लोकसभा से फाइनेंस बिल पास:डिजिटल टैक्स खत्म करने सहित 35 संशोधन, 7 पॉइंट में जानें बजट लागू होने की प्रोसेस
लोकसभा से फाइनेंस बिल आज यानी, 25 मार्च को 35 संशोधनों के साथ पास हो गया। इसमें ऑनलाइन एडवर्टाइजमेंट पर 6% डिजिटल टैक्स को खत्म करने जैसे संशोधन शामिल हैं। अब ये बिल राज्य सभा में जाएगा। संसद के दोनों सदनों से फाइनेंस बिल के पारित होने के बाद, इसे राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने बाद, ये कानून बन जाएगा और 2025-26 के लिए बजट प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। 3 पॉइंट्स में जानिए बिल के जरूरी संशोधन.... 7 पॉइंट में जानें बजट की पूरी प्रोसेस... विनियोग विधेयक और वित्त विधेयक दोनों पारित हो जाने के बाद, बजट प्रस्ताव कानून बन जाता है। इसके बाद सरकार: बजट से जुड़ी 4 बड़ी बातें...

लोकसभा से फाइनेंस बिल पास: डिजिटल टैक्स खत्म करने सहित 35 संशोधन, 7 पॉइंट में जानें बजट लागू होने की प्रोसेस
Kharchaa Pani
लेखिका: सृष्टि वाधवानी, टीम नेटानागरी
परिचय
हाल ही में, भारतीय लोकसभा ने फाइनेंस बिल को स्वीकृति दे दी है, जिसमें डिजिटल टैक्स को समाप्त करने और 35 विभिन्न संशोधनों की पुष्टि की गई है। यह बजट भारत की आर्थिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आइए जानते हैं कि कैसे यह बिल लागू होगा और इसके प्रमुख बिंदु क्या हैं।
फाइनेंस बिल के प्रमुख मुद्दे
फाइनेंस बिल का पारित होना भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है। इसमें डिजिटल टैक्स का अंत और अन्य कई संशोधन शामिल हैं। इस बिल से प्रभावित होने वाले प्रमुख क्षेत्रों का विवरण निम्नलिखित है:
1. डिजिटल टैक्स का खत्म होना
सरकार ने डिजिटल टैक्स को समाप्त करने का निर्णय लिया है, जिससे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर आ रहे अतिरिक्त शुल्कों में कमी आएगी। यह बदलाव ऑनलाइन व्यापारियों और उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद साबित होगा।
2. 35 संशोधनों की स्वीकृति
फाइनेंस बिल में कुल 35 संशोधन शामिल हैं, जिनमें कई नीतिगत बदलाव हैं। इनमें से कुछ संशोधन कर की दरों में बदलाव और छोटे व्यवसायों के लिए लाभकारी उपायों को शामिल करते हैं।
3. बजट लागू होने की प्रक्रिया
बजट लागू करने की प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण शामिल हैं:
चरण 1: लोकसभा में स्वीकृति
फाइनेंस बिल को पहले लोकसभा में अनुमोदित किया गया।
चरण 2: राज्यसभा में पेश करना
इसके बाद, इसे राज्यसभा में प्रस्तुत किया जाता है।
चरण 3: राष्ट्रपति की स्वीकृति
बिल को राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित किया जाता है, जिसके बाद यह कानूनी रूप से लागू हो जाता है।
चरण 4: अधिसूचना जारी करना
सरकार संबंधित विभागों द्वारा अधिसूचनाएं जारी करती है।
चरण 5: प्रभावी तिथि
बिल की प्रभावी तिथि का निर्धारण किया जाता है।
चरण 6: जनहित में सुधार
बजट में दी गई सुविधाएं और योजनाएं जनहित में लागू की जाती हैं।
चरण 7: पुनरावलोकन एवं सुधार
सरकार समय-समय पर बजट के कार्यान्वयन की समीक्षा करती है और आवश्यकतानुसार सुधार करती है।
निष्कर्ष
फाइनेंस बिल का पारित होना भारतीय अर्थव्यवस्था की दिशा में सकारात्मक पहल है। इस से न केवल व्यापारियों को लाभ होगा, बल्कि उपभोक्ताओं को भी डिजिटल टैक्स खत्म होने से राहत मिलेगी। यह कदम आने वाले समय में अर्थव्यवस्था को और मजबूत बना सकता है।
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