बांग्लादेशी सेना ने तख्तापलट की अफवाह खारिज की:कहा- रूटीन बैठक को गलत तरीके से पेश किया गया, देश सेना की प्राथमिकता
बांग्लादेशी सेना ने देश में तख्तापलट की खबरों को खारिज कर दिया है। मंगलवार को सेना ने एक बयान जारी कर कहा है कि आर्मी ने रूटीन बैठक की थी। इसे कुछ मीडिया संस्थानों ने ऐसे पेश किया कि सेना तख्तापलट करने जा रही है। इससे पहले मीडिया रिपोर्ट्स में अटकलें लगाई गईं थी कि सेना और अंतरिम सरकार के बीच तनाव की वजह से देश में मॉर्शल लॉ लागू हो सकता है। ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक सेना प्रमुख वकार उज जमां ने सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि देश और उसके लोग सेना की प्राथमिकता हैं। उकसावे पर प्रतिक्रिया न दें। तख्तापलट की खबरें निराधार, ऐसा कुछ नहीं होगा बांग्लादेश के प्रेस सेक्रेटरी शफीकुल आलम ने भास्कर से बात करते हुए बताया कि ये खबरें निराधार हैं, ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला है। हम दिसंबर में बांग्लादेश में चुनाव कराने की तैयारी कर रहे हैं। शफीकुल आलम ने कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार सभी राजनीतिक पार्टियों से बात कर रही है और उनके सुझावों के मुताबिक स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अलावा बांग्लादेश में राजनीतिक मामलों पर नजर रखने वाले एक सूत्र ने बताया है कि बांग्लादेश में तख्तापलट की खबर सही नहीं है। अभी तक आर्मी के आगे बढ़ने की कोई जानकारी या एक्टिविटी नहीं है। दावा था कि सेना राष्ट्रीय एकता सरकार बना सकती है इससे पहले सुबह खबरें आई थीं कि अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस को लेकर लोगों में बढ़ती नाराजगी की वजह से सेना देश में तख्तापलट कर सकती है। इसे लेकर सेना ने एक इमरजेंसी मीटिंग की थी। सेना मुख्यालय में हुई इस बैठक में 5 लेफ्टिनेंट जनरल, 8 मेजर जनरल और आर्मी के कई सीनियर अधिकारी शामिल हुए थे। सेना राष्ट्रपति से इमरजेंसी का ऐलान करवा कर या तख्तापलट करके एक 'राष्ट्रीय एकता सरकार' स्थापित करने की तैयारी में है। दो महीने पहले सेना प्रमुख के तख्तापलट की खबरें थीं दो महीने पहले इस तरह की खबरें सामने आई थीं कि सेना के कुछ कट्टरपंथी अफसर जनरल वकार-उज-जमां के तख्तापलट की भी साजिश रची जा रहे है। बांग्लादेशी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद फैजुर रहमान पाकिस्तान की सीक्रेट एजेंसी ISI के साथ मिलकर सेना पर कंट्रोल पर करना चाहते थे। वकार-उज-जमां पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के रिश्तेदार हैं। उन्हें भारत का समर्थक माना जाता है। सेना प्रमुख का पदभार संभालने से पहले वह करीब 6 महीने सेना के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ रहे। 23 जून 2024 को वे चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ यानी बांग्लादेश के सेना प्रमुख बने। शेख हसीना की कजिन से हुई वकार-उज-जमान की शादी वकार, शेख हसीना के काफी क्लोज रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेश सेना प्रमुख की पत्नी बेगम साराहनाज कामालिका रहमान शेख हसीना के चाचा मुस्तफिजुर रहमान की बेटी हैं। मुस्तफिजुर रहमान 1997 से 2000 तक सेना की बागडोर संभाल चुके हैं। इस दौरान शेख हसीना बांग्लादेश की प्रधानमंत्री भी थीं। आरक्षण के खिलाफ आंदोलन से हुआ शेख हसीना का तख्तापलट बांग्लादेश में पिछले साल अगस्त में शेख हसीना का तख्तापलट किया गया था। बांग्लादेश में 5 जून को हाईकोर्ट ने जॉब में 30% कोटा सिस्टम लागू किया था, इसके बाद से ही ढाका में यूनिवर्सिटीज के स्टूडेंट्स प्रोटेस्ट कर रहे थे। यह आरक्षण स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को दिया जा रहा था। यह आरक्षण खत्म कर दिया गया तो छात्रों ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग शुरू कर दी। देखते ही देखते बड़ी संख्या में छात्र और आम लोग प्रधानमंत्री और उनकी सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर आए। इस प्रोटेस्ट के दो महीने बाद 5 अगस्त को शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और बांग्लादेश छोड़कर भारत आ गईं। इसके बाद सेना ने देश की कमान संभाल ली। ------------------------------------ यह खबर भी पढ़ें... दावा- बांग्लादेशी सेना में तख्तापलट की साजिश:कट्टरपंथी अफसरों का भारत समर्थक आर्मी चीफ को हटाने का प्लान, इसमें पाकिस्तान भी शामिल बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बाद अब वर्तमान सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान के तख्तापलट की भी साजिश रची जा रही है। इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक बांग्लादेशी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद फैजुर रहमान सेना की बागडोर संभालने की तैयारियों में जुटे हैं। इस साजिश में कई कट्टरपंथी अफसर भी शामिल हैं। यहां पढ़ें पूरी खबर...

बांग्लादेशी सेना ने तख्तापलट की अफवाह खारिज की: कहा- रूटीन बैठक को गलत तरीके से पेश किया गया, देश सेना की प्राथमिकता
Kharchaa Pani
लेखक: सुमन मेहता, टीम नेटानगरी
परिचय
हाल ही में बांग्लादेशी सेना ने तख्तापलट की अफवाहों को सख्त तरीके से खारिज कर दिया है। सेना के प्रवक्ता ने कहा कि हाल में आयोजित एक रूटीन बैठक को गलत तरीके से पेश किया गया था, जो इस प्रकार की अफवाहों का कारण बनी। यह बयान बांग्लादेश की स्थिरता और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के प्रति सेना की प्राथमिकताओं को दर्शाता है।
तख्तापलट की अफवाहें
कुछ मीडिया स्रोतों और सोशल मीडिया पर बांग्लादेश में संभावित तख्तापलट की अफवाहें तेजी से फैली थी। यह सुनकर कई नागरिकों में चिंता का माहौल पैदा हो गया था। हालांकि, बांग्लादेशी सेना ने स्पष्ट किया है कि ये सब केवल निराधार बातें हैं और सेना इस प्रकार की किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं है।
आधिकारिक बयान
सेना के प्रवक्ता ने स्पष्ट रूप से कहा, "हमारी हालिया बैठक पूरी तरह से रूटीन थी। इसे नकारात्मक तरीके से प्रस्तुत किया गया। हम देश की सुरक्षा और इसके नागरिकों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे समाचार जन सामान्य में अशांति फैलाने का प्रयास करते हैं, जो कि खतरनाक है।
सेना की प्राथमिकताएं
बांग्लादेशी सेना ने हमेशा से लोकतांत्रिक प्रणाली और नागरिक अधिकारों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई है। उनका फोकस हमेशा से देश की सुरक्षा और स्थिरता पर रहा है। सेना ने कहा है कि वे अपने नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं और किसी भी भ्रम को तुरंत दूर करने के लिए हमेशा तैयार हैं।
निष्कर्ष
बांग्लादेशी सेना का यह कदम स्पष्ट करता है कि अफवाहों को महत्व नहीं देना चाहिए। सेना का रुख हमेशा देश की स्थिरता और सुरक्षा के प्रति समर्पित रहा है। ऐसे समय में, नागरिकों को अपने देश की संस्थाओं पर विश्वास रखना चाहिए और तथ्यों के आधार पर सोच-विचार करना चाहिए। यह बात हमें एकजुटता के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है।
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