हरियाणा में फैमिली ID का खेल:सरल केंद्र में मजदूर की कमाई ₹1.20 अरब भरी, अधिकारियों ने घटाकर ₹10 लाख की; इनकम सिर्फ ₹60 हजार
हरियाणा में फैमिली ID के खेल में महेंद्रगढ़ का एक मजदूर फंस गया। जिसमें सरल केंद्र ने मजदूर की सालाना कमाई 1.20 अरब भर दी। इसके बाद सरकारी अधिकारियों ने बाकायदा डबल वैरिफिकेशन के बाद के बाद उसकी इनकम 10 लाख सालाना कर दी। उन्होंने मजदूर का पेशा तक नहीं देखा। इसके बाद मजदूर को मिलने वाले सारे बैनिफिट बंद हो गए। इसका पता चलने पर परेशान मजदूर DC के समाधान शिविर में पहुंचा। जहां उसने कहा कि मेरी तो कमाई ही 80 हजार सालाना है। इसलिए फैमिली ID में इनकम ठीक की जाए, जिससे मुझे सरकारी स्कीमों का लाभ मिल सके। सिलसिलेवार ढंग से जानिए पूरा मामला मजदूर ने समाधान शिविर में पहुंचा तो खुलासा हुआ महेंद्रगढ़ के जोनावास गांव के रहने वाले रमेश कुमार DC के समाधान शिविर में आवेदन लेकर पहुंचा। रमेश ने कहा कि फैमिली ID यानी परिवार पहचान पत्र (PPP) में उसकी सालाना इनकम 1.20 अरब कर दी गई है। यह गलत है। उसकी सालाना आमदनी तो सिर्फ 80 हजार रुपए है। उसकी आमदनी ठीक की जाए। मजदूर की इनकम 1.20 अरब कैसे हुई, 3 पॉइंट में जानिए 1. परिवार की सालाना इनकम 1 लाख रुपए तक थी इस बारे में रमेश ने बताया कि उसने पहले फैमिली ID बनाई थी। जिसमें उसके परिवार की सालाना इनकम 1 लाख रुपए तक थी। इस वजह से उसे गरीबी रेखा से नीचे यानी 1.80 लाख सालाना इनकम से कम वाले राशन समेत दूसरे बैनिफिट मिल रहे थे। 2.मजदूर संघ के काम से सरल केंद्र गया रमेश ने आगे बताया कि नवंबर–दिसंबर में वह मजदूर यूनियन के रुपए लेने सरल केंद्र पर गया था। वहां 5 साल में 13 हजार रुपए दिए जाते हैं। वहां जाकर उसने मजदूर यूनियन के लिए फार्म भरा। इस दौरान उसके पास एक OTP आया। जो उसने सरल केंद्र के ऑपरेटर को बता दिया। इसके बाद जनवरी महीने से उसे गरीबी रेखा से नीचे के सरकारी लाभ मिलने बंद हो गए। उसे राशन मिलना बंद हो गया। 3. सालाना इनकम में छेड़छाड़ हुई रमेश ने कहा कि जब उसने इस बारे में पूछा तो उसे बताया गया कि उसकी इनकम गरीबी रेखा के नीचे यानी 1.80 लाख से ज्यादा है। इस वजह से सरकार ने लाभ देना बंद कर दिया। रमेश ने शक जताया कि सरल केंद्र में ही उसकी फैमिली ID में इनकम में छेड़छाड़ की गई। इसके अलावा उसने कहीं कोई फार्म नहीं भरा और न ही किसी को फैमिली ID खोलने के लिए कोई OTP दिया। रमेश ने कहा कि यहीं पर उसकी इनकम को 1.20 अरब भर दिया गया। सरकार ने घटाकर 10 लाख कर दी, डबल वैरिफिकेशन का भी झूठा दावा इस मामले में हैरत की बात यह है कि जिसने रमेश की इनकम को क्रॉस चेक किया, उसने ग्राउंड पर कुछ पता नहीं किया। रमेश की फैमिली ID से पता चलता है कि उसकी 1.20 अरब की इनकम को घटाकर सालाना 10 लाख या उससे अधिक कर दिया गया। इसमें दावा भी किया गया कि रमेश की फैमिली इनकम 1.80 लाख से ज्यादा है, इस बारे में लोकल कमेटी और सेक्टर कमेटी से भी चेक करा लिया है। ADC अप्रूव करेंगे, तभी ठीक होगा इस मामले में सरल केंद्र के एक कर्मचारी ने कहा कि फैमिली ID में कुछ भी जोड़ने-घटाने का अधिकार सरकार ने सीधे लोगों को नहीं दिया है। यह सारा काम सरल केंद्र पर ही होता है। इस मामले में अब मजदूर को ADC से अप्रूवल लेनी होगी। वहां से परमिशन के बाद ही सरल केंद्र के जरिए फैमिली ID में इनकम ठीक होगी। सिटी मजिस्ट्रेट ने कहा- जांच करेंगे इस बारे में समाधान शिविर में पहुंचे नारनौल के सिटी मजिस्ट्रेट (CTM) मनजीत कुमार ने कहा कि इस बारे में संबंधित अधिकारियों को आवेदन भेजकर ठीक करा दिया जाएगा। नारनौल में भी महिला की उम्र 125 दिखा चुके महेंद्रगढ़ के ही नारनौल में महिला की उम्र में गड़बड़ी का मामला सामने आ चुका है। फैमिली ID में अधिकारियों ने 58 साल की एक महिला की उम्र 125 साल की दिखा थी। वहीं उसके पति की उम्र 60 साल दिखाई। नारनौल में मोहल्ला खड़खड़ी के रहने वाले श्याम सुंदर ने बताया कि उसका जन्म 17 मई 1965 दर्शाया गया है। जिस हिसाब से उसकी उम्र 60 साल बताई गई है। मगर, उनकी पत्नी की उम्र 125 साल दर्ज कर दी गई। जिसमें पत्नी का जन्म 1 जनवरी 1900 दर्ज कर दी गई। जिसे ठीक कराने के लिए उन्हें अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।

हरियाणा में फैमिली ID का खेल: सरल केंद्र में मजदूर की कमाई ₹1.20 अरब भरी, अधिकारियों ने घटाकर ₹10 लाख की; इनकम सिर्फ ₹60 हजार
Kharchaa Pani
लेखिका: स्नेहा शर्मा, टीम नेटानागरी
परिचय
हरियाणा में एक दिलचस्प और चिंताजनक मामला सामने आया है, जहां एक मजदूर की फैमिली ID में उसकी कमाई को ₹1.20 अरब दर्शाया गया है। जब अधिकारियों ने इस जानकारी की जांच की, तो असली के आंकड़े केवल ₹60 हजार निकले। यह मामला न केवल सरकार के सिस्टम में खामियों को उजागर करता है बल्कि रोजगार के अवसरों और मजदूरों की आमदनी के वास्तविक आंकड़े को भी उभारता है।
फैमिली ID की असामान्य जानकारी
हरियाणा सरकार ने हाल ही में फैमिली ID सिस्टम को लागू करके परिवारों की आय और रोजगार पर नज़र रखने का प्रयास किया। इस प्रणाली का उद्देश्य स्वच्छता, कल्याणकारी योजनाओं का लाभ और सरकारी नीतियों का सही कार्यान्वयन सुनिश्चित करना था। लेकिन अब यह सामने आया है कि कुछ व्यक्तियों ने सिस्टम का दुरुपयोग किया है। उदाहरण के लिए, ग्राम पंचायत के एक मजदूर की फैमिली ID में उसकी कमाई ₹1.20 अरब के रूप में दर्ज की गई थी।
अधिकारियों की प्रतिक्रिया
जब इस मामले की जानकारी अधिकारियों को मिली, तो उन्होंने तुरंत जांच की। प्राथमिक जांच के बाद, अधिकारियों ने पाया कि वास्तविक आय केवल ₹60 हजार है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि डेटा में बड़ा झूठ और हेरफेर हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि यह बड़ी समस्या है जिसे गंभीरता से लिया जाएगा।
आर्थिक प्रभाव और सरकारी योजनाएं
इस घटना ने न केवल सरकारी योजनाओं पर सवाल उठाए हैं, बल्कि यह आर्थिक प्रभाव भी डाल सकता है। अगर ऐसे गलत आंकड़े जारी किए जाते हैं, तो यह कल्याणकारी योजनाओं के सही वितरण में बाधा डाल सकता है। हरियाणा जैसे राज्यों में जहां श्रमिक वर्ग की स्थिति पहले से ही चिंताजनक है, ऐसे मामलों को गंभीरता से लेना आवश्यक है।
आगे का रास्ता
सरकारी अधिकारियों को अति संवेदनशीलता के साथ कार्य करना चाहिए ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। डिजिटल डेटा प्रबंधन के लिए सख्त नियम बनाने होंगे और सही जानकारी के प्रति नागरिकों को जागरूक करना चाहिए। आमदनी और अन्य आंकड़ों का सही मूल्यांकन सुनिश्चित करना जरूरत है।
निष्कर्ष
हरियाणा में मजदूरों के सामाजिक और आर्थिक समावेश में सुधार लाने के लिए यह घटना बड़ी सीख है। सरकार को सिस्टम में सुधार करना चाहिए ताकि ऐसे मामलों का सामना करने की आवश्यकता न पड़े। हमें सभी स्तरों पर पारदर्शिता और ईमानदार डेटा प्रबंधन की आवश्यकता है, ताकि गरीब और जरूरतमंद लोगों को सही सहायता मिल सके।
फिर से ध्यान में रखते हुए, "कम शब्दों में कहें तो" यह हरियाणा में हुए एक बड़े मामले की गंभीरता को दर्शाता है, जहां डेटा हेरफेर से न केवल गलत सूचनाएं सामने आई, बल्कि मजदूरों की मेहनत को भी नजरअंदाज किया गया।
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