बजट सत्र का आज 10वां दिन:कर्नाटक डिप्टी CM के बयान पर संसद में हंगामे के आसार; कल रिजिजू-खड़गे की बहस हुई थी

संसद में बजट सत्र के दूसरे फेज का आज 10वां दिन है। लोकसभा और राज्यसभा में आज मुस्लिम आरक्षण को लेकर कर्नाटक के डिप्टी CM डीके शिवकुमार के बयान पर फिर से हंगामा हो सकता है। सोमवार को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा- कांग्रेस ने बाबासाहेब अंबेडकर के संविधान का अपमान किया है। जवाब में मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था- बाबासाहेब के संविधान को कोई नहीं बदल सकता। आरक्षण को कोई खत्म नहीं कर सकता। इसकी रक्षा के लिए हमने भारत जोड़ो यात्रा की। आप भारत तोड़ रहे हैं। दरअसल, डिप्टी CM शिवकुमार ने 23 मार्च को कर्नाटक के एक कार्यक्रम में मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर कहा था कि संविधान बदल देंगे। बजट सत्र के पिछले 9 दिन की कार्यवाही पढ़ें... 24 मार्च: भाजपा ने मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा उठाया। सपा सांसद पोस्टर लेकर सदन में आए। इस पर स्पीकर ओम बिरला ने आपत्ति जताई। रिजिजू सदन पहुंचे और कर्नाटक के डिप्टी CM को बर्खास्त करने की मांग की। वहीं, मामला बढ़ने पर कर्नाटक के डिप्टी CM डीके शिवकुमार ने कहा, 'मैंने संविधान बदलने की बात नहीं कही। ये लोग (BJP) गलत बातें फैला रहे हैं। हमारी राष्ट्रीय पार्टी है।' 21 मार्च: शाह ने कहा- पिछले 10 साल में प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में बहुत कुछ बदला। आतंकवाद, नक्सलवाद और पूर्वोत्तर में उग्रवाद नासूर बने थे। हमें पिछली सरकार ने इसे विरासत में दिया था। 2014 में हमारी सरकार बनी तो हमने तीनों मोर्चों पर मुकाबला किया। जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं से हुई मौतों में 70% कमी आई है। 20 मार्च: DMK सांसदों की टीशर्ट पर परिसीमन के विरोध में नारे लिखे थे। टीशर्ट पर लिखा था- तमिलनाडु लड़ेगा और जीतेगा। यह देखकर स्पीकर ओम बिरला नाराज हो गए। उन्होंने चेतावनी दी कि सांसद जब टीशर्ट बदलकर आएंगे तभी सदन चलेगा। 19 मार्च: बजट सत्र के छठे दिन गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने आतंकी घटनाओं पर केंद्र सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा- पहले आतंकवादियों का महिमामंडन किया जाता था, लेकिन मोदी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी अपनाई है। मोदी सरकार में आतंकवादी घटनाओं में 71 प्रतिशत की कमी आई है और आतंकवादी अब या तो जेल जाएंगे या जहन्नुम जाएंगे।' 18 मार्च: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में कहा- महाकुंभ पर सवाल उठाने वालों को जवाब मिला है। देश के कोने-कोने में आध्यात्मिक चेतना उभरी है। महाकुंभ में राष्ट्रीय चेतना के दर्शन हुए और महाकुंभ के उत्साह-उमंग को महसूस किया। देश की सामूहिक चेतना का नतीजा महाकुंभ के दौरान देखने को मिला। युवा पीढ़ी भी पूरे भाव से महाकुंभ से जुड़ी। राहुल गांधी ने मोदी के महाकुंभ पर दिए वक्तव्य पर कहा- मैं प्रधानमंत्री की बात का समर्थन करना चाहता था। कुंभ हमारी परंपरा है, संस्कृति है, इतिहास है। एक शिकायत थी कि प्रधानमंत्री ने जिनकी मृत्यु हुई उन्हें श्रद्धांजलि नहीं दी। 17 मार्च: होली की छुट्टियों के बाद सोमवार को बजट सत्र के दूसरे फेज का चौथा दिन था। राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस (TMC), कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों के 10 सांसदों ने पूरे दिन सदन की कार्यवाही रोककर डुप्लीकेट वोटर आईडी पर चर्चा की मांग की। उपसभापति हरिवंश के इनकार के बाद कांग्रेस और TMC ने राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया। उधर लोकसभा में रेल मंत्रालय की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान महाराष्ट्र से कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड़ ने रेल मंत्री को घेरा। उन्होंने कहा कि दावा किया जाता है कि रेल बजट में अभूतपूर्व बदलाव किए गए, जबकि सच ये है कि फेल बजट है। मौजूदा सरकार नरेटिव बनाने की कोशिश करती है कि विकास के सभी काम 2014 के बाद हुए। जबकि तथ्य ये है कि पब्लिक सेक्टर की कंपनियां खराब स्थिति में हैं। 12 मार्च: भारत-पाक बॉर्डर पर एनर्जी प्रोजेक्ट का विरोध बजट सत्र के तीसरे दिन लोकसभा में देश की सुरक्षा का मुद्दा उठा। कांग्रेस और DMK ने भारत-पाकिस्तान सीमा पर रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट को मंजूरी दिए जाने पर आपत्ति जताई। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि इस प्रोजेक्ट से देश की सुरक्षा को खतरा है। ये प्रोजेक्ट बॉर्डर से 1 किमी के दायरे में लगेंगे, जबकि बॉर्डर के 10 किमी तक के दायरे में किसी तरह का निर्माण नहीं किया जा सकता। दरअसल, गुजरात सरकार ने भारत-पाक सीमा से 1 किमी के दायरे में एनर्जी प्रोजेक्ट के लिए अडाणी ग्रुप को 25 हजार हेक्टेयर जमीन दी है। कांग्रेस सांसद ने सवाल किया कि क्या इस प्रोजेक्ट को कोई छूट दी गई थी। इस पर सरकार ने कहा कि केंद्र, राज्य और संबंधित एजेंसियों से मंजूरी मिलने के बाद किसी ही प्रस्ताव को मंजूरी और लाइसेंस दिए जाते हैं। 11 मार्च: खड़गे के ठोकेंगे बयान पर हंगामा, फिर माफी मांगी राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के 'ठोकेंगे' वाले बयान पर हंगामा हुआ। दरअसल, डिप्टी चेयरमैन ने दिग्विजय सिंह को बोलने के लिए कहा, लेकिन खड़गे बीच में अपनी बात रखने लगे। इस पर डिप्टी चेयरमैन हरिवंश ने उन्हें टोका, कहा- आप सुबह बोल चुके हैं। इस पर खड़गे ने कहा- 'ये क्या डिक्टेटरशिप है। मैं हाथ जोड़कर आपसे बोलने की अनुमति मांग रहा हूं।' इस पर हरिवंश ने कहा- अभी दिग्विजय सिंह के बोलने का मौका है, इसलिए आप बैठ जाइए। इसके बाद खड़गे ने कहा- वो तो बोलेंगे ही, लेकिन आपको क्या-क्या ठोकना है हम ठीक से ठोकेंगे, सरकार को भी ठोकेंगे। जब हरिवंश ने खड़गे के बयान पर आपत्ति जताई तो उन्होंने कहा कि हम सरकार की नीतियों को ठोकने की बात कर रहे हैं। इमिग्रेशन बिल पेश, बिना वैध पासपोर्ट भारत में एंट्री पर 5 साल जेल भारत आने वाले विदेशी नागरिकों की आवाजाही को व्यवस्थित बनाने के लिए लोकसभा में इमिग्रेशन और फॉरेनर्स बिल-2025 पेश किया। इस बिल के मुताबिक, कोई व्यक्ति अगर गैर कानूनी तरीके से किसी विदेशी को देश में लाता, ठहराता या बसाता है, तो उसे 3 साल जेल या 2 से 5 लाख रुपए का जुर्माना या फिर

Mar 25, 2025 - 03:34
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बजट सत्र का आज 10वां दिन:कर्नाटक डिप्टी CM के बयान पर संसद में हंगामे के आसार; कल रिजिजू-खड़गे की बहस हुई थी

बजट सत्र का आज 10वां दिन:कर्नाटक डिप्टी CM के बयान पर संसद में हंगामे के आसार; कल रिजिजू-खड़गे की बहस हुई थी

Kharchaa Pani - आज बजट सत्र का 10वां दिन है, और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री के बयान को लेकर संसद में हंगामे की आशंकाएँ जताई जा रही हैं। कल केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू और कांग्रेस के प्रमुख नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच हुई तीखी बहस ने इस मामले को और भी गरमा दिया है।

उपमुख्यमंत्री का बयान

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डार्लिंग सेठ ने हाल ही में एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार पर कुछ गंभीर आरोप लगाए। उनके इस बयान पर विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। जबकि विजयपुरा में आयोजित एक कार्यक्रम में सेठ ने कहा कि केंद्र सरकार राज्य सरकारों के विकास कार्यों में बाधा डाल रही है।

संसद में हंगामा की संभावना

इस बयान के बाद से ही संसद में आज हंगामे की संभावना बढ़ गई है। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि केंद्र की नीतियाँ राज्यों के विकास के लिए बाधक बन रही हैं। इसके जवाब में सरकार ने अपने रुख को स्पष्ट करते हुए कहा है कि वह सभी राज्य सरकारों के साथ सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है।

रिजिजू-खड़गे की बहस

कल हुई बहस में कर्नाटक की राजनीति की बुनियाद पर भी चर्चा हुई थी। रिजिजू ने खड़गे पर आरोप लगाया था कि वह सत्ता की भूख में अंधे हो गए हैं, जबकि खड़गे ने केंद्र सरकार को विकास में विघ्न डालने का आरोप लगाया। यह बहस दोनों पक्षों के बीच तीखी हो गई थी, जिससे स्पष्ट होता है कि कर्नाटक की राजनीति में स्थिति कितनी तनावपूर्ण है।

निष्कर्ष

बजट सत्र का 10वां दिन कई घटनाओं के कारण महत्वपूर्ण है। विपक्ष के सवालों का सामना करने के लिए सरकार को एक मजबूती से खड़ा होना होगा। आज की कार्यवाही महत्वपूर्ण होगी, और इसके परिणामों पर सभी की नजरें रहेंगी। इस स्थिति में, सभी दलों को आपसी संवाद और सहयोग की आवश्यकता है ताकि भारत के विकास की यात्रा आगे बढ़ सके।

फिर से कहें तो, कल की बहस ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हमारी संसद वास्तव में जनता के सवालों का सही ढंग से जवाब दे पा रही है।

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