भारत का विदेशी मुद्रा भंडार ₹1.33 लाख करोड़ बढ़ा:एक हफ्ते में ₹56.86 लाख करोड़ पर पहुंचा, गोल्ड रिजर्व ₹8,700 करोड़ बढ़कर ₹6.46 लाख करोड़ हुआ
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 7 मार्च को समाप्त हुए सप्ताह (28 फरवरी से 7 मार्च तक) में 15.26 बिलियन डॉलर (₹1.33 लाख करोड़) बढ़कर 653.97 बिलियन डॉलर (करीब ₹56.86 लाख करोड़) पर पहुंच गया है। इससे पहले यानी 21 फरवरी से 28 फरवरी वाले सप्ताह में 15 हजार करोड़ घटकर 55.53 लाख करोड़ रुपए रह गया था। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से जारी डेटा के मुताबिक, फॉरेन करेंसी एसेट्स (FCAs) 13.93 बिलियन डॉलर (₹1.21 लाख करोड़) बढ़कर 557.28 बिलियन डॉलर (₹48.46 लाख करोड़) हो गई। 1 बिलियन डॉलर बढ़ा सोने का भंडार इस दौरान सोने के भंडार में बढ़ोतरी देखी गई। यह 1 बिलियन डॉलर (8,700 करोड़ रुपए) बढ़कर 74.32 बिलियन डॉलर (6.46 लाख करोड़ रुपए) हो गया। वहीं, स्पेशल ड्राइंग राइट यानी SDRs 1843 करोड़ रुपए बढ़कर 1.68 लाख करोड़ रुपए हो गया। इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड में रिजर्व पोजिशन 600 करोड़ रुपए बढ़कर 35,650 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। RBI देश के फॉरेन ट्रेड के इकोनॉमिक इंडिकेटर को मॉनिटर करता है भारत का सेंट्रल बैंक यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया देश के फॉरेन ट्रेड के इकोनॉमिक इंडिकेटर पर नजर रखता है और हर शुक्रवार को विदेशी मुद्रा भंडार के आंकड़े जारी करता है। समय-समय पर RBI रुपए में भारी गिरावट को रोकने के लिए डॉलर के सेल सहित लिक्विडिटी (कैश) मैनेजमेंट के माध्यम से बाजार में हस्तक्षेप करता है। इसके अलावा, RBI फॉरेन एक्सचेंज मार्केट पर नजर रखता है और किसी भी प्री-डिटरमाइंड टारगेट और लेवल बैंड के बिना एक्सचेंज रेट में अस्थिरता को कंट्रोल करके केवल स्टेबल मार्केट कंडीशन को बनाए रखने के लिए हस्तक्षेप करता है। .......................... ये खबर भी पढ़ें... देश का विदेशी-मुद्रा-भंडार पहली बार 700 बिलियन डॉलर पार:भारत यह मुकाम हासिल करने वाला चौथा देश बना, एक हफ्ते में सबसे ज्यादा 12.58 बिलियन डॉलर बढ़ा देश का फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व पहली बार 700 बिलियन डॉलर के आंकड़े के पार हो गया है। 27 सितंबर को बीते सप्ताह में 12.58 बिलियन डॉलर बढ़कर 704.885 बिलियन डॉलर (करीब 59 लाख करोड़) के नए ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार ₹1.33 लाख करोड़ बढ़ा: एक हफ्ते में ₹56.86 लाख करोड़ पर पहुंचा, गोल्ड रिजर्व ₹8,700 करोड़ बढ़कर ₹6.46 लाख करोड़ हुआ
Kharchaa Pani
द्वारा: सिम्मी राठौर, प्रीती शुक्ल, टीम नेटानागरी
परिचय
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार ने एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर पार किया है, जो कि ₹1.33 लाख करोड़ बढ़ने के साथ अब ₹56.86 लाख करोड़ पर पहुंच गया है। इस वृद्धि का एक अहम हिस्सा गोल्ड रिजर्व में भी देखा गया है, जो कि ₹8,700 करोड़ बढ़कर ₹6.46 लाख करोड़ हुआ है। इस लेख में हम इस महत्वपूर्ण विषय पर विस्तृत चर्चा करेंगे और जानेंगे कि यह वृद्धि भारतीय अर्थव्यवस्था पर कैसे प्रभाव डालती है।
विदेशी मुद्रा भंडार का महत्व
विदेशी मुद्रा भंडार किसी भी देश की आर्थिक स्थिरता का एक प्रमुख सूचक है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी डेटा के अनुसार, यह वृद्धि विभिन्न कारणों का परिणाम है, जैसे की विदेशी निवेश और उच्च निर्यात, जो भारत की आर्थिक प्रगति के लिए सकारात्मक संकेत हैं।
गोल्ड रिजर्व में वृद्धि
गोल्ड रिजर्व में हुई इस वृद्धि का अर्थ है कि आरबीआई ने अपने स्वर्ण भंडार को बढ़ाने के लिए और अधिक निवेश किए हैं। यह निवेश भारतीय रुपये के लिए सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है और वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के समय में महत्वपूर्ण होता है।
अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
इस वृद्धि का सीधा असर भारतीय रुपये की स्थिरता पर पड़ता है। जब विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत होता है, तो यह रुपये की वैल्यू को भी स्थिरता प्रदान करता है। इसके अलावा, इसका सकारात्मक प्रभाव निवेशकों के बीच विश्वास को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे देश में विदेशी निवेश में वृद्धि हो सकती है।
भविष्य की चुनौतियाँ
हालांकि ये आंकड़े उत्साहजनक हैं, लेकिन भारत की अर्थव्यवस्था को भविष्य में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव, कच्चे तेल की कीमतें और राजनीतिक स्थिरता जैसे कारक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, ₹1.33 लाख करोड़ की बढ़त और गोल्ड रिजर्व में सुधार भारत की आर्थिक मजबूती का संकेत है। आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के सकारात्मक आंकड़े भारत को वैश्विक स्तर पर और अधिक मजबूती प्रदान करेंगे। इसके साथ ही, निवेशकों के बीच विश्वास को भी बढ़ाएंगे। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में भारत की अर्थव्यवस्था किस दिशा में आगे बढ़ती है।
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