शेयर बाजार में इस हफ्ते उतार-चढ़ाव का अनुमान:US टैरिफ अपडेट से लेकर FII-DII फ्लो तक; यह फैक्टर्स तय करेंगे बाजार की चाल
शेयर बाजार में इस हफ्ते उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। डोमेस्टिक इकोनॉमिक डेटा, ऑटोमोबाइल सेल्स, US टैरिफ अपडेट, US जॉब्स डेटा, ग्लोबल इकोनॉमिक डेटा, FII-DII फ्लो और अपकमिंग IPO पर बाजार की नजर रहेगी। ऐसे फैक्टर्स जिनसे इस हफ्ते में बाजार की चाल तय होगी... डोमेस्टिक इकोनॉमिक डेटा डोमेस्टिक लेवल पर मार्केट पार्टिसिपेंट्स 2 अप्रैल को HSBC मैन्युफैक्चरिंग डेटा और 4 अप्रैल को सर्विस PMI के फाइनल नंबर्स पर नजर रखेंगे। शुरुआती अनुमानों के अनुसार, मार्च में मैन्युफैक्चरिंग PMI बढ़कर 57.6 हो गया, यह फरवरी में 56.3 था। सर्विस PMI घटकर 57.7 हो गया, जो फरवरी में 59 था। इसके अलावा वित्त वर्ष 2025 के आखिरी सप्ताह के लिए विदेशी मुद्रा भंडार के आंकड़े 4 अप्रैल को जारी किए जाएंगे। 21 मार्च को खत्म हुए सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 658.8 अरब डॉलर हो गया। ऑटोमोबाइल सेल्स आने वाले सप्ताह में ऑटोमोबाइल कंपनियां अपने मार्च के सेल्स डेटा जारी करेंगी। एनालिस्ट्स के अनुसार, सेल्स सभी सेक्टरों कमजोर रहने की उम्मीद है। मोतीलाल ओसवाल के अनुसार, मार्च में कॉमर्शियल व्हीकल सेगमेंट में रिटेल सेल्स में सालाना आधार पर 7-9%, पैसेंजर व्हीकल सेगेमेंट में 12-14%, टू-व्हीलर सेगमेंट में 11-13% की गिरावट आने का अनुमान है। US टैरिफ अपडेट ग्लोबल लेवल पर सभी निवेशकों की नजरें 2 अप्रैल पर होंगी। इस दिन अमेरिका की ओर से रेसिप्रोकल टैरिफ लागू होने वाला है। यह टैरिफ अमेरिका में उन देशों के सामानों पर लगेगा, जो अमेरिका के सामानों पर टैरिफ लगाते हैं। साथ ही ऑटोमोबाइल पर 25% टैरिफ भी 2 अप्रैल से प्रभावी होगा। इसके अलावा 2 अप्रैल को ही अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप टैरिफ को लेकर कोई नया ऐलान कर सकते हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार, अगर टैरिफ आक्रामक हुए तो ग्लोबल ट्रेड वॉर बढ़ सकती है। इससे ग्लोबल डेवलपमेंट को नुकसान हो सकता है। वहीं अमेरिकी अर्थवस्था में भी मंदी आ सकती है। US जॉब्स डेटा अमेरिकी नौकरियों के आंकड़ों पर भी नए सप्ताह में बाजार की नजर रहेगी। इनमें फरवरी के लिए जॉब ओपनिंग, क्विट्स का JOLTs का डेटा, मार्च के लिए बेरोजगारी दर और नॉन-फार्म पेरोल डेटा शामिल है। ब्याज दर पर फैसला लेते वक्त अमेरिका का केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व नौकरियों के डेटा पर भी ध्यान देता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि मार्च में बेरोजगारी दर में फरवरी के मुकाबले कुछ बढ़ोतरी होगी। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल अगले सप्ताह 4 अप्रैल को अपनी स्पीच देंगे। मार्केट पार्टिसिपेंट्स इसमें फेड की अगली पॉलिसी मीटिंग में ब्याज दरों पर रुख को लेकर कुछ संकेतों की तलाश करेंगे। ग्लोबल इकोनॉमिक डेटा अगले सप्ताह अमेरिका, चीन, जापान आदि सहित कई देशों की ओर से मार्च के लिए मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस PMI के फाइनल आंकड़े भी जारी किए जाएंगे। FII-DII फ्लो फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FII) की एक्टिविटीज पर भी बाजार की नजर रहेगी। FII लगातार दूसरे सप्ताह नेट बायर बने रहे। इससे मार्केट सेंटिमेंट्स को मजबूती मिली। 28 मार्च को समाप्त सप्ताह में उनकी खरीद 17,426 करोड़ रुपए की रही। इसके चलते FII मार्च में कैश सेगमेंट में 2,000 करोड़ रुपए के नेट बायर बन गए। इस बीच डॉमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (DII) ने पिछले हफ्ते मुनाफावसूली के बावजूद 6,797 करोड़ रुपए के शेयर खरीदकर बाजार के लिए अपना सपोर्ट बरकरार रखा। DII ने मार्च में 37,586 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे। इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) इस हफ्ते मेनबोर्ड सेगमेंट में कोई भी नया IPO ओपन नहीं होने वाला है। हालांकि, SME सेगमेंट में पहले से ओपन 3 IPO में पैसा लगाने का मौका है। इनमें से रेटैगियो इंडस्ट्रीज का IPO 2 अप्रैल को बंद होगा। वहीं स्पिनारू कमर्शियल और इन्फोनेटिव सॉल्यूशंस का IPO 3 अप्रैल को क्लोज होगा। नए सप्ताह में 1 अप्रैल को डेस्को इंफ्राटेक के शेयर BSE SME पर लिस्ट होंगे। इसके बाद 2 अप्रैल को श्री अहिंसा नेचुरल्स और ATC एनर्जीज के IPO की लिस्टिंग NSE SME पर होगी। 3 अप्रैल को आइडेंटिक्सवेब के शेयर BSE SME पर लिस्ट होंगे। पिछले हफ्ते सेंसेक्स 0.14% गिरा पिछले हफ्ते सेंसेक्स 109 अंक यानी 0.14% गिरा है। निफ्टी में बीते सप्ताह 21 (0.09%) अंक की तेजी रही थी। वहीं बीते हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार (28 मार्च) को सेंसेक्स करीब 198 अंक गिरकर 77,414 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में करीब 72 अंकों की गिरावट रही, ये 23,519 पर बंद हुआ था।

शेयर बाजार में इस हफ्ते उतार-चढ़ाव का अनुमान: US टैरिफ अपडेट से लेकर FII-DII फ्लो तक; यह फैक्टर्स तय करेंगे बाजार की चाल
Kharchaa Pani
लेखक: साक्षी शर्मा, टीम नेतनागरी
परिचय
इस हफ्ते शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। अमेरिकी टैरिफ अपडेट और विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) तथा घरेलू संस्थागत निवेशक (DII) के प्रवाह जैसे फैक्टर्स बाजार की दिशा को प्रभावित करेंगे। आइए, जानते हैं इस हफ्ते को लेकर क्या अन्वेषण और संकट सामने आ सकते हैं।
US टैरिफ अपडेट का प्रभाव
अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ का सीधा असर भारतीय शेयर बाजार पर पड़ सकता है। यदि अमेरिका ने किसी नया टैरिफ लगाया तो इससे भारतीय कंपनियों के निर्यात पर असर पड़ेगा। इससे निवेशकों के मन में चिंता का माहौल बन सकता है। दूसरी ओर, अगर टैरिफ में कमी आती है, तो इससे बाजार में सकारात्मक रुझान देखने को मिल सकता है।
FII और DII का प्रवाह
इस हफ्ते निवेशकों का ध्यान विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) और घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) के प्रवाह पर होगा। पिछले सप्ताह में, FII ने भारतीय बाजार से कुछ निकासी की थी, जबकि DII ने कुछ स्थिरता दिखाई थी। यदि FII द्वारा और निकासी होती है, तो बाजार में और गिरावट आ सकती है। दूसरी ओर, यदि DII का प्रवाह मजबूत बना रहता है, तो इससे बाजार को कुछ सहारा मिल सकता है।
कच्चे तेल की कीमतें
कच्चे तेल की कीमतें भी बाजार की चाल को प्रभावित करने वाली एक महत्वपूर्ण फैक्टर हैं। यदि कच्चे तेल के दाम में तेजी आती है, तो इससे महंगाई बढ़ सकती है, जिससे निवेशकों के मन में संदेह पैदा हो सकता है। इसके विपरीत, कच्चे तेल की दरों में गिरावट बाजार के लिए शुभ संकेत हो सकती है।
आर्थिक डेटा और अन्य संकेत
इस हफ्ते मीडिया द्वारा पेश किए जाने वाले विभिन्न आर्थिक आंकड़े और रिपोर्ट भी बाजार का रुख तय करेंगे। यदि महंगाई दर या जीडीपी वृद्धि का आंकड़ा बेहतरीन रहता है, तो यह बाजार के लिए सकारात्मक स्थिति दिखा सकता है।
निष्कर्ष
इस हफ्ते शेयर बाजार में कई फैक्टरों के चलते उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। अमेरिकी टैरिफ, FII-DII प्रवाह, कच्चे तेल की कीमतें और आर्थिक डेटा जैसे फैक्टर बाजार की चाल को प्रभावित करेंगे। निवेशकों को इन सभी संकेतों पर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि वे सही निर्णय ले सकें और बाजार में संभावित जोखिमों से बचे रह सकें।
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