अमृतसर में मंदिर पर ग्रेनेड फेंकने वालों से मुठभेड़:एक हमलावर ढेर, दूसरा फरार; पुलिस पार्टी को देख किया फायर
पंजाब के अमृतसर में मंदिर पर हैंड-ग्रेनेड फेंकने वालों में से एक को पुलिस ने ढेर कर दिया है। आज सोमवार सुबह पुलिस और हमलावरों के बीच हुई मुठभेड़ हुई। जिसमें आरोपी गुरसिदक उर्फ सिदकी मारा गया, जबकि उसका साथी विशाल उर्फ चुई फरार हो गया। पुलिस को मिली विशेष जानकारी के आधार पर सीआईए और छेहर्टा पुलिस की टीमों ने आरोपियों को पकड़ने के लिए अभियान चलाया था, जिसके दौरान यह मुठभेड़ हुई। एसएचओ छेहर्टा को अपराध में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल के बारे में विश्वसनीय जानकारी मिली थी, जिसके बाद पुलिस ने उसकी जांच शुरू की। पूछताछ में गुरसिदक और विशाल के नाम सामने आए। पुलिस को सूचना मिली कि ये दोनों आरोपी राजासांसी इलाके में घूम रहे हैं। इसके बाद पुलिस की टीमें गठित कर इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। पुलिस को देख किया फायर सुबह के समय जब पुलिस ने आरोपियों की मोटरसाइकिल को रोकने की कोशिश की, तो उन्होंने मोटरसाइकिल छोड़कर पुलिस पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं। इस फायरिंग में कांस्टेबल गुरप्रीत सिंह के बाएं हाथ पर गोली लगी, जबकि एक गोली इंस्पेक्टर अमोलक सिंह की पगड़ी पर और एक पुलिस वाहन पर भी लगी। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए फायरिंग की, जिसमें गुरसिदक गंभीर रूप से घायल हो गया, जबकि उसका साथी विशाल मौके से फरार हो गया। अस्पताल में इलाज के दौरान मौत घायल गुरसिदक और कांस्टेबल गुरप्रीत सिंह को इलाज के लिए सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान गुरसिदक की मौत हो गई। पुलिस अब इस मामले में पाकिस्तान और आईएसआई से आरोपियों के संभावित संबंधों की भी जांच कर रही है। फिलहाल, फरार आरोपी विशाल की तलाश जारी है और पुलिस उसे पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है। मोटरसाइकिल पर लगाया था झंडा सीसीटीवी में ये पूरी घटना कैद हुई थी। शुरुआती जांच में पता चला था कि दोनों युवक मोटरसाइकिल पर आए थे, उनके मोटरसाइकिल पर झंडा था। ताकि ये आरोपी होले मोहल्ले का फायदा उठा पुलिस की गिरफ्त से बच सकें। घटना शुक्रवार-शनिवार देर रात करीब 12:35 बजे की थी। वे कुछ देर तक मंदिर के बाहर खड़े रहे और फिर मंदिर की तरफ कोई वस्तु फेंकी। जैसे ही वे वहां से भागे, मंदिर में जोरदार धमाका हुआ। उस समय मंदिर का पुजारी मुरारी लाल शर्मा भी अंदर सो रहे थे, लेकिन किस्मत से वह बाल-बाल बच गए। उन्होंने ही रात छेहर्टा थाने में पहुंच घटना की जानकारी दी। मंदिर को निशाना बनाने का पहला मामला पिछले साल नवंबर से पंजाब के अमृतसर और आसपास के जिलों में हो रहे धमाकों के बीच किसी धार्मिक स्थल या मंदिर को निशाना बनाने का यह पहला मामला है। इससे पहले अमृतसर और पंजाब के अन्य जिलों में जितने भी धमाके हुए, उनमें से ज्यादातर पंजाब पुलिस के थानों और पुलिस चौकियों के पास हुए। अब तक हुए 13 धमाके पंजाब में इससे पहले हो चुके 13 धमाके 24 नवंबर- अजनाला थाने के बाहर RDX लगाया गया था। हालांकि, यह फटा नहीं। इसकी जिम्मेदारी हैप्पी पासियां ने ली थी, जबकि इस मामले में पुलिस 2 आरोपियों को पकड़ चुकी है। उनसे हैंड ग्रेनेड भी बरामद किए गए थे। 27 नवंबर- गुरबख्श नगर में बंद पुलिस चौकी में ग्रेनेड विस्फोट हुआ था। यह हमला भी बंद चौकी में हुआ था। 2 दिसंबर- एसबीएस नगर के काठगढ़ थाने में ग्रेनेड विस्फोट हुआ था। इस मामले में भी पुलिस ने 3 आतंकियों को गिरफ्तार किया था और उनसे हथियार बरामद किए गए थे। 4 दिसंबर- मजीठा थाने में ग्रेनेड विस्फोट हुआ तो पुलिस ने हमला मानने से ही इनकार कर दिया। पुलिस का कहना था कि उनके एक कर्मी की बाइक का टायर फटा है। हालांकि, इलाके के पूर्व विधायक बिक्रम मजीठिया ने थाने की तस्वीरों के साथ इसे आतंकी घटना बताया था। 13 दिसंबर- अलीवाल बटाला थाने में ग्रेनेड विस्फोट हुआ था। इस घटना की जिम्मेदारी भी हैप्पी पासियां और उसके साथी ने ली थी। इस घटना को भी रात के समय ही अंजाम दिया गया। 17 दिसंबर- इस्लामाबाद थाने में ग्रेनेड विस्फोट किया गया। सुबह जब खबर फैली तो पुलिस कमिश्नर और लोकल पुलिस ने इसे ब्लास्ट नहीं बताया, लेकिन दोपहर DGP पंजाब खुद अमृतसर पहुंचे और उन्होंने माना कि यह एक आतंकी घटना थी और बम फोड़ा गया था। 19 दिसंबर- पंजाब के भारत-पाकिस्तान बॉर्डर से सटे गुरदासपुर जिले की बंद पड़ी पुलिस चौकी बख्शीवाला पर आतंकी हमला हुआ। पुलिस द्वारा किसी मामले में जब्त किए गए ऑटो पर आतंकियों ने ग्रेनेड फेंका। 21 दिसंबर- गुरदासपुर के कलानौर क्षेत्र में बंगा वडाला गांव की पुलिस चौकी रात को धमाके से दहल गई। इस हमले की जिम्मेदारी भी बब्बर खालसा इंटरनेशनल ने ली थी। 19 जनवरी- अमृतसर की गुमटाला चौकी पर धमाका हुआ था। बब्बर खालसा इंटरनेशनल ने इसकी जिम्मेदारी ली थी। 16 जनवरी- अमृतसर जिले के गांव जैंतीपुर में रात को शराब कारोबारी अमनदीप जैंतीपुरिया के घर पर ग्रेनेड हमला हुआ। 3 फरवरी- अमृतसर के फतेहगढ़ चूडियां रोड स्थित बंद पड़ी पुलिस चौकी को आतंकियों ने निशाना बनाया था। ये भी लो इंटेंसिटी धमाका था और पुलिस ने इसे ग्रेनेड हमला मानने से मना किया था। 14 फरवरी- गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक में पुलिसकर्मी के घर को टारगेट किया। यह लो इंटेंसिटी धमाका था। 15 मार्च- गुरु नानक देव यूनविर्सिटी के पास खंडवाला क्षेत्र में ठाकुरद्वारा मंदिर पर हैंड ग्रेनेड से हमला किया गया। 16 मार्च- जालंधर में यू-ट्यूबर के घर पर हैंड ग्रेनेड फेंका गया। लेकिन ये ग्रेनेड फट ना सका।

अमृतसर में मंदिर पर ग्रेनेड फेंकने वालों से मुठभेड़: एक हमलावर ढेर, दूसरा फरार; पुलिस पार्टी को देख किया फायर
खर्चा पानी
अमृतसर: पंजाब के अमृतसर में एक मंदिर परिसर में ग्रेनेड फेंकने वाले हमलावरों के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई की। इस मुठभेड़ में एक हमलावर को मार गिराया गया जबकि दूसरा भागने में सफल रहा। इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों में डर फैलाया है, बल्कि पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी एक नई चिंता का विषय बन गया है।
घटनास्थल का विवरण
यह घटना गुरुद्वारा श्री रकाब गंज साहिब के आसपास हुई, जहां दो हथियारबंद अपराधियों ने अचानक ग्रेनेड फेंका। स्थानीय लोगों ने सुनी ध्वनि के तुरंत बाद पुलिस को सूचित किया। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने सुरक्षा घेरा बनाया और हमलावरों को पकड़ने के लिए ऑपरेशन शुरू किया।
मुठभेड़ का विवरण
पुलिस पार्टी के पहुंचने पर, हमलावरों ने उन्हीं पर फायरिंग शुरू कर दी। इस मुठभेड़ में एक हमलावर मारा गया, जबकि दूसरा अंधेरे का फायदा उठाते हुए फरार हो गया। मारे गए हमलावर की पहचान अभी तक नहीं हुई है, लेकिन पुलिस इस मामले में गहन जांच कर रही है।
पुलिस की कार्रवाई और उनके ब्यान
अमृतसर पुलिस ने घटना की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया है। पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमलावरों की पहचान के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं और सर्च ऑपरेशन जारी है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि ऐसे अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद से स्थानीय लोगों में भय का माहौल है। मंदिर के पास रहने वाली महिलाओं ने अपनी चिंता व्यक्त की है कि इस तरह की घटनाएं उनके बच्चों और परिवारों की सुरक्षा को खतरे में डाल रही हैं। प्रशासन ने सभी लोगों को सतर्क रहने की अपील की है और सुरक्षा की दृष्टि से स्थानीय चौकसी बढ़ाने का आश्वासन दिया है।
निष्कर्ष
अमृतसर में हुई यह मुठभेड़ एक गंभीर मुद्दा है जो आतंकवाद और कानून-व्यवस्था की स्थिति को उजागर करता है। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के प्रयासों की आवश्यकता है ताकि इस तरह के हमलों को रोका जा सके। स्थानीय समुदाय की सुरक्षा सबसे पहले होनी चाहिए और सभी को मिलकर इसे सुनिश्चित करना होगा।
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