नागपुर हिंसा- मुख्य आरोपी फहीम के घर बुलडोजर चला:500 दंगाइयों को भड़काने का आरोप, देशद्रोह का केस; औरंगजेब की कब्र पर था विवाद
औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर हुई नागपुर हिंसा के मुख्य आरोपी फहीम खान के घर पर सोमवार को बुल्डोजर चलाया गया। नागपुर नगर निगम ने उसे खुद से अवैध निर्माण हटाने के लिए 24 घंटे का समय दिया था, जो आज पूरा हो गया। नागपुर के संजय बाग कॉलोनी, यशोधरा नगर में स्थित यह मकान फहीम खान की पत्नी के नाम पर है। नगर निगम ने बिल्डिंग प्लान अप्रूवल में गड़बड़ी को लेकर नोटिस जारी किया था। दरअसल, औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर हुई हिंसा के मामले में मास्टरमाइंड फहीम समेत 6 आरोपियों के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज हुआ है। फहीम पर 500 से ज्यादा दंगाइयों को इकट्ठा करने और हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप है। फिलहाल फहीम पुलिस हिरासत में हैं। इससे पहले 21 मार्च को फहीम खान ने जमानत के लिए सेशंस कोर्ट में याचिका लगाई थी। फहीम ने दावा किया कि उसे राजनीतिक प्रतिशोध के चलते गिरफ्तार किया गया है, क्योंकि उसने विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। माइनॉरिटीज डेमोक्रेटिक पार्टी के शहर अध्यक्ष फहीम खान को दंगा और आगजनी की घटनाओं के दो दिन बाद 19 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। फडणवीस ने कहा था- जरूरत पड़ी तो बुलडोजर भी चलाएंगे हिंसा के पांचवें दिन शनिवार को CM देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा-हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई दंगाइयों की संपत्ति बेचकर वसूली जाएगी। जरूरत पड़ी तो बुलडोजर भी चलाया जाएगा। उन्होंने कहा- पीड़ितों को जल्द ही नुकसान की भरपाई की जाएगी। जिन्होंने पुलिस पर हमला किया, उनके खिलाफ कठोर से कठोर धाराएं लगाई जाएंगी। उन्होंने विपक्ष के आरोप पर कहा कि हिंसा इंटेलिजेंस फेल्योर या राजनीतिक साजिश नहीं थी। फडणवीस ने बताया कि लेडी कॉन्स्टेबल के साथ छेड़छाड़ की खबर सच नहीं है। उन पर पत्थर जरूर फेंके गए थे। हिंसा का कनेक्शन बांग्लादेश से होने के शिवसेना के दावे पर उन्होंने कहा कि यह कहना जल्दबाजी होगी। हालांकि, इस एंगल से भी जांच की जा रही है। रविवार को नागपुर से कर्फ्यू हटाया गया इससे पहले नागपुर में हिंसा के छह दिन बाद रविवार को शहर में पूरी तरह से कर्फ्यू हटा लिया गया है। पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंघल ने रविवार को दोपहर 3 बजे से बाकी बचे कोतवाली, तहसील, गणेशपेठ और यशोधरा नगर पुलिस थाना इलाकों से कर्फ्यू हटाने का आदेश दिया। हालांकि, संवेदनशील इलाकों में पुलिस तैनाती के साथ गश्त जारी रहेगी। इससे पहले 22 मार्च को पचपावली, शांतिनगर, लकड़गंज, सक्करदरा और इमामवाड़ा, जबकि 20 मार्च को नंदनवन और कपिल नगर पुलिस थाना क्षेत्रों कर्फ्यू हटा लिया गया था। छत्रपति संभाजीनगर (औरंगाबाद) से औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने 17 मार्च को पूरे महाराष्ट्र में प्रदर्शन किया था। इस दौरान नागपुर में हरे रंग का कपड़ा जलाया गया। इस लेकर विवाद हो गया, जिसने बाद में हिंसा का रूप ले लिया। दूसरे पक्ष ने आरोप लगाया कि प्रदर्शन में हरे रंग की चादर जलाई गई, जिस पर कुरान की आयतें लिखी हुई थीं। हिंसा भड़कने के बाद शहर के 11 पुलिस थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया था। हिंसा में डिप्टी पुलिस कमिश्नर स्तर के तीन अधिकारियों समेत 33 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। अजित बोले-मुस्लिमों को आंख दिखाने वाले को बख्शेंगे नहीं डिप्टी CM अजित पवार ने कहा- जो भी मुस्लिम भाइयों को आंख दिखाएगा, दो समूहों के बीच संघर्ष भड़काकर कानून व्यवस्था को बाधित करेगा और कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश करेगा। वह चाहे कोई भी हो, उसे किसी भी हालत में बख्शा या माफ नहीं किया जाएगा। पवार का बयान पार्टी की ओर से मुंबई के इस्लाम जिमखाना में 21 मार्च को दी गई इफ्तार पार्टी के दौरान आया। औरंगजेब विवाद की टाइमलाइन... 3 मार्च को सपा विधायक बोले- औरंगजेब क्रूर शासक नहीं पूरा विवाद महाराष्ट्र के सपा विधायक अबू आजमी के बयान से शुरू हुआ। उन्होंने 3 मार्च को कहा- हमें गलत इतिहास दिखाया जा रहा है। औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए हैं। मैं उसे क्रूर शासक नहीं मानता। अगर कोई कहता है कि यह लड़ाई हिंदू-मुसलमान को लेकर थी, तो मैं इस पर विश्वास नहीं करता। आरोप लगे कि आजमी ने शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज पर अपमानजनक टिप्पणी की। विवाद बढ़ने पर आजमी ने 4 मार्च को अपना बयान वापस ले लिया। उन्होंने कहा- 'मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है। फिर भी मेरी बात से कोई आहत हुआ है तो मैं अपना स्टेटमेंट वापस लेता हूं।' आजमी पूरे बजट सत्र के लिए सस्पेंड महाराष्ट्र विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है। अबू आजमी के बाद उन्हें पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा के अंदर उनके बयान की निंदा की। डिप्टी CM एकनाथ शिंदे ने कहा कि आजमी पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए। मामला यहीं नहीं रुका उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी UP विधानसभा में बजट सत्र के दौरान आजमी के बयान की आलोचना की उन्होंने कहा- भारत की आस्था को रौंदने वाले का महिमामंडन करने वाले सदस्य को सपा से बाहर निकाल देना चाहिए। उसे (अबू आजमी) यहां बुलाइए। UP ऐसे लोगों का उपचार करने में देर नहीं करता। औरंगजेब की कब्र ढहाने की मांग, CM फडणवीस का समर्थन बढ़ते विवाद के बीच छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज और सातारा से भाजपा सांसद उदयनराजे भोंसले ने औरंगजेब की कब्र को ढहाने की मांग की। उन्होंने कहा- एक JCB मशीन भेजकर उसकी (औरंगजेब) कब्र को गिरा दो, वह एक चोर और लुटेरा था। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस मांग का समर्थन किया। तेलंगाना के भाजपा विधायक टी राजा सिंह ने भी कब्र हटाने की मांग की। उन्होंने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को चिट्ठी लिखकर कब्र के रखरखाव पर खर्च का विवरण मांगा। राजा ने कहा- हमारी संस्कृति का दमन करने वाले की कब्र पर करदाताओं का एक भी रुपया खर्च नहीं किया जाना चाहिए। 1707 में बनी थी औरंगजेब की कब्र मुगल सम्राट औरंगजेब की कब्र छत्

नागपुर हिंसा: मुख्य आरोपी फहीम के घर बुलडोजर चला
लंबे समय से जारी नागपुर में सांप्रदायिक तनाव अब नए विवादों में उलझ गया है। हाल ही में, फहीम नामक व्यक्ति को हिंसा के मुख्य आरोपी के रूप में पहचानने के बाद प्रशासन ने उसके घर पर बुलडोजर चला दिया है। प्रशासन का कहना है कि फहीम पर 500 दंगाइयों को भड़काने का आरोप है और उसके खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज किया गया है।
मुख्य घटना
नागपुर में जुड़ी इस हिंसा की शुरुआत तब हुई जब एक विवादित धार्मिक स्थल, औरंगजेब की कब्र, को लेकर अलग-अलग समुदायों के बीच गरमा गरमी बढ़ गई। इस विवाद में कथित रूप से फहीम का हाथ था, जिसने सद्भावना को तोड़ दिया। प्रशासन ने एक्शन लेते हुए, न केवल फहीम के खिलाफ कठोर कदम उठाए, बल्कि दंगाइयों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की गई है।
फहीम के खिलाफ आरोप
फहीम पर आरोप है कि उसने समुदाय में असामंजस्य पैदा किया और इसके परिणामस्वरूप दंगे भड़क उठे। स्थानीय पुलिस ने कहा कि आरोपी के खिलाफ सबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं और समझा जा रहा है कि उसका यह कदम एक बड़ी साजिश का हिस्सा हो सकता है। आगे की जांच में यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा कि कहीं और भी ऐसी गतिविधियाँ न हों।
प्रशासन की कार्रवाई
नागपुर प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए फहीम के घर पर बुलडोजर चलाने का निर्णय लिया। यह कदम दंगाई गतिविधियों को रोकने и मज़बूती से कानून का पालन सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। स्थानीय प्रशासन ने यह भी कहा है कि इस तरह की घटनाएं आगे न हों, इसके लिए वे सजग रहेंगे।
समाज में प्रतिक्रियाएं
इस घटना को लेकर स्थानीय नागरिकों में मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिली है। कुछ लोग प्रशासन की कार्रवाई का समर्थन कर रहे हैं, जबकि कुछ इसे प्रशासन की तानाशाही बता रहे हैं। विभिन्न समुदायों के नेता इसे एक गंभीर मुद्दा मानते हैं और समझौते की आवश्यकता पर जोर दे रहे हैं।
निष्कर्ष
नागपुर हिंसा की यह घटना न केवल स्थानीय समुदाय पर प्रभाव डाल रही है, बल्कि यह पूरे देश में सांप्रदायिक सौहार्द को भी चुनौती देती है। प्रशासन की कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि वे देश में शांति बनाना चाहते हैं और किसी भी तरह की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। फहीम के केस के अंतर्गत कार्रवाई में आगे क्या परिणाम निकलेंगे, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।
इसके अलावा, इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए समाज को एकजुट होकर काम करना होगा। सभी समाजों के नेताओं को यह समझना होगा कि आपसी समझदारी और भाईचारे से ही हम एक खुशहाल समाज का निर्माण कर सकते हैं।
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