सेहतनामा- कमर में लगातार दर्द ऑटोइम्यून डिजीज का संकेत:ये क्यों होता है, क्या है इलाज, डॉक्टर से जानें हर जरूरी सवाल का जवाब
फिल्म मेकर और डायरेक्टर विक्रम भट्ट ने हाल ही में बताया है कि वह एक्सियल स्पॉन्डिलोआर्थराइटिस (Axial Spondyloarthritis) नाम की ऑटोइम्यून बीमारी से जूझ रहे हैं। यह एक तरह का आर्थराइटिस है, जिसमें हड्डियां आपस में जुड़ने लगती हैं, जिससे शरीर में तेज दर्द होता है। यह मुख्य रूप से रीढ़ की हड्डी यानी स्पाइन और कमर के जोड़ों को प्रभावित करता है। यही कारण है कि इसमें कमर में लगातार दर्द बना रहता है। इसका इलाज पूरी तरह संभव नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। आमतौर पर यह बीमारी 45 साल से पहले ही शुरू हो जाती है। कई बार इसके लक्षण किशोरावस्था में ही दिखने लगते हैं, कमर में अकड़न और दर्द होता है। यह दर्द इतना तेज हो सकता है कि रोज के कामकाज करना भी मुश्किल हो सकता है। इसलिए ‘सेहतनामा’ में आज एक्सियल स्पॉन्डिलोआर्थराइटिस की बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- एक्सियल स्पॉन्डिलोआर्थराइटिस क्या है? एक्सियल स्पॉन्डिलोआर्थराइटिस एक ऑटोइम्यून डिजीज है। यह तरह का गठिया है, जिसके कारण रीढ़ की हड्डी और कमर के जोड़ों में सूजन और दर्द होता है। यह बीमारी आमतौर पर 45 साल से कम उम्र में शुरू होती है और कई बार कम उम्र में ही इसके लक्षण दिखने लगते हैं। इसके क्या लक्षण हैं? एक्सियल स्पॉन्डिलोआर्थराइटिस के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं और आमतौर पर लंबे समय तक बने रहते हैं। ज्यादातर बीमारियों में सोने के बाद या आराम करने के बाद राहत मिलती है, जबकि इसमें समस्या बढ़ जाती है। इसमें शुरुआत में कमर और पीठ में दर्द होता है। जबकि लक्षण गंभीर होने पर सांस लेने में मुश्किल होने लगती है और तेज रोशनी के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाती है। इसके सभी लक्षण ग्राफिक में देखिए- एक्सियल स्पॉन्डिलोआर्थराइटिस का इलाज क्या है? डॉ. राहुल जैन कहते हैं कि इसका पूरी तरह से इलाज संभव नहीं है, लेकिन सही ट्रीटमेंट और देखभाल से इसे कंट्रोल किया जा सकता है। इसके इलाज में मुख्य रूप से दर्द कम करने, सूजन रोकने की कोशिश की जाती है। साथ ही यह भी कोशिश होती है कि पेशेंट को एक्टिव रखा जाए। आमतौर पर इसके लिए कुछ दवाएं दी जाती हैं। इसमें फिजियोथेरेपी के साथ लाइफस्टाइल में बदलाव करने को भी कहा जा सकता है। इससे कैसे बच सकते हैं? डॉ. राहुल जैन कहते हैं कि अगर किसी बीमारी की सटीक वजह नहीं पता है तो इससे पूरी तरह बचाव नहीं संभव होता है। हालांकि, इलाज के साथ नियमित एक्सरसाइज और योग करके इसके असर को कम किया जा सकता है। इसके लिए समय पर पता लगाना बहुत जरूरी है। सही पॉश्चर जरूरी- पॉश्चर ठीक रखें। खासकर बैठते और खड़े होते समय पीठ सीधी रखें, इससे स्पाइन हेल्थ अच्छी बनी रहती है। स्मोकिंग और शराब से बचें- सिगरेट और शराब के सेवन से इंफ्लेमेशन बढ़ सकता है। इससे लक्षण और खराब हो सकते हैं। बैलेंस्ड डाइट लें- बोन हेल्थ के लिए कैल्शियम, विटामिन D और एंटी-इंफ्लेमेटरी फूड से भरपूर संतुलित डाइट लें। कोशिश करें कि इसमें हरी सब्जियां, फल और ओमेगा-3 से भरपूर चीजें जरू हों। ये डाइट हड्डियों और जोड़ों को मजबूत रखने में मदद करेगी। 8 घंटे की नींद जरूरी- मानसिक तनाव से बचने के लिए मेडिटेशन और 8 घंटे की पर्याप्त नींद लेना जरूरी है। डॉक्टर से कंसल्ट करें- अगर लंबे समय से पीठ या कमर में दर्द बना हुआ है तो इसे नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें, ताकि समय रहते सही इलाज मिल सके। एक्सियल स्पॉन्डिलोआर्थराइटिस से जुड़े कॉमन सवाल और जवाब सवाल: एक्सियल स्पॉन्डिलोआर्थराइटिस क्यों होता है? जवाब: इसका सटीक कारण अभी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है। यह एक ऑटोइम्यून डिजीज है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम गलती से खुद के जोड़ों पर हमला करने लगता है। इसके कारण इंफ्लेमेशन होता है और जोड़ों में दर्द शुरू हो जाता है। यह अनुवांशिक भी हो सकता है क्योंकि देखा गया है कि जिन लोगों में HLA-B27 जीन होता है, उन्हें इसका खतरा ज्यादा होता है। इसके अलावा खराब लाइफस्टाइल और गलत फूड चॉइस भी इसका कारण बन सकता है। सवाल: क्या यह बीमारी पूरी तरह ठीक हो सकती है? जवाब: इसका पूरी तरह से इलाज संभव नहीं है, लेकिन सही इलाज और लाइफस्टाइल में बदलाव से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। दवाओं और फिजिकल थेरेपी की मदद से एक्सियल स्पॉन्डिलोआर्थराइटिस का पेशेंट भी काफी हद तक एक सामान्य जीवन जी सकता है। सवाल: क्या एक्सरसाइज से इस बीमारी में फायदा होता है? जवाब: हां, हल्की स्ट्रेचिंग, योग और फिजियोथेरेपी से जोड़ों की जकड़न और दर्द को कम किया जा सकता है। रेगुलर एक्सरसाइज करने से रीढ़ की हड्डी फ्लेक्सिबल बनी रहती है। इससे पीठ और कमर के दर्द में राहत मिलती है। सवाल: क्या डाइट से इस बीमारी पर असर पड़ता है? जवाब: हां, संतुलित डाइट लेने से काफी फायदा होता है। जरूरी है कि इस डाइट में ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन D, कैल्शियम से भरपूर चीजें शामिल की गई हों। इसमें हरी सब्जियां शामिल करना भी जरूरी है। सवाल: किन लोगों को इस बीमारी का खतरा ज्यादा होता है? जवाब: सवाल: एक्सियल स्पॉन्डिलोआर्थराइटिस जैसे किन लक्षणों में डॉक्टर से कंसल्ट करना जरूरी है? जवाब: अगर आपको तीन महीने से ज्यादा समय से ये समस्याएं हैं तो डॉक्टर से तुरंत कंसल्ट करें- ……………………. सेहत की ये खबर भी पढ़िए सेहतनामा- आईब्रूफेन खाना हो सकता है खतरनाक: किसे नहीं खानी चाहिए, डॉक्टर से जानें इस पेनकिलर से जुड़े हर जरूरी सवाल का जवाब आईब्रूफेन से उन्हें ज्यादा नुकसान हो सकता है, जिन्हें पेट का अल्सर है या पहले कभी अल्सर रहा है, उन्हें इसके कारण ज्यादा मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। इससे एलर्जिक रिएक्शन भी ट्रिगर हो सकते हैं। पूरी खबर पढ़िए...

सेहतनामा- कमर में लगातार दर्द ऑटोइम्यून डिजीज का संकेत: ये क्यों होता है, क्या है इलाज, डॉक्टर से जानें हर जरूरी सवाल का जवाब
Kharchaa Pani टीम द्वारा प्रस्तुत: प्रिया शर्मा, स्नेहा नायर, अनुष्का देसाई
कमर में लगातार दर्द एक आम समस्या है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह ऑटोइम्यून डिजीज का संकेत हो सकता है? अक्सर लोग इसे सामान्य थकान या तनाव समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन आइए जानते हैं कि यह दर्द क्यों होता है, इसका इलाज क्या है और जब हमें डॉक्टर से कब सलाह लेनी चाहिए।
कमर दर्द: संभावित कारण
कमर में दर्द के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें मांसपेशियों का खिंचाव, रीढ़ की हड्डी की समस्याएं, या कमजोरी जैसी सामान्य स्थितियां शामिल हैं। लेकिन अगर यह दर्द लगातार बना रहे, तो यह एक गंभीर समस्या हो सकती है। कई बार, यह ऑटोइम्यून डिजीज, जैसे कि रुमेटॉइड आर्थराइटिस या स्पॉन्डिलाइटिस के संकेत हो सकते हैं।
ऑटोइम्यून डिजीज क्या है?
ऑटोइम्यून डिजीज एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर की इम्यून सिस्टम अपनी ही स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करने लगती है। इससे शरीर की विभिन्न भागों में सूजन और दर्द हो सकता है, जिसमें कमर का क्षेत्र भी शामिल है।
कमर में दर्द के लक्षण और पहचान
ऑटोइम्यून डिजीज के कारण कमर में दर्द के कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
- दर्द और सूजन
- कमज़ोरी महसूस होना
- गति में कठिनाई
- थकान
- सुस्त और चिड़चिड़ापन
इलाज की दिशा
यदि आपको कमर में नियमित दर्द हो रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर आपकी स्थिति का सही मूल्यांकन करके जांच कर सकते हैं। इलाज के विकल्पों में शामिल हैं:
- दवाइयाँ: सूजन और दर्द कम करने के लिए एनाल्जेसिक्स, एन्टी-इन्फ्लेमेटरी दवाओं का उपयोग किया जाता है।
- फिजियोथेरेपी: मांसपेशियों को मजबूत करने और लचीला बनाए रखने के लिए एक्सरसाइज कराई जा सकती है।
- विशेष डाइट: सही आहार का सेवन अवश्य करें जो आपके इम्यून सिस्टम को स्वस्थ रखे।
डॉक्टर से कब संपर्क करें?
यदि आपका दर्द दो हफ्तों से अधिक समय तक बना रहता है या इसके साथ अन्य लक्षण जैसे बुखार, वजन कम होना, या रात में दर्द का बढ़ना हो, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
निष्कर्ष
कमर में दर्द को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, खासकर यदि यह लगातार हो रहा हो। यह गंभीर ऑटोइम्यून डिजीज का संकेत हो सकता है। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए नियमित जांच कराना न भूलें। और अगर आपको कोई भी संदेह हो, तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें। अधिक जानकारी के लिए, visit karen: kharchaapani.com.
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