जिंदल परिवार का खट्टर-सैनी को झटका:हिसार आएंगे अमित शाह, जिस कैंसर अस्पताल को सरकार मंजूरी नहीं दे रही, उसकी डिमांड करेंगे
हरियाणा के जिंदल परिवार ने केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और CM नायब सैनी को झटका दिया है। हिसार में जिस कैंसर अस्पताल की उन्हें हरियाणा सरकार से मंजूरी नहीं मिल रही है, उसके के लिए वह अब केंद्रीय मंत्री अमित शाह के पास पहुंच गए हैं। दरअसल, हिसार के अग्रोहा में कैंसर अस्पताल खोलना जिंदल परिवार के ड्रिम प्रोजेक्टों में शामिल है। यहां 2 बार CM आए, लेकिन इसको लेकर कोई घोषणा नहीं की गई। अब हिसार में 31 मार्च को गृहमंत्री अमित शाह आ रहे हैं। वह ओपी जिंदल की पुण्यतिथि पर अग्रोहा मेडिकल कॉलेज पहुंचेंगे। जिंदल हाउस लगातार गृह विभाग के संपर्क में बना हुआ है। कार्यक्रम के शेड्यूल को लेकर पूर्व राज्यसभा सांसद डीपी वत्स लगातार बातचीत कर रहे हैं। हिसार में अमित शाह को बुलाकर जिंदल हाउस अपनी पॉलिटिकल पावर विरोधियों को दिखाना चाहता है। हरियाणा BJP में लगातार उपेक्षित चल रहे जिंदल हाउस को अमित शाह के आने से संजीवनी मिल सकती है। जिंदल हाउस अमित शाह के हाथों अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में ICU यूनिट और सुपर मल्टी स्पेशियलिटी सुविधाओं का उद्घाटन करेंगे। इसके अलावा जिंदल हाउस अमित शाह से कैंसर अस्पताल की डिमांड कर सकता है। जिंदल के ड्रीम प्रोजेक्ट को 3 साल से मंजूरी का इंतजार मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने 3 साल पहले कैंसर अस्पताल की मंजूरी के लिए आवेदन किया था। 6 मार्च 2022 को इसकी आधारशिला भी रखी जा चुकी है, लेकिन अभी तक सरकार से मंजूरी नहीं मिली है। कैसर अस्पताल पर करीब 120 करोड़ रुपए की लागत आ सकती है, जिसमें से 60 करोड़ रुपए मुंबई के दानी अग्रवाल ने देने की सहमति दी थी मगर, हरियाणा सरकार ने इसकी भी मंजूरी नहीं दी थी। कैंसर अस्पताल मेडिकल कॉलेज अग्रोहा में 60 हजार गज एरिया में 50 बेड का बनना प्रस्तावित है। अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में हर रोज कैंसर के कई मरीज आते हैं। मेडिकल कॉलेज में हर रोज लगभग 3 हजार मरीजों की ओपीडी है। अग्रोहा में कैंसर अस्पताल बनने से इसका लाभ हरियाणा, पंजाब, राजस्थान के मरीजों को भी मिलेगा। फतेहाबाद के गोरखपुर में परमाणु संयंत्र लगने से यहां निकलने वाली रेडिएशन से कैंसर मरीजों की संख्या भविष्य में बढ़ने के आसार हैं। अमित शाह को बुलाने की 3 वजहें... 1. प्रोजेक्टों को सरकार लटका रही: जिंदल हाउस के प्रोजेक्टों को सरकार लगातार लटका रही है। अग्रोहा मेडिकल कॉलेज से जुड़े विकास कार्य अधर में है। सरकार के साथ रहने के बाद भी 3 साल से ड्रीम प्रोजेक्ट अटके हुए हैं। सरकार दूसरों जिलों में मेडिकल कॉलेज में जितना पैसा खर्च रही है उस अनुपात में अग्रोहा मेडिकल कॉलेज को बजट जारी नहीं किया जा रहा है, जबकि अग्रोहा मेडिकल कॉलेज हरियाणा के पुराने कॉलेजों में से एक है। 2. विधानसभा में टिकट कटी: जिंदल परिवार हिसार से BJP की टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ना चाहता था, मगर ऐन मौके पर टिकट काटकर पूर्व मंत्री डॉक्टर कमल गुप्ता को टिकट दे दिया गया। इससे जिंदल परिवार नाराज हो गया था। सावित्री जिंदल कांग्रेस की टिकट लेने दिल्ली के लिए निकल पड़ी थी, मगर अमित शाह के फोन के बाद कांग्रेस जॉइनिंग का इरादा बदला। सावित्री जिंदल निर्दलीय चुनाव लड़ीं और जीत गईं। 3. निकाय चुनाव में अनदेखी: निकाय चुनाव में भी जिंदल परिवार की पूरी तरह अनदेखी की गई। जिंदल परिवार हिसार से शकुंतला राजलीवाला को मेयर का टिकट दिलवाना चाहता था, मगर हरियाणा BJP ने उनकी बात को अनसुना कर प्रवीण पोपली को टिकट दिया। इतना ही नहीं पार्षदों में भी जिंदल हाउस समर्थित 6 लोगों को ही टिकट दिए गए, जिसमें से 5 पार्षद चुनकर आए। उपेक्षा के बावजूद जिंदल परिवार प्रचार करता नजर आया।

जिंदल परिवार का खट्टर-सैनी को झटका: हिसार आएंगे अमित शाह, जिस कैंसर अस्पताल को सरकार मंजूरी नहीं दे रही, उसकी डिमांड करेंगे
लेखक: स्नेहा वर्मा, टीम नेतानागरी
Kharchaa Pani
परिचय
हरियाणा में राजनीति के ताने-बाने में नया मोड़ आ गया है। जिंदल परिवार के सदस्यों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के मरीज के लिए संवेदनशीलता को चुनौती देते हुए एक बड़ा कदम उठाने की योजना बनाई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का हिसार दौरा और यहां कैंसर अस्पताल के मुद्दे पर जानकारी लेने का प्रयास इस विवाद को और बढ़ा सकता है।
हरियाणा में कैंसर अस्पताल की स्थिति
हरियाणा में मरीजों को उचित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए अत्याधुनिक कैंसर अस्पतालों की आवश्यकता है। हालांकि, राज्य सरकार ने जिंदल परिवार के कैंसर अस्पताल को अभी तक मंजूरी नहीं दी है। यह अस्पताल न केवल देश में कैंसर मरीजों के उपचार के लिए महत्वपूर्ण होगा, बल्कि यह क्षेत्रीय स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार करेगा।
अमित शाह का दौरा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आगामी हिसार दौरा, जो कि जिंदल परिवार की ओर से उठाए गए इस मुद्दे का नया आलम है, इसे लेकर सभी राजनीतिक पंडितों की नजरें इस पर टिकी हुई हैं। कहा जा रहा है कि अमित शाह इस दौरे के दौरान जिंदल परिवार के कैंसर अस्पताल के लिए सरकार से मांग करेंगे।
जिंदल परिवार का बयान
जिंदल परिवार ने एक बयान जारी कर कहा है कि "हम सरकार से यह मांग करते हैं कि वह कैंसर अस्पताल को तत्काल मंजूरी दे।" परिवार का ये बयान स्वास्थ्य के प्रति उनकी गंभीरता को दर्शाता है और यह भी कि वे राजनीति में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए तैयार हैं।
राजनीतिक प्रभाव
इस मामले से न केवल जिंदल परिवार के राजनीतिक रुझान साफ हो रहे हैं, बल्कि इससे खट्टर-सैनी की जोड़ी पर भी दबाव बढ़ सकता है। इन दोनों नेताओं के लिए यह चुनौती होगी कि वे जिंदल परिवार की मांगों का क्या जवाब देते हैं और क्या वे भविष्य के चुनावों में इसका असर महसूस करेंगे।
निष्कर्ष
हरियाणा की राजनीति में नए बदलाव का संकेत इस उठाए हुए मुद्दे से मिल रहा है। जिंदल परिवार का कैंसर अस्पताल के लिए संघर्ष केवल स्वास्थ्य सेवाओं के ऐपलीकेशन का मामला नहीं है, बल्कि यह एक बड़ी राजनीतिक बिसात पर जिंदा रहने का प्रयास भी है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि अमित शाह का ये दौरा किस दिशा में मोड़ लाता है।
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