यूक्रेन-रूस ब्लैक-सी में सीजफायर पर सहमत:जहाजों की सुरक्षित आवाजाही पर सहमति, ऊर्जा ठिकानों पर हमला रोकने का भी उपाय करेंगे

रूस और यूक्रेन ने सऊदी अरब में मंगलवार को हुई वार्ता के बाद ब्लैक-सी जहाजों की सुरक्षित आवाजाही और सैन्य हमले रोकने पर सहमति जताई है। इसके साथ दोनों देश एक दूसरे के ऊर्जा ठिकानों पर हमला रोकने का उपाय डेवलप करेंगे। अमेरिका की तरफ से व्हाइट हाउस ने बयान जारी कर कहा- दोनों देश ब्लैक-सी के इलाके में जहाजों की सुरक्षित आवाजाही तय करने, बल प्रयोग को रोकने और सैन्य मकसद लिए कॉमर्शियल जहाजों का इस्तेमाल रोकने पर सहमत हो गए हैं। अमेरिका के तरफ से जारी बयान की 5 प्रमुख बातें.... क्रेमलिन प्रवक्ता बोले- सीजफायर को लेकर कोई ठोस योजना नहीं बनी क्रेमलिन प्रवक्ता डिमित्री पेस्कोव ने कहा कि सीजफायर को लेकर कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई है। अभी कई दौर की बैठकें और होंगी। उन्होंने कहा कि रियाद में अमेरिकी अधिकारियों से हुई बैठक को जो भी नतीजा निकला उसे दोनों देशों के राष्ट्रपतियों तक पहुंचा दिया गया है। अब दोनों देश इस पर सोच-विचार करेंगे। क्रेमलिन इस मुलाकात की डिटेल सार्वजनिक नहीं करेगा। पेस्कोव ने कहा कि हम सिर्फ तकनीकी समझौतों की बात कर रहे हैं। फिलहाल रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच डायरेक्ट बातचीत का कोई प्लान नहीं है। लेकिन अगर जरूरत पड़ती है, तो बातचीत तुरंत कराई जा सकती है। पेस्कोव ने कहा कि दोनों देशों के प्रतिनिधि जुड़े रहेंगे, लेकिन अभी कुछ भी ठोस कह पाना मुश्किल है। अभी रूस, यूक्रेन और अमेरिका के बीच तीन तरफा बैठक करने का कोई प्लान नहीं है। सोमवार को यूक्रेनी और अमेरिकी प्रतिनिधियों ने बैठक की थी सोमवार को रूसी प्रतिनिधियों से मुलाकात से पहले अमेरिकी अधिकारियों ने यूक्रेन के प्रतिनिधियों से बातचीत की थी। दोनों अधिकारियों ने पावर प्लांट्स की सुरक्षा से जुड़े प्रस्तावों पर चर्चा की। अमेरिका यूक्रेन को पहले ही प्रस्ताव दे चुका है कि वह पावर प्लांट्स (ऊर्जा ठिकानों) की सुरक्षा के लिए उन्हें अमेरिका को सौंप दे। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने टीवी पर दिए एक बयान में बताया कि बातचीत काफी उपयोगी रही। यूक्रेन के रक्षामंत्री रुसतेम उमेरोव के मुताबिक इस बातचीत का मकसद जल्द शांति और सुरक्षा को मजबूत करना है। वहीं जेलेंस्की ने अपने सहयोगी देशों, खासतौर से अमेरिका से पुतिन को हमले रोकने के लिए आदेश देने के लिए कहा। सैनिकों की अदला-बदली कर चुके हैं रूस-यूक्रेन पिछले 2 महीनों से सीजफायर को लेकर जारी बातचीत के दौरान रूस-यूक्रेन ने पिछले हफ्ते एक-दूसरे की कैद में मौजूद सैनिकों की अदला-बदली की। दोनों के बीच 175 कैदियों की अदला-बदली हुई। इसके अलावा रूस ने गंभीर रूप से घायल 22 यूक्रेनी सैनिकों को भी रिहा किया। सीजफायर पर रूस-यूक्रेन का रूख बदला 9 मार्च: सऊदी अरब में अमेरिका और यूक्रेन के प्रतिनिधियों के बीच बैठक हुई। अमेरिका ने 30 दिन के सीजफायर का प्रस्ताव रखा। यूक्रेन ने इस प्रस्ताव को स्वीकार किया। पुतिन ने प्रस्ताव को खारिज नहीं किया, लेकिन आगे चर्चा की मांग की। 10 मार्च: पुतिन ने आशंका जताई कि यूक्रेन सीजफायर का इस्तेमाल जंग में अपने सैन्य सशक्तिकरण के लिए कर सकता है। 11 मार्च: रूस के राष्ट्रपति कार्यालय ने सीजफायर के लिए 4 शर्तें रखीं। इसमें मांग की गई कि यूक्रेन नाटो में शामिल न हो और यूक्रेन की जमीन पर रूस के कब्जे को मान्यता मले। पश्चिमी देशों की खुफिया एजेंसियों ने सुझाव दिया कि पुतिन की शर्तें सीजफायर को टालने का रणनीति हो सकती है। 12 मार्च: यूक्रेन ने रूस की शर्तों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इससे उसकी संप्रुभता को खतरा होगा। 13 मार्च: पुतिन ने सीजफायर के प्रस्ताव के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का धन्यवाद दिया। पुतिन ने सीजफायर के प्रस्ताव पर सहमति भी जताई, लेकिन इसके साथ शर्तें भी रख दी। पुतिन ने कहा कि सीजफायर से लॉन्गटर्म यानी दीर्घकालिक शांति और जंग की वजह खत्म होनी चाहिए। इस दौरान अमेरिकी के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ भी रूस में मौजूद थे। उन्होंने रूस के अधिकारियों के साथ सीजफायर पर बात की। 14 मार्च: ट्रम्प ने बताया कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन जंग रोकने को लेकर अच्छी बातचीत हुई। उन्होंने कहा कि ऐसी उम्मीद है कि ये जंग बहुत जल्दी खत्म हो जाएगी। यूक्रेन का 20% हिस्सा रूस के कंट्रोल में रूस बीते तीन साल में यूक्रेन का लगभग 20% हिस्सा हथिया चुका है। राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन के चार पूर्वी प्रांत डोनेट्स्क, लुहांस्क, जापोरिज्जिया और खेरसॉन को रूस में शामिल कर चुके हैं। जबकि रूस के कुर्स्क इलाके में दोनों सेनाओं में संघर्ष जारी है। ------------------------------- सीजफायर वार्ता से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें.... जेलेंस्की से ट्रम्प बोले- पावर प्लांट का कंट्रोल हमें सौंपें:कहा- यह सुरक्षा के लिए जरूरी; रूस-यूक्रेन में सैनिकों की अदला-बदली यूक्रेन जंग पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से 1 घंटे बात की । अमेरिका विदेश मंत्री और NSA ने बयान जारी कर बताया कि व्हाइट हाउस ने यूक्रेन के पावर प्लांट्स की सुरक्षा के लिए उनका कंट्रोल अमेरिका को देने का सुझाव दिया। पूरी खबर यहां पढ़ें...

Mar 25, 2025 - 21:34
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यूक्रेन-रूस ब्लैक-सी में सीजफायर पर सहमत:जहाजों की सुरक्षित आवाजाही पर सहमति, ऊर्जा ठिकानों पर हमला रोकने का भी उपाय करेंगे

यूक्रेन-रूस ब्लैक-सी में सीजफायर पर सहमत: जहाजों की सुरक्षित आवाजाही पर सहमति, ऊर्जा ठिकानों पर हमला रोकने का भी उपाय करेंगे

खर्चा पानी, टीम नेतानागरी द्वारा लिखित

हाल ही में, यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे तनाव के बीच एक महत्वपूर्ण विकास हुआ है। दोनों देशों ने ब्लैक-सी में सीजफायर पर सहमति व्यक्त की है। इस सहमति के तहत, जहाजों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित की जाएगी और साथ ही ऊर्जा ठिकानों पर हमलों को रोकने के लिए उपाय किए जाएंगे। यह निर्णय दोनों देशों के बीच बढ़ते संघर्ष के बीच एक नई दिशा प्रदान कर सकता है।

सीजफायर की प्रमुख बातें

यूक्रेन और रूस के बीच यह सीजफायर समझौता उन जहाजों के लिए महत्वपूर्ण है, जो ब्लैक-सी के माध्यम से व्यापार करते हैं। इससे व्यापारियों और लोगों को सुरक्षित रूप से समुद्र का उपयोग करने में मदद मिलेगी, जिससे खाद्य और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति श्रृंखला पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

इस समझौते के तहत, दोनों पक्ष मानते हैं कि यदि किसी भी स्थिति में कोई हमले की घटना होती है, तो उसकी जिम्मेदारी उन पर नहीं होगी। यह निर्णय अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा की गई मध्यस्थता के परिणामस्वरूप संभव हुआ है, जिसने शांति प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

ऊर्जा ठिकानों की सुरक्षा

सीजफायर के इस समझौते के साथ ही, ऊर्जा ठिकानों पर हमलों को रोकने के लिए भी कदम उठाने की योजना बनाई गई है। यूक्रेन में ऊर्जा राज्य की स्थिति को देखते हुए, यह समझौता महत्वपूर्ण हो जाता है। चूंकि ऊर्जा आपूर्ति में बाधा आने से न केवल यूक्रेन बल्कि आसपास के देशों पर भी विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

इस समझौते के बाद, अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इसे एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा है। कई देशों ने दोनों पक्षों के बीच तनाव को कम करने में सहायता के लिए मध्यस्थता की है। इससे न केवल संबंधित देशों का, बल्कि पूरे इलाके में शांति और स्थिरता की प्रवृत्ति उत्पन्न हो सकती है।

निष्कर्ष

यूक्रेन और रूस के बीच सीजफायर पर सहमति निश्चित रूप से एक सकारात्मक विकास है। यह न केवल जहाजों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करेगा, बल्कि ऊर्जा ठिकानों की सुरक्षा के लिए भी आवश्यक उपाय करने की दिशा में एक कदम है। अब यह देखना होगा कि क्या यह समझौता लंबे समय तक कायम रह पाएगा और क्या इससे क्षेत्र की शांति को बढ़ावा मिलेगा।

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Ukraine Russia ceasefire, Black Sea shipping, energy infrastructure security, international response to ceasefire, maritime trade safety

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