अमेरिका की यूक्रेन से पावर प्लांट्स की सुरक्षा पर बातचीत:अपने कंट्रोल में लेना चाहता है अमेरिका; आज रूस के साथ बैठक करेंगे अमेरिकी अधिकारी

अमेरिका और यूक्रेन के अधिकारियों ने रविवार को पावर प्लांट्स की सुरक्षा से जुड़े प्रस्तावों पर चर्चा की। यह बैठक सऊदी अरब में हुई। अमेरिका यूक्रेन को पहले ही प्रस्ताव दे चुका है कि वह पावर प्लांट्स (ऊर्जा ठिकाने) की सुरक्षा के लिए उन्हें अमेरिका को सौंप दे। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने टीवी पर दिए एक बयान में बताया कि बातचीत काफी उपयोगी रही। यूक्रेन के रक्षामंत्री रुसतेम उमेरोव के मुताबिक इस बातचीत का मकसद जल्द शांति और सुरक्षा को मजबूत करना है। रविवार को इस सब पर तकनीकी बातचीत हुई। वहीं जेलेंस्की ने अपने सहयोगी देशों खासतौर पर अमेरिका से पुतिन को हमले रोकने के लिए आदेश देने के लिए कहा। आज अमेरिका और रूस के बीच बैठक यूक्रेन जंग के मुद्दे पर आज अमेरिका और रूस के अधिकारियों के बीच बैठक होगी। इस बैठक में ब्लेक सी (काला सागर) में जहाजों की सुरक्षा के मुद्दे पर बात होगी। अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकोफ ने रविवार को इसकी जानकारी दी। इससे पहले पिछले हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ बातचीत की थी। इस दौरान ट्रम्प ने दोनों नेताओं से एक-दूसरे के ऊर्जा ठिकानों पर हमले न करने के लिए कहा था। हालांकि इस बातचीत में स्पष्टता की कमी की वजह से यह समझौता लागू नहीं हो पाया। इस दौरान दोनों देशों ने एक-दूसरे के ऊर्जा ठिकानों पर हमले भी किए। यूक्रेन जंग पर रूस और अमेरिका 2 महीनों में 4 बार बातचीत कर चुके 12 फरवरी: ट्रम्प और पुतिन ने फोन पर बात की। 27 फरवरी: इस्तांबुल में अमेरिकी और रूसी डिप्लोमैट्स की बैठक। 13 मार्च: ट्रम्प के विशेष प्रतिनिधि स्टीव विटकॉफ की पुतिन से मुलाकात। 18 मार्च: ट्रम्प और पुतिन ने सीजफायर पर 90 मिनट बात की। सैनिकों की अदला-बदली कर चुके हैं रूस-यूक्रेन पिछले 2 महीनों से सीजफायर को लेकर जारी बातचीत के दौरान रूस-यूक्रेन ने पिछले हफ्ते एक-दूसरे की कैद में मौजूद सैनिकों की अदला-बदली की। दोनों के बीच 175 कैदियों की अदला-बदली हुई। इसके अलावा रूस ने गंभीर रूप से घायल 22 यूक्रेनी सैनिकों को भी रिहा किया। सीजफायर पर रूस-यूक्रेन का रूख बदला 9 मार्च: सऊदी अरब में अमेरिका और यूक्रेन के प्रतिनिधियों के बीच बैठक हुई। अमेरिका ने 30 दिन के सीजफायर का प्रस्ताव रखा। यूक्रेन ने इस प्रस्ताव को स्वीकार किया। पुतिन ने प्रस्ताव को खारिज नहीं किया, लेकिन आगे चर्चा की मांग की। 10 मार्च: पुतिन ने आशंका जताई कि यूक्रेन सीजफायर का इस्तेमाल जंग में अपने सैन्य सशक्तिकरण के लिए कर सकता है। 11 मार्च: रूस के राष्ट्रपति कार्यालय ने सीजफायर के लिए 4 शर्तें रखीं। इसमें मांग की गई कि यूक्रेन नाटो में शामिल न हो और यूक्रेन की जमीन पर रूस के कब्जे को मान्यता मले। पश्चिमी देशों की खुफिया एजेंसियों ने सुझाव दिया कि पुतिन की शर्तें सीजफायर को टालने का रणनीति हो सकती है। 12 मार्च: यूक्रेन ने रूस की शर्तों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इससे उसकी संप्रुभता को खतरा होगा। 13 मार्च: पुतिन ने सीजफायर के प्रस्ताव के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का धन्यवाद दिया। पुतिन ने सीजफायर के प्रस्ताव पर सहमति भी जताई, लेकिन इसके साथ शर्तें भी रख दी। पुतिन ने कहा कि सीजफायर से लॉन्गटर्म यानी दीर्घकालिक शांति और जंग की वजह खत्म होनी चाहिए। इस दौरान अमेरिकी के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ भी रूस में मौजूद थे। उन्होंने रूस के अधिकारियों के साथ सीजफायर पर बात की। 14 मार्च: ट्रम्प ने बताया कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन जंग रोकने को लेकर अच्छी बातचीत हुई। उन्होंने कहा कि ऐसी उम्मीद है कि ये जंग बहुत जल्दी खत्म हो जाएगी। यूक्रेन का 20% हिस्सा रूस के कंट्रोल में रूस बीते तीन साल में यूक्रेन का लगभग 20% हिस्सा हथिया चुका है। राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन के चार पूर्वी प्रांत डोनेट्स्क, लुहांस्क, जापोरिज्जिया और खेरसॉन को रूस में शामिल कर चुके हैं। जबकि रूस के कुर्स्क इलाके में दोनों सेनाओं में संघर्ष जारी है।

Mar 24, 2025 - 09:34
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अमेरिका की यूक्रेन से पावर प्लांट्स की सुरक्षा पर बातचीत:अपने कंट्रोल में लेना चाहता है अमेरिका; आज रूस के साथ बैठक करेंगे अमेरिकी अधिकारी

अमेरिका की यूक्रेन से पावर प्लांट्स की सुरक्षा पर बातचीत: अपने कंट्रोल में लेना चाहता है अमेरिका; आज रूस के साथ बैठक करेंगे अमेरिकी अधिकारी

खर्चा पानी

लगातार बढ़ते तनाव के बीच, अमेरिका आज यूक्रेन में पावर प्लांट्स की सुरक्षा को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा करेगा। यह बैठक रूस के साथ होगी, जहां अमेरिकी अधिकारी सुरक्षा प्रोटोकॉल और यूक्रेन के ऊर्जा स्रोतों की वर्तमान स्थिति पर बात करेंगे। अमेरिकी प्रशासन का यह कदम केवल ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नहीं, बल्कि ज्योतिर्विज्ञान और भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए भी महत्वपूर्ण है।

यूक्रेन का ऊर्जा संकट

यूक्रेन में युद्ध के चलते पावर प्लांट्स गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं। रूसी हमले ने इनकी सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है और यहाँ तक कि पहले की गतिशीलता भी बाधित हो गई है। अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि यूक्रेन के ऊर्जा बुनियादी ढांचे की सुरक्षा बहाल करने के लिए तत्काल उपायों की आवश्यकता है। यही कारण है कि अमेरिका ने अब सीधे तौर पर इस मुद्दे पर बातचीत करना शुरू किया है।

बैठक का उद्देश्य और रणनीति

अमेरिकी अधिकारी इस बैठक में बिना किसी पूर्व शर्त के रूस के साथ सीधे संवाद स्थापित करना चाहते हैं। एक महत्वपूर्ण उद्देश्य यह है कि कैसे रूस की सैन्य गतिविधियों की निगरानी की जाए और यूक्रेन के पावर प्लांट्स की सुरक्षा को मजबूत किया जाए। अमेरिकी अधिकारी ऊर्जा साझा करने के महत्व पर भी जोर देंगे, जिससे यूक्रेन को न केवल रक्षा सुनिश्चित हो बल्कि उसकी ऊर्जा स्वतंत्रता भी बहाल हो सके।

रूस के साथ सहयोग की संभावना

रूस अपनी ऊर्जा जरूरतों के पूर्ण नियंत्रण को सुरक्षित करने में लगा हुआ है; ऐसे में अमेरिका की यह पहल एक नए धारा का संकेत देती है। अगर इस बैठक में कुछ सकारात्मक चर्चा होती है, तो यह यूक्रेन के लिए एक नई राजनीतिक यथार्थता भी प्रस्तुत कर सकता है।

संभावित परिणाम और वैश्विक स्थिति

इस बैठक के संभावित परिणाम ना केवल अमेरिका और रूस के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं, बल्कि वैश्विक ऊर्जा बाजार पर भी इसका व्यापक असर होगा। यूक्रेन के पावर प्लांट्स की सुरक्षा का मुद्दा सिर्फ स्थानीय संकट नहीं है, यह एक वैश्विक चिंता बनता जा रहा है। यदि अमेरिका की पहल सफल होती है, तो यह ऊर्जा बाजार में स्थिरता लाने में भी मदद कर सकती है।

निष्कर्ष

अमेरिका की इस बातचीत का यूक्रेन, रूस और वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। ऊर्जा के मामले में अद्यतन स्थिति को देखते हुए, यह स्पष्ट हो जाएगा कि कौन सी नीति अंतिम रूप में अधिक प्रभावशाली साबित होती है। इस प्रक्रिया के जरिए अमेरिका और रूस के बीच की बातचीत का एक नया अध्याय शुरू हो सकता है।

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America, Ukraine, Power Plants, Security Talks, Russia, Energy Crisis, Geopolitical Tensions, US-Russia Meeting, Energy Cooperation, Global Energy Market.

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