्टर के साथ हुई मारपीट की घटना ने सुर्खियाँ बटोरी हैं। कन्नड़ संगठनों ने इस घटना का विरोध करते हुए आज कर्नाटक बंद का ऐलान किया है। यह मामला तब सामने आया जब कंडक्टर पर मराठी में बात करने के कारण हमला किया गया। यह मुद्दा समाज में भाषाई विवाद और आपसी सौहार्द पर गंभीर सवाल उठाता है।
घटना का विवरण
रविवार को बेलगावी में एक स्थानीय बस में कंडक्टर ने एक यात्री से मराठी में बात की, जिससे कुछ कन्नड़ सामान विचार वाले यात्रियों ने अपनी नाराजगी दिखाई। इसके बाद, गुस्से में आए यात्रियों ने कंडक्टर को जमकर पीटा। इस घटना के बाद कंडक्टर को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, जहां उसका इलाज चल रहा है।
कन्नड़ संगठनों का विरोध
इस घटना के बाद कन्नड़ संगठनों ने आवाज उठाई और इसे कर्नाटक की संस्कृति और भाषा के प्रति अपमान बताया। उन्होंने सरकार से तत्काल कार्रवाई करने की मांग की। उनके अनुसार, भाषा के आधार पर इस तरह की हिंसा अस्वीकार्य है। किन्नड़ संगठनों ने कहा है कि आज का कर्नाटक बंद इसी विरोध का हिस्सा है, जिससे वे अपनी आवाज बुलंद करना चाहते हैं।
राजनीतिक प्रभाव और प्रतिक्रियाएँ
इस घटना ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है। कई नेताओं ने इस घटना की निंदा की है, जबकि कुछ ने इसे चुनावी गोलबंदी का हिस्सा बताया। कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने इस मामले की गंभीरता को लिया है और स्थितियों को नियंत्रण में लाने के लिए दिशा निर्देश दिए हैं।
समाज पर प्रभाव
इस तरह की घटनाएँ समाज में एकता और भाईचारे के लिए खतरा बन सकती हैं। विभिन्न भाषाएँ और संस्कृतियों के बीच सामंजस्य बनाए रखना आज की जरूरत है। ऐसे मामलों को सुलझाने के लिए संवाद और समझ की आवश्यकता है। कर्नाटक में भाषाई विविधता को पहचानना और उसे सम्मानित करना बेहद महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष
बेलगावी में हुई मारपीट की घटना स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि आज के समाज में संवाद और सहिष्णुता की कितनी आवश्यकता है। कन्नड़ संगठनों का बंद बुलाना एक चेतावनी है कि इस तरह की हिंसा को अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हमें आपस में मिलजुलकर रहना चाहिए और एक-दूसरे की भाषाएँ और संस्कृतियों का सम्मान करना चाहिए।
Keywords
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