स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र:जिस प्रसन्नता, शांति और ऊर्जा को हम बाहर ढूंढ रहे, वो हमारे मन में ही है
जिस आनंद, प्रसन्नता, शांति और ऊर्जा को हम बाहर ढूंढ रहे हैं, वो हमारे मन में ही है। मनुष्य ये विचार ही नहीं कर पाता कि जिसे वो बाहर ढूंढ रहा है, वो बहुत दूर नहीं है। वो बहुत दुर्गम रास्ते पर चलकर प्राप्त होने वाली वस्तु नहीं है। जिसे वो ढूंढ रहा है, वह स्वयं में है। हम आनंद के अक्षय स्रोत हैं, वो मिटने वाला स्रोत नहीं है, ये हमें स्वाध्याय से दिखाई दे सकता है। शास्त्र की ओर लौटिए। जैसे ही आप स्वाध्याय करेंगे, आपको आपकी सत्यता का परिचय हो जाएगा। आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए सत्संग से क्या लाभ मिलते हैं? आज का जीवन सूत्र जानने के लिए ऊपर फोटो पर क्लिक करें।
स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र: जिस प्रसन्नता, शांति और ऊर्जा को हम बाहर ढूंढ रहे, वो हमारे मन में ही है
Kharchaa Pani
लेखकों की टीम: नेतनागरी की महिलाओं द्वारा
परिचय
स्वामी अवधेशानंद जी गिरि, जिन्हें भारतीय संतों में विशेष स्थान प्राप्त है, ने अपने जीवन में सिखाए गए जीवन सूत्रों से अनेक लोगों को प्रेरित किया है। उनका कहना था कि जो प्रसन्नता, शांति और ऊर्जा हम जीवन में खोजते हैं, वह दरअसल हमारे अंदर ही विद्यमान है। इस लेख में हम उनके जीवन के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं और शिक्षाओं पर चर्चा करेंगे।
स्वामी का जीवन और दर्शन
स्वामी अवधेशानंद जी का जन्म 28 नवंबर 1951 को हुआ था। वे बचपन से ही साधुता की ओर आकर्षित थे। पुनर्जागरण की इस धारणा में उन्होंने अपने गुरु से ध्यान और साधना का गहन अध्ययन किया। उन्होंने सिखाया कि ध्यान लगाने से व्यक्ति अपने मन की गहराइयों में जाकर उस ऊर्जा को महसूस कर सकता है जो उसे बाहरी दुनिया में खोजने का प्रयास करना पड़ता है।
उन्होंने अपने अनुयायियों को बताया कि एक सकारात्मक सोच और आंतरिक शांति से हम सच्चे सुख को प्राप्त कर सकते हैं। उनका मानना था कि अगर हम अपनी सोच को बदलते हैं, तो हमारी दुनिया भी बदल जाती है।
जीवन की कठिनाइयों का सामना
स्वामी जी ने अपने जीवन में अनेक कठिनाइयों का सामना किया, फिर भी वे कभी विचलित नहीं हुए। एक बार उन्होंने कहा था, "जीवन के हर मोड़ पर धैर्य और साहस हमारी सबसे बड़ी संपत्ति हैं।" दिमागी तनाव और जीवन की समस्याओं का सामना करने के लिए उन्होंने योग और ध्यान को उपाय बताया।
उत्तर भारत के सत्संगों में उनकी शिक्षाएं लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में सहायक रही हैं। उनकी शिक्षाओं का सरलता और स्पष्टता के साथ प्रस्तुति में अत्यधिक महत्व था।
व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन
स्वामी अवधेशानंद जी गिरि ने अपने जीवन में सम्पूर्णता की प्राप्ति का मार्ग अपने अनुयायियों को दिखाया। वे केवल आंतरिक अनुभव के लिए नहीं, बल्कि सामाजिक उत्थान के लिए भी पर्याप्त कार्य करते रहे। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और सेवा के क्षेत्रों में अपने योगदान से समाज को जागरूक किया।
निष्कर्ष
स्वामी अवधेशानंद जी गिरि का जीवन और उनकी शिक्षाएं हमें याद दिलाती हैं कि सच्ची प्रसन्नता, शांति और ऊर्जा हमारे भीतर ही है। हमें इसे खोजने के लिए बाहर की दुनिया में नहीं दौड़ना पड़ेगा। उनके जीवन सूत्रों का अनुसरण करके हम अपने जीवन को और भी अधिक समृद्ध और सकारात्मक बना सकते हैं। उनकी शिक्षाएं एक प्रेरणा का स्रोत हैं जो हमें जीवन के वास्तविक अर्थ को समझने में मदद करती हैं।
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